बदलता मौसम सेहत को नुकसान पहुंचा रहा है. अस्पतालों के आंकड़े इसकी गवाही भी दे रहे हैं. चिकित्सकों के अनुसार इस मौसम में वायरल बुखार सर्दी जुकाम पैर पसारता है. इसका प्रभाव सबसे ज्यादा बच्चों पर पड़ता है. जिले के सरकारी और प्राइवेट अस्पतालों में 250 से 300 बच्चे प्रतिदिन स्वास्थ्य जांच के लिए लाए जा रहे हैं.


गोरखपुर (ब्यूरो) अधिकांश बच्चे वायरल बुखार से पीडि़त रह रहे हैं। चिंता की बात यह है कि बच्चे खांसी-जुकाम, फीवर और कोल्ड डायरिया के शिकार हो रहे हैं। डॉक्टर्स पेशेंट्स को एडमिट कर इलाज कर रहे हैं। जबकि अन्य पेशेंट्स का हेल्थ चेकअप करके उन्हें आराम व नियमित दवा लेने की सलाह दे रहे हैं।

जिला अस्पताल, बीआरडी में हो रहे एडमिटडॉक्टर्स के मुताबिक जिला अस्पताल और बीआरडी मेडिकल कॉलेज में करीब 100 बच्चे मौसमी बीमारी से पीडि़त आ रहे हैं। वहीं लगभग 20-30 बच्चे प्रतिदिन एडमिट किए जा रहे हैं। फीवर के साथ उल्टी-दस्त हो तो देर न करें


विशेषज्ञ डॉक्टर्स के मुताबिक वायरल फीवर में उल्टी-दस्त हो जाए तो किडनी में सूजन आ जाती है। इससे जान जाने का भी खतरा रहता है। फीवर अधिक होने और डायरिया से कई बार ब्लड प्रेशर बहुत लो हो जाता है। अगर बीपी 40 से 50 तक आ जाता है तो समझ लीजिए खतरा है। ऐसे में देरी मौत का कारण बन सकती है। वायरल फीवर हो तो क्या करें

वायरल इंफेक्शन होते ही पहले दिन की कमजोरी और हल्का बुखार शुरू हो जाता है। ऐसे में तत्काल डॉक्टर से संपर्क करें। तीन दिन के इलाज के बाद आराम न मिले तो डॉक्टर की सलाह पर ब्लड, बलगम और यूरिन की जांच करवाएं। कई लोग पांच से छह दिन तक बीमार रहते हैं और मेडिकल स्टोर से दवा लेते रहते हैं। ऐसे पेशेंट्स को एडमिट होकर इलाज लेना चाहिए। बाहर के खाने से बचें। पेशेंट्स को हो रही ये शिकायतें बुखार, सर्दी-जुकाम, गले में दर्द और खराश, सीने में दर्द, ठंड लगना, सिर और बदन दर्द, जोड़ों में तेज और असहनीय दर्द, कमजोरी, भूख न लगना। कई मामलों में उल्टी-दस्त की समस्या हो रही है। तापमान में लगातार हो रहा परिवर्तन शरीर पर सीधा असर डालता है। इस मौसम में रोग-प्रतिरोधक क्षमता कम हो जाती है, जिसके चलते बीमार होने का खतरा कई गुना बढ़ जाता है। ये बरतें सावधानियां बच्चों को सीधे खुली हवा में न ले जाए फुल आस्तीन वाले कपड़े ही पहनाएंफ्रिज का ठंडा पानी और कोल्ड ड्रिंक से परहेज रखें वायरल फीवर होने पर तत्काल डॉक्टर्स से संपर्क करें

इस बार मौसम में तेजी से उतार-चढ़ाव देखने को मिल रहा है। मौसम में बदलाव के कारण वायरल फीवर के मामले तेजी से बढ़े हैं। आए दिन पेशेंट्स की संख्या बढ़ती जा रही है। इसका सबसे बड़ा कारण कमजोरी है। यह वायरल इंफेक्शन का फेवर करता है। यही वजह है कि पेशेंट्स की संख्या बढ़ रही है। इस मौसम में सावधान होने की जरूरत है। ज्यादा प्रॉब्लम हो तो तत्काल डॉक्टर्स से संपर्क करें। डॉ। भूपेंद्र शर्मा, एचओडी बाल रोग विभाग बीआरडी मेडिकल कॉलेज एक वीक का वेदर दिन मैक्सिमम मिनिमम रविवार 26.1 9.2शनिवार 26.7 13.1शुक्रवार 26.6 14.2गुरुवार 25 10.9बुधवार 20.8 14.7मंगलवार 26 12.4

Posted By: Inextlive