गोरखपुर में अब बिहार मुंगेर से नहीं बल्कि महाकाल की नगरी उज्जैन से असलहे की तस्करी हो रही है. एक से बढ़कर एक अवैध कट्टा और पिस्टल वॉट्सएप पर ऑर्डर मिलते ही गोरखपुर पहुंचाए जा रहे हैं. इसके लिए बकायदा महाकाल और डी-कंपनी जैसे नाम से आधा दर्जन वॉट्सएप ग्रुप बनाए गए हैं.


गोरखपुर (ब्यूरो)।जिसपर अवैध असलहे की दुकान सजती है और मोल-भाव के साथ ही कट्टा और पिस्टल की खरीद-फरोख्त हो रही है। ये सनसनी खेज खुलासा 3 अवैध कट्टे के साथ धराए तीन बदमाशों ने किया है। जिसके बाद पुलिस अलर्ट मोड में आ गई है। बेलघाट से अरेस्ट हुए दो तस्करगोरखपुर में अवैध असलहे कहां से आ रहे हैं, इसका खुलासा बेलघाट पुलिस को मिली कामयाबी के बाद हुआ। बेलघाट थाने की पुलिस ने 8 जनवरी को ऑपरेशन तमंचा अभियान के तहत दो बदमाशों गुड्डू कन्नौजिया और याघवेन्द्र यादव को अरेस्ट किया। बदमाशों के पास से एक 315 बोर का अवैध कट्टा मिला। पुलिस ने बदमाशों से अवैध असलहे के बारे में कड़ाई से पूछताछ की तो उन्होंने गैंग के कई और गोला में रहने वाले सदस्यों के नाम बताए।गोला पुलिस ने खोला असलहे की तस्करी का राज


बेलघाट पुलिस के बताए नाम पते को ट्रेस कर गोला थाने की पुलिस ने 9 जनवरी को चिलवा पुल के पास से तीन बदमाशों जय हिंद, महताब उर्फ नायक खान और मोहम्मद अख्तर रजा उर्फ मच्छर उर्फ छोटे को अरेस्ट किया। तीनों बदमाशों के पास से 315 बोर का 3 तमंचा और कारतूस मिले। पूछताछ में जब इन तीनों बदमाशों ने सारे राज खोले तो पुलिस भी हैरान हो गई।

राघवेन्द्र के मोबाइल से मिली असलहे की फोटोबेलघाट पुलिस को राघवेन्द्र यादव उर्फ बल्लू के मोबाइल से कई अवैध असलहे की फोटो मिली। जिसके बाद जयहिंद का भी नाम आया। असलहे की फोटो मिलने के बाद पता चला कि आधा दर्जन ग्रुप इन बदमाशों ने बनाए हुए हैं। जिसमें उज्जैन के तस्कर भी जुड़े हैं। राघवेन्द्र, जय हिंद और मच्छर बने एडमिनअसलहे की तस्करी के लिए बने वॉट्सएप गु्रप का एडमिन गोरखपुर से राघवेन्द्र, जय हिंद और अख्तर रजा उर्फ मच्छर भी हैं। जो विश्वास पात्र लोगों को ही इस ग्रुप में जोड़ते हैं। कुल सात गु्रप बदमाशों ने बनाए थे। हर ग्रुप में 50 से 60 लोग जुड़े हैं। जिनकी तलाश चल रही है। इस नाम से बनाए वॉट्सएप ग्रुप - डी-कंपनी- देवा ग्रुप- महाकाल- एक 47- गैंगेस्टर - एमआईसी के लिए क्या होगा- गुंडों का रूमकम्हरिया से डिलेवर होता है असलहाबदमाशों ने पुलिस को बताया है कि वॉट्सएप पर असलहा पसंद करने के बाद उज्जैन से तमंचा बेलघाट के कम्हरिया में आता है। यहां से एक युवक इसको ऑर्डर के हिसाब से डिलेवर करता है। तमंचे का तय रेट

बदमाशों ने बताया कि उज्जैन से 30 हजार में पिस्टल आती है। जिसे गोरखपुर के तस्कर 3500 मेें बेचते हैं। वहीं 315 बोर का कट्टा 3 हजार में आता है, उसे छह हजार रुपए में तस्कर बेचते हैं। धंधे से जुड़े 18 से 20 साल के तस्करपुलिस ने अभी तक जो तस्कर पकड़े हैं, उनकी एज 18 से 20-22 साल है। पैसा कमाने के लिए नई उम्र के युवा इस धंधे में शामिल हो रहे हैं। पकड़े गए बदमाश एक साल से इस धंधे से जुड़े थे। सूत्रों की मानें तो रोडवेज की बस और ट्रेन से अवैध असलहा आ रहा है। वहीं अब लगातार महाकाल आने-जाने वालों पर भी पुलिस की नजर रहेगी। ऑपरेशन तमंचा 2.0 के तहत बेलघाट और गोला पुलिस ने असलहे के साथ बदमाशों को पकड़ा है। इनके पकड़े जाने के बाद कई राज खुल हैं। पकड़े गए बदमाशों ने बताया है कि गोरखपुर में उज्जैन से अवैध असलहा आ रहा है। इसकी जांच की जा रही है। - अरूण कुमार सिंह, एसपी साउथ

Posted By: Inextlive