इंटरनेशनल गोल्ड तस्करों का गैंग नए-नए तरीके का प्रयोग कर म्यांमार से बिहार के रास्ते गोरखपुर समेत देश भर में सोने की तस्करी में लिप्त है. यह गैंग मोबाइल फोन लेकर नहीं चलता है इसके चलते अब इनका लोकेशन ट्रेन नहीं हो पाता है.


गोरखपुर (ब्यूरो)। लोकेशन ट्रेस नहीं होने की वजह से वह जल्द पकड़ में नहीं आते। हालांकि पिछले दिनों डायरेक्टर ऑफ रेवन्यू इंटेलीजेंसी की संयुक्त टीम ने गोरखपुर, मुजफ्फरपुर और गुवाहाटी में सोने की तस्करी से जुड़े एक बड़े सिंडिकेट का खुलासा किया है। टीम में गैंग के कुल 14 मेंबर्स को अरेस्ट किया। इसमें से 2 गोरखपुर के तस्कर शामिल हैं। गैंग का कोड राइजिंग सन


जानकारी के अनुसार डीआरआई की टीम को सूचना मिली थी कि म्यांमार से बिहार, गोरखपुर होते हुए दिल्ली और जयपुर में तस्करी का सोना ले जाया जाएगा। इस पर डीआरआई ने चार राज्यों में 12 और 13 मार्च को तस्करों को पकडऩे के लिए ऑपरेशन चलाया। जिसका कोड राइजिंग सन रखा गया। तीनों जगहों पर टीम ने 61.08 किलो सोना, 19 गाड़ी, नकदी के साथ दो मास्टरमाइंड सहित सिंडिकेट के 14 सदस्यों को अरेस्ट किया है। इसमें से दो गोरखपुर के हैं। बरामद सोने की कीमत 40 करोड़ रुपए आंकी गई है। गोरखपुर में दो लोगों के पास से 12 किलोग्राम सोना बरामद किया गया है। गोरखपुर में मिला 12 किलो सोना

टीम ने तस्करों के पास से 19 वाहन, नकदी और अन्य इलेक्ट्रॉनिक वस्तुएं बरामद की हैं। डीआरआई अफसरों ने गोरखपुर में कसया हाइवे के पास गाडिय़ों की चेकिंग तो उनके पास से 12 किलो सोना मिला। सोना ले जा रहे कागजात नहीं दिखा पाए। इन्हें अरेस्ट कर लिया गया। इसी प्रकार गुवाहाटी में 37.04 किलोग्राम सोना, 13 लाख रुपये, वाहन और अन्य इलेक्ट्रॉनिक सामान के साथ छह लोगों को पकड़ा। देश भर में भेजा जा रहा तस्करी का सोनापूछताछ के आधार पर मुजफ्फरपुर के डीआरआई अफसरों ने एक वाहन को रोका और 13.04 किलोग्राम सोना बरामद किया। पकड़े गए तस्करों से पूछताछ में पता चला कि सिंडिकेट भारत-म्यांमार बार्डर से सोने की तस्करी करता है और उसे गुवाहाटी में एकत्र किया जाता है। इसके बाद दिल्ली, जयपुर और अन्य जगहों पर ले जाकर सप्लाई करते हैं। टीम खंगाल रही नेटवर्क

