- पहरा ड्यूटी से लेकर रात्रि गश्त में लग रही महिला कांस्टेबल की ड्यूटी

- कंप्यूटर पर संभाला मोर्चा, एसएचओ-एसओ संग फील्ड में रहती मोबाइल

- पिकेट, मुल्जिम ड्यूटी सहित अन्य में भी बढ़ी भागादीरी, उठा रही सारी जिम्मेदारी

GORAKHPUR:

मैं जब थाने की ड्यूटी पर आई तो मुझे थोड़ी हिचक हुई। मैंने सोचा कि कैसे काम करुंगी। शुरूआत में दफ्तर और महिला हेल्प डेस्क पर काम किया। इसके बाद धीरे-धीरे पहरा की ड्यूटी भी लगने लगी। इससे बहुत कुछ सीखने को मिला। पहले जहां हम लोग रात में निकलने से डरते थे। वहीं अब एसएचओ, टीम संग गश्त पर निकलते हैं। आवश्यकतानुसार छापेमारी करने के लिए भी जाते हैं। काननू-व्यवस्था की ड्यूटी से लेकर पिकेट और गश्त भी कर रहे हैं। अब अच्छा लगता है। यह कहना है कैंट थाना पर तैनात महिला कांस्टेबल सुधा यादव जो बतौर हमराही भी ड्यूटी कर रही हैं। अकेली सुधा नहीं बल्कि थानों पर तैनात दूसरी महिला कांस्टेबल भी पुरुष सिपाहियों की तरह वर्क कर रही हैं। उनका कहना है कि हम लोग पुरुषों से कम थोड़ी हैं जो ड्यूटी से परहेज करें।

ऑफिस से लेकर फील्ड तक की जिम्मेदारी

जिले में करीब साढ़े छह सौ महिला कांस्टेबल तैनात हैं। विभिन्न थानों और दफतरों में इनको अलग-अलग जिम्मेदारी सौंपी गई है। कंप्यूटर की जानकार और हिंदी टाइपिंग में माहिर कांस्टेबल को जीडी से लेकर विवेचना के पर्चे काटने की जिम्मेदारी सौंपी गई है। इसके अलावा थानों में बने हेल्पडेस्क और दूसरे विभागों में इनकी तैनाती चल रही है। लेकिन इन सभी कामों में महिला सिपाहियों को कोई प्रॉब्लम नहीं महसूस होती।

अनुशासन रखते मेनटेन

थानों और अन्य दफतरों में महिला कांस्टेबल की तैनाती से अनुशासन भी मेनटेन हो रहा है। उनके सामने कोई अभद्र बात करने से लोग बचते हैं। आमतौर पर अमर्यादित भाषा के लिए पुलिस चर्चित होती है। लेकिन महिला कांस्टेबल की मौजूदगी के दौरान इंस्पेक्टर से लेकर पूरा स्टाफ शालीनता से पेश आता है। इसका फायदा होता है कि गुस्से में भी किसी फरियादी, यहां तक किसी आरोपित को अपशब्द कहने में पुरुष पुलिस कर्मचारी परहेज करते हैं।

इस तरह की ड्यूटी

थानों की महिला हेल्प डेस्क

ऑफिस में कार्यलेख ड्यूटी

शेरनी दस्ता

एसएचओ, एसओ हमरानी ड्यूटी

वीआईपी ड्यूटी

पुलिस के अन्य शासकीय कार्य

थानों की पहरा ड्यूटी

यह है फायदा

- पुरुष कांस्टेबल की अपेक्षा अनुशासनहीनता की शिकायतें नहीं मिलती।

- लापरवाही और अवैध ढंग से वसूली की शिकायतें सामने नहीं आती हैं।

- पब्लिक के साथ कार्य व्यवहार में किसी तरह का कोई प्रॉब्लम नहीं आती।

- महिला कांस्टेबल से महिलाएं अपनी बात अच्छे तरीके से रख लेती हैं।

फैक्ट फीगर

- गोरखपुर में तैनात कुल पुलिस फोर्स - 4900

- महिला कांस्टेबल की संख्या- 654

- पुरुष कांस्टेबल और अन्य - 4246

सभी थानों पर महिला कांस्टेबल की तैनाती की गई है। कंप्यूटर में दक्ष कांस्टेबल डाटा फीडिंग से संबंधित कार्य संभालती है। अन्य तरह की डयूटियों में भी वह बढ़चढ़कर भागीदारी निभा रही हैं।

- दिनेश कुमार प्रभु, एसएसपी

Posted By: Inextlive