नगर निगम सदन की बैठक मंगलवार को हुई. इसमें साल 2024-25 के बजट को स्वीकृति दी गई. नगर निगम ने नए वित्तीय वर्ष में 644.98 करोड़ की आय के सापेक्ष 644.78 करोड़ के व्यय का प्रविधान किया है. नगर निगम को करों एवं करेत्तर मद में 82.92 करोड़ एवं अनुदान से 546.25 करोड़ की प्राप्ति होगी.


गोरखपुर (ब्यूरो)। नगर निगम के बजट की धनराशि से कर्मचारियों के वेतन-भत्तों, जलापूर्ति एवं सीवरेज, स्वास्थ्य एवं सफाई, पथ प्रकाश से संबंधित कार्यों एवं अन्य मरम्मत कार्यों पर 46.50 प्रतिशत, सड़क, नाली, नाला, पार्क, इंटरलाङ्क्षकग एवं मरम्मत आदि कार्यों पर 53.50 प्रतिशत का व्यय होगा। बैठक में जल मूल्य को लेकर सभी दलों के पार्षदों ने एकजुट होकर हंगामा किया। विरोध देख मेयर डॉ.मंगलेश श्रीवास्तव और नगर आयुक्त गौरव ङ्क्षसह सोगरवाल ने फिलहाल जल मूल्य लागू नहीं करने का आश्वासन दिया। तय हुआ कि इसपर बाद में चर्चा होगी। वहीं, कार्यवृत्ति में दर्ज गलत जानकारियों को लेकर एक बार फिर पार्षदों ने निगम के अफसरों को घेरते हुए कड़ा विरोध दर्ज कराया। बैठक पूर्वाह्न 11:40 बजे शुरू हुई। चार जनवरी, 2024 को हुई पांचवीं बैठक की कार्यवृत्ति की पुष्टि करने का प्रस्ताव जैसे ही रखा गया, पार्षदों ने विरोध शुरू कर दिया। घंटाघर वार्ड के सपा पार्षद जियाउल इस्लाम, गिरधरगंज के भाजपा पार्षद रणंजय ङ्क्षसह जुगनू, दिग्विजन नगर के पार्षद ऋषिमोहन वर्मा और सिविल लाइन द्वितीय के पार्षद देवेंद्र कुमार गौड़ ङ्क्षपटू समेत दर्जन भर पार्षदों ने कहा कि कार्यवृत्ति तैयार करने में हर बार मनमाना रवैया अपनाकर सदन का मजाक बनाया जा रहा है। पार्षद, प्रस्ताव कुछ रख रहे हैं, कार्यवृत्ति में दर्ज कुछ हो जा रहा है। पार्षदों ने कहा कि पिछली बैठक में ही जल मूल्य लागू करने का प्रस्ताव बाहर कर दिया गया था। बावजूद इसके कार्यवृत्ति में इसे शामिल कर दिया गया। इस पर जलकल महाप्रबंधक ने सफाई देते हुए कहा कि अभी यह लागू नहीं किया जा रहा है, अभी तो आपत्ति ली जाएगी। नाराज पार्षदों ने कहा कि प्रस्ताव स्वीकृत ही नहीं हुआ तो आपत्ति कैसे मांग सकते हैं। वर्तमान में नगर निगम 12-12 प्रतिशत जलकर और गृहकर वसूलता है। तीन प्रतिशत सीवर व ड्रेनेज कर लिया जाता है। यानी 27 प्रतिशत कर की वसूली होती है। ऐसे में जल मूल्य लागू होने से महानगर के 80 वार्डों की लाखों की आबादी को बड़ा झटका लगता। पार्षदों के भारी विरोध पर नगर आयुक्त ने मातहतों को निर्देश दिया कि कार्यवृत्ति सावधानीपूर्वक तैयार की जाए, वरना सख्त कार्रवाई होगी। दोपहर 1.30 बजे तक तो कार्यवृत्ति पर ही रार मची रही। इसके बाद एजेंडे पर चर्चा शुरू हुई। पार्षद वरीयता की राशि बढ़ाए जाने पर खूब हो हल्ला होने के बाद भी सहमति नहीं बनी।इन प्रस्तावों को मिली मंजूरी- अलाव जलाने को जलौनी लकड़ी की आपूर्ति पर 28.60 लाख - रायगंज सीवर स्टेशन परिसर में दुकान निर्माण को 27.17 लाख


