Gorakhpur : दिल्ली रेप कांड में जहां चार लोगों को फांसी की सजा सुनाई गई. वहीं सिटी में एक युवक के झांसे में आकर शादी करके रेप की पीड़ित दो नाबालिग लड़कियों के डाक्टरी परीक्षण में लापरवाही की गई. पुलिस के रवैये से करीब 15 दिनों तक उनका मेडिकल परीक्षण नहीं हो सका. इससे परेशान होकर दोनों थर्सडे इवनिंग फरार हो गई. वारदात से पुलिस सकते में आ गई. अपनी नाकामी को छिपाने में जुटी पुलिस ने रात में महिला थाना की एक काउंसलर और लड़कियों के पैरेंट्स के खिलाफ केस दर्ज करने की धमकी दे डाली. हालांकि थर्सडे रात में दो बजे गुलरिहा पुलिस ने लड़कियों को बरामद कर लिया और आनन-फानन में फ्राइडे को उनका मेडिकल टेस्ट कराया गया.


प्रेमी ने धोखा देकर की थी शादीगुलरिहा के मंगलपुर गांव के एक युवक ने दो नाबालिग लड़कियों को बहला फुसलाकर शादी कर ली थी। लड़कियों के परिजनों को जानकारी हुई तो लोगों ने एसपी सिटी से मिलकर कार्रवाई की गुहार लगाई। एसपी सिटी के निर्देश पर पुलिस ने रेप का केस दर्ज कर आरोपी युवक को जेल भेज दिया और दोनों लड़कियों को डॉक्टरी परीक्षण के लिए महिला थाना को सौंप दिया। लड़कियों को पुलिस लाइन में रखा गया था। कई दिनों से लड़कियां और उनके पैरेंट्स परेशान हो रहे थे। मेडिकल जांच के लिए कहने पर पुलिस सीएमओ के बिजी होने का हवाला देती रही। पुलिस के रवैये से परेशान होकर लड़कियां फरार हो गईं। लड़कियों के फरार होने पर पुलिस के हाथ-पांव फूल गए। सक्रिय हुई गुलरिहा पुलिस ने रात 2 बजे उन्हें बरामद कर लिया और फ्राइडे को उनका मेडिकल टेस्ट कराया गया।


तो गोलमाल करने के लिए किया जाता है विलंब

बताया जाता है कि रेप पीड़िताओं के मेडिकल टेस्ट में लापरवाही बरती जाती है। इसके पीछे कहानी है कि देर से मेडिकल होने पर आरोप की पुष्टि के लिए सबूत नहीं मिलेंगे। इसके अलावा जितना बिलंब होगा उतना ही पीड़ित का मनोबल गिरेगा। वह मुकदमे का झाम देखकर पीछे हट जाएगी। इतना ही नहीं रेप की पीड़िताओं की काउंसिलिंग भी कराई जाती है। घरेलू हिंसा के मामले में काउंसिलिंग की बात समझ में आती है। रेप पीड़ित के साथ काउंसिलिंग क्यों कराई जाती है। यह भी एक सवाल है। लड़कियों के खिलाफ केस दर्ज कर कार्रवाई की जाएगी। दोनों भागकर अपनी सास से मिलने गई थी। पुलिस ने उनको तलाश लिया है। वे एक कांस्टेबल की निगरानी में थीं। परेश पांडेय, एसपी सिटी

Posted By: Inextlive