- प्रशासन और स्वास्थ्य विभाग ने 11 प्राइवेट हॉस्पिटल को अधिग्रहीत कर कोविड एल-टू फैसिलिटी किया घोषित

- अधिग्रहित किए गए अस्पतालों में से 8 आयुष्मान भारत योजना से संबद्ध

- प्रशासन और स्वास्थ्य विभाग ने क्क् प्राइवेट हॉस्पिटल को अधिग्रहीत कर कोविड एल-टू फैसिलिटी किया घोषित

- अधिग्रहित किए गए अस्पतालों में से 8 आयुष्मान भारत योजना से संबद्ध

GORAKHPUR: GORAKHPUR: आयुष्मान भारत योजना के लाभार्थी मरीजों का कोरोना इलाज लेवल टू के प्राइवेट हॉस्पिटल में फ्री में किया जाएगा। जिला प्रशासन और स्वास्थ्य विभाग ने क्क् निजी अस्पतालों को अधिग्रहित कर लेवल-टू फैसिलिटी घोषित किया है, जिनमें योजना से संबद्ध 8 अस्पताल भी शामिल हैं। सीएमओ डॉ। श्रीकांत तिवारी ने बताया कि इन 8 अस्पतालों में ख्0 फीसदी बेड योजना के मरीजों को समर्पित होंगे, जहां इलाज के बाद भुगतान योजना के तहत ही होगा। उन्होंने बताया कि डीएम के। विजयेंद्र पांडियन के निर्देशानुसार अधिग्रहित इन अस्पतालों से एल-टू फैसिलिटी में करीब ख्भ्0 बेड की सुविधा बढ़ जाएगी।

सीएमओ ने बताया कि इन अस्पतालों में इलाज कराने के लिए गैर आयुष्मान मरीजों को शासन द्वारा निर्धारित दर पर भुगतान करना होगा। सामान्य लक्षण के मरीजों को प्रतिदिन 8000 रुपए की दर से, जबकि गंभीर मामलों में क्फ्000 रुपए प्रतिदिन की दर से देना होगा। कोविड-क्9 के जो भी मरीज इन अस्पतालों में निजी सुविधा के साथ इलाज कराना चाहते हैं, उनके लिए यह विकल्प खुला रहेगा। उन्होंने बताया कि अस्पतालों के साथ समंवय का कार्य एडिशनल सीएमओ डॉ। नीरज कुमार पांडेय को सौंपा गया है। उन्होंने बताया कि अभी तक बीआरडी मेडिकल कालेज में एल-टू फैसिलिटी उपलब्ध थी, जिसे क्00 बेड के टीबी हॉस्पिटल में भी शुरू करा दिया गया है। निजी अस्पतालों को अधिग्रहित करने के बाद बेड की किल्लत काफी हद तक कम हो जाएगी और निजी क्षेत्र में उपलब्ध सुविधाओं का लाभ भी मरीजों को मिलने लगेगा।

इन हॉस्पिटल को किया गया है अधिग्रहित

- आनंदलोक रिमेडियल रिसर्च सेंटर प्रा। लि।

- स्टॉर हॉस्पिटल प्राइवेट लिमिटेड

- न्यू उदय मेडिकल सेंटर

- पल्स हॉस्पिटल

- आर्यन हॉस्पिटल

- दिव्यमान हॉस्पिटल एंड सर्जिकल मैटर्निटी होम

- गर्ग हॉस्पिटल

- सावित्री हॉस्पिटल एंड रिसर्च सेंटर

- राणा हॉस्पिटल

- सिटी हॉस्पिटल

एल-वन और एल-टू को जानिए

कोरोना इलाज के तीन अलग-अलग श्रेणी के अस्पताल होते हैं। लेवल-वन यानी एल-वन हॉस्पिटल में वह मरीज रखे जाते हैं जिनमें कोरोना के लक्षण नहीं दिखते हैं, जबकि एल-टू हॉस्पिटल में वह मरीज रखे जाते हैं जिनमें कोरोना के सामान्य लक्षण दिखते हैं, मसलन बुखार, जुकाम, छींक आना आदि। एल-थ्री अस्पताल में गंभीर लक्षणों वाले मरीजों को एडमिट किया जाता है।

Posted By: Inextlive