जिले में डेंगू का प्रकोप लगातार बढ़ता जा रहा है. रोजाना कोई न कोई नया मरीज डेंगू की चपेट में आ रहा है. हालत यह हो गई है कि ग्रामीण तो ग्रामीण शहरी इलाकों में भी डेंगू ने पांव तेजी से पसारना शुरू कर दिया है. हालत यह है कि इस साल अक्टूबर तक डेंगू के 55 केस सामने आ चुके हैं. जबकि आंकड़ों पर गौर फरमाया जाए तो साल 2017 में 11 केस ही पॉजिटिव पाए गए थे. इसमें से दो की मौत हुई. बीते कुछ सालों की बात करें तो इस पीरियड में सबसे ज्यादा केस 2019 में मिले हैं इनकी संख्या 114 रही है. इस दौरान एक पेशेंट की जान भी गई है.


गोरखपुर (ब्यूरो).गोरखपुर में लगातार मिल रहे डेंगू पेशेंट को देखते हुए अब जाकर हेल्थ महकमे की नींद खुली है। जहां डिपार्टमेंट की टीमें लगातार अफेक्टेड एरियाज में जाकर एंटी लार्वा का छिड़काव करा रही हैं। वहीं मलेरिया विभाग की टीम ने शहर और ग्रामीण एरिया में मिले डेंगू प्रभावित इलाके की निगरानी बढ़ा दी है। जिला मलेरिया अधिकारी डॉ। अंगद सिंह ने बताया कि रैपिड जांच में भी जो लोग पॉजिटिव आए हैं, उनके घर आसपास भी एंटी लार्वा का छिड़काव कराया जा रहा है, साथ ही मच्छरों के लार्वा नष्ट किए जा रहे हैं। जिनके घर में या आसपास साफ पानी जमा मिला रहा है, उन्हें नोटिस भेजा जा रहा है। छह साल में 333 मरीजों में डेंगू पुष्टि, तीन की मौत वर्ष डेंगू मरीजों की पुष्टि मौत


2017 11 022018 25 00

2019 114 012020 09 002021 67 002022 55 00 8 डिग्री या कम पर नहीं पनपते हैं लारवा

डेंगू के लारवा की बात करें तो यह 8 डिग्री सेल्सियस से कम टेंप्रेचर में जिंदा नहीं रह पाते हैं, वहीं अगर टेंप्रेचर 35 डिग्री सेल्सियस के ऊपर है, तो भी इसके लारवा पनप नहीं पाते। वहीं अगर टेंप्रेचर इनके बीच में हैं, तो यह लारवा पनपने के लिए बेहतर माहौल देता है। इतना ही नहीं, ह्यूमिडिटी भी इसमें अहम रोल अदा करती है। अगर ह्यूमिडिटी 70 परसेंट के आसपास है, तो यह डेंगू के लिए सबसे फेवरेबल है। वहीं 25 से 30 डिग्री सेल्सियस में यह लारवा आसानी के साथ और तेजी से बढ़ते हैं।डेंगू की रोकथाम के लिए टीमें लगाई गई हैं। शहर को छह भागों में बांटकर एंटी लार्वा का छिड़काव कराया जा रहा है। डेंगू के मच्छर एक चम्मच साफ पानी में भी पनप सकते हैं। इसलिए अपने घर में या साफ पानी जमा न होने दें। कूलर का पानी भी लगातार बदलते रहें। डॉ। आशुतोष कुमार दुबे, सीएमओ

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