डीआरआई की टीम पकड़े गए लोगों से पूछताछ के आधार पर आगे की कार्रवाई पर जुट गई है। गोरखपुर के हिंदी बाजार में भी सोने की तस्करी से जुड़े नेटवर्क खंगाले जा रहे हैं। पहले भी यहां म्यामार और बिहार के तस्करों को सोने के साथ पकड़ा जा चुका है। वहीं, शुरूआती जांच में सामने आया है कि गोरखपुर में बरामद सोने की खेप यहां के एक बड़े सराफा कारोबारी को सप्लाई होनी थी। लेकिन, इससे पहले ही सोना पकड़ा गया। फिलहाल टीम इस पूरे नेटवर्क को खंगाल रही है। स्मगलिंग के लिए इंटरनेशनल गोल्ड स्मगलर्स के नए-नए तरीकेगोरखपुर, मुजफ्फरपुर और गुवाहाटी में 61.08 किलो सोना बरामद 14 तस्कर को किया अरेस्ट, डीआरआई टीम ने पकड़ा सोना, बड़े सिंडिकेट का किया खुलासाइंटरनेशनल गोल्ड तस्करों का गैंग नए-नए तरीके का प्रयोग कर म्यांमार से बिहार के रास्ते गोरखपुर समेत देश भर में सोने की तस्करी में लिप्त है। यह गैंग मोबाइल फोन लेकर नहीं चलता है, इसके चलते अब इनका लोकेशन ट्रेन नहीं हो पाता है। लोकेशन ट्रेस नहीं होने की वजह से वह जल्द पकड़ में नहीं आते। हालांकि पिछले दिनों डायरेक्टर ऑफ रेवन्यू इंटेलीजेंसी की संयुक्त टीम ने गोरखपुर, मुजफ्फरपुर और गुवाहाटी में सोने की तस्करी से जुड़े एक बड़े सिंडिकेट का खुलासा किया है। टीम में गैंग के कुल 14 मेंबर्स को अरेस्ट किया। इसमें से 2 गोरखपुर के तस्कर शामिल हैं। गैंग का कोड राइजिंग सन
जानकारी के अनुसार डीआरआई की टीम को सूचना मिली थी कि म्यांमार से बिहार, गोरखपुर होते हुए दिल्ली और जयपुर में तस्करी का सोना ले जाया जाएगा। इस पर डीआरआई ने चार राज्यों में 12 और 13 मार्च को तस्करों को पकडऩे के लिए ऑपरेशन चलाया। जिसका कोड राइजिंग सन रखा गया। तीनों जगहों पर टीम ने 61.08 किलो सोना, 19 गाड़ी, नकदी के साथ दो मास्टरमाइंड सहित सिंडिकेट के 14 सदस्यों को अरेस्ट किया है। इसमें से दो गोरखपुर के हैं। बरामद सोने की कीमत 40 करोड़ रुपए आंकी गई है। गोरखपुर में दो लोगों के पास से 12 किलोग्राम सोना बरामद किया गया है। गोरखपुर में मिला 12 किलो सोनाटीम ने तस्करों के पास से 19 वाहन, नकदी और अन्य इलेक्ट्रॉनिक वस्तुएं बरामद की हैं। डीआरआई अफसरों ने गोरखपुर में कसया हाइवे के पास गाडिय़ों की चेकिंग तो उनके पास से 12 किलो सोना मिला। सोना ले जा रहे कागजात नहीं दिखा पाए। इन्हें अरेस्ट कर लिया गया। इसी प्रकार गुवाहाटी में 37.04 किलोग्राम सोना, 13 लाख रुपये, वाहन और अन्य इलेक्ट्रॉनिक सामान के साथ छह लोगों को पकड़ा। देश भर में भेजा जा रहा तस्करी का सोनापूछताछ के आधार पर मुजफ्फरपुर के डीआरआई अफसरों ने एक वाहन को रोका और 13.04 किलोग्राम सोना बरामद किया। पकड़े गए तस्करों से पूछताछ में पता चला कि सिंडिकेट भारत-म्यांमार बार्डर से सोने की तस्करी करता है और उसे गुवाहाटी में एकत्र किया जाता है। इसके बाद दिल्ली, जयपुर और अन्य जगहों पर ले जाकर सप्लाई करते हैं। टीम खंगाल रही नेटवर्क
डीआरआई की टीम पकड़े गए लोगों से पूछताछ के आधार पर आगे की कार्रवाई पर जुट गई है। गोरखपुर के हिंदी बाजार में भी सोने की तस्करी से जुड़े नेटवर्क खंगाले जा रहे हैं। पहले भी यहां म्यामार और बिहार के तस्करों को सोने के साथ पकड़ा जा चुका है। वहीं, शुरूआती जांच में सामने आया है कि गोरखपुर में बरामद सोने की खेप यहां के एक बड़े सराफा कारोबारी को सप्लाई होनी थी। लेकिन, इससे पहले ही सोना पकड़ा गया। फिलहाल टीम इस पूरे नेटवर्क को खंगाल रही है।

Posted By: Inextlive