- Builders अधूरी जानकारी देकर बेच देते हैं Property

- लोगों की जल्दबाजी का भी उठा लेते हैं फायदा

- कई बार Public पैसा देने के बाद भी Court का लगाती रह जाती है चक्कर

GORAKHPUR: अगर आप किसी प्राइवेट कॉलोनी डेवलपर से मकान या प्लॉट खरीदना चाह रहे हैं तो जरा सावधान रहिएगा। हड़बड़ी में की खरीदारी आपको महंगी पड़ सकती है। जरूरी है कि प्रॉपर्टी खरीदते समय कुछ बातों का ध्यान रखा जाए। ऐसा करने का आपको पूरा अधिकार है। साथ ही डेवलपर के लिए भी नियम है कि डील से पहले उसे प्रॉपर्टी की पूरी जानकारी खरीदार को देनी ही होगी। बिना जानकारी दिए कोई किसी भी तरह का फ्लैट या प्लॉट न तो बेच सकता है और ना ही खरीद सकता है।

केस नंबर 1

महादेव झारखंडी टुकड़ा नंबर एक एरिया में कई साल पहले एक कॉलोनी डेवलप हुई। इस कॉलोनी का निर्माण कॉलोनाइजर्स ने कराया था। कॉलोनी के नक्शे की स्वीकृति भी उस समय जीडीए ने दी थी। उस समय नक्शे में सात पार्क भी स्वीकृत थे। लेकिन समय के साथ कॉलोनी के पार्क विकसित होने की जगह बदहाल हो गए। वर्तमान हालत ये है कि दो पार्को की केवल बाउंड्री बची हुई है जबकि दो पर तो अवैध कब्जा जमा लिया गया है। वहीं, एक पार्क को तो चार टुकड़ों में बांट कर प्लॉट्स बना दिए गए हैं। इससे नाराज कॉलोनीवासियों ने कॉलोनाइजर्स से इस बारे में कई बार शिकायत की लेकिन हर बार गोलमोल जवाब ही मिलता रहा। इससे परेशान हो लोगों ने मजबूरन कोर्ट की शरण ली। इन पार्को का केस अभी भी कोर्ट में है।

केस नंबर 2

अप्रैल 2015 में जब नेपाल और उत्तर भारत में भूकंप आया था। उसके बाद उत्तर भारत में अपार्टमेंट्स के मानकों पर सवाल खड़े होने लगे थे। उस समय शहर में भी भकंपरोधी होने के दावे वाले कई अपार्टमेंट्स में भी दरारें आ गई थीं। बेतियाहाता एरिया में एक अपार्टमेंट की सबसे अधिक चर्चा हुई थी। उसमें दरारें पड़ते ही लोग सड़क पर आ गए थे।

यह है नियम

- डेवलपर बिना रजिस्ट्रेशन सर्टिफिकेट हासिल किए प्रोजेक्ट की बुकिंग शुरू नहीं कर सकते। साथ ही इसके बिना एडवर्टिजमेंट या प्रॉस्पेक्ट्स आदि भी जारी नहीं किए जा सकेंगे।

- बिना एग्रीमेंट किए डेवलपर किसी भी कंज्यूमर से कोई एडवांस पेमेंट भी नहीं ले सकते।

- डेवलपर को अपने प्रोजेक्ट का सारा ब्यौरा (प्लान और ले आउट) आदि डेवलपमेंट अथॉरिटी की वेबसाइट पर देना होगा। जो बाद में किसी भी हाल में बदला नहीं जा सकता है।

- एग्रीमेंट में दिए गए समय में अगर डेवलपर फ्लैट हैंडओवर नहीं करता है तो उसे ब्याज सहित सारा पैसा लौटना होगा। ऐसा ना करने पर उस पर जुर्माना भी लगाया जा सकता है।

- डेवलपर अपने प्रोजेक्ट की सभी जानकारी देगा। इसमें कॉरपोरेट एरिया की सही-सही जानकारी देनी होगी, जिसमें कॉमन एरिया शामिल नहीं होगा।

वर्जन

प्रॉपर्टी बेचने के पहले डेवलपर को नियमानुसार खरीदार को सभी जानकारियां देनी जरूरी होती हैं। लोगों को भी प्रॉपर्टी खरीदने से पहले पूरी जानकारी ले लेनी चाहिए। कंप्लेन मिलने पर नोटिस देकर कार्रवाई की जाती है।

- एमएन मिश्र, सचिव, जीडीए

Posted By: Inextlive