-ट्रांसपोर्ट नगर में आरसीसी नाली निर्माण कार्य के लिए 16.57 लाख व गिरधरगंज में सड़क निर्माण को 28.26 लाख -महानगर के 10 नए वार्डों में पोल, तार, लाइट आदि पर 64.12 लाख - घोष कम्पनी के पास मल्टीलेवल पार्किंग एवं शाङ्क्षपग काम्पलेक्स व भूमि के पश्चिम-दक्षिण कोने पर मस्जिद निर्माण के प्रस्ताव को मंजूरी-नाला सफाई के लिए ट्रक माउंटेड ग्रैपल मशीन की खरीद होगी -राजघाट एकला बंधे पर बायीं ओर डंङ्क्षपग क्षेत्र में मिट्टी भराव व लेवङ्क्षलग कार्य के लिए 29.93 लाख की निविदा कराने को स्वीकृतिस्ट्रीट लाइट व जन्म-मृत्यु प्रमाण पत्र का मामला छाया रहाबैठक से एक दिन पहले प्रस्ताव देने वालों को सदन में वरीयता दी गई। बीच में कई पार्षदों ने बोलने की कोशिश की जिसपर खुद पार्षदों के बीच बहस शुरू हो गई। दर्जन भर पार्षद विरोध में सदन हाल के डायस तक पहुंच गए जहां मेयर, नगर आयुक्त बैठे थे। 20 मिनट के शोर-शराबे के बाद पहले प्रस्ताव देने वालों को पहले बात रखने का मौका दिया गया। जटेपुर के पार्षद पवन ङ्क्षसह ने कहा कि उनके वार्ड के मुख्य नाले का काम पूरा नहीं हो रहा। सफाई के लिए संसाधन नहीं है।

चंद्रशेखर आजाद चौक वार्ड के पार्षद धर्मेंद्र ङ्क्षसह ने कहा कि वार्ड में 42 स्ट्रीट लाइटें खराब हैं। चंद्रशेखर आजाद की प्रतिमा के पास निगम की जमीन कब्जा कर ली गई है। नहर रोड पर खड़े हो रहे ट्रैक्टर ट्राली से जाम तो लगता ही है, प्राय: दुर्घटनाएं भी होती हैं। चिलमापुर में भी निगम की जमीन पर कब्जा है। सिविल लाइन के पार्षद अजय राय ने सफाई व्यवस्था को लेकर बीट बनाने के साथ ही रात्रिकालीन व्यवसायिक प्रतिष्ठानों से डोर-टू-डोर कूड़ा कलेक्शन के कार्य को अनुपयोगी बताते हुए टेंडर निरस्त करने और नगर निगम में आइटीएमएस के लिए दी गई जगह से होने वाले लाभ को लेकर सवाल उठाए। महादेव झारखंडी टुकड़ा नंबर एक के पार्षद अरङ्क्षवद ने भैरोपुर गांव से दो किमी नाले की सफाई नहीं होने की शिकायत की। कान्हा उपवन नगर के पार्षद छोटे लाल ने वार्ड में सीसीरोड और नलकूप लगाने की मांग की। सिविल लाइन द्वितीय के पार्षद देवेंद्र गौड़ ङ्क्षपटू ने जलभराव का मुद्दा उठाते हुए कहा कि लालडिग्गी, राजघाट, बेतियाहाता होते हुए रामगढ़ताल में जाकर मिलने वाले नाले में 10 फीट तक सिल्ट जमी है। सफाई कराई जाए। विष्णुपुरम के पार्षद अजय यादव ने कहा कि वार्ड में जलभराव बड़ी समस्या है। पंप भी पानी में डूब जाता है। जन्म मृत्यु प्रमाणपत्र के आवेदन महीनों से लंबित होने से कालोनी के बहुत से लोग परेशान हैं। वार्ड 56 सरिता यादव ने वार्ड में पेयजल आपूर्ति नहीं होने की समस्या उठाया।बेतियाहाता पार्षद ने कई गंभीर आरोप लगाए सदन की 6वीं बैठक में भी संपत्ति कर निर्धारण के लिए प्राइवेट फर्म की ओर से कराए जा रहे जीआइएस सर्वे का मामला सबसे अधिक गरमाया रहा। घंटाघर वार्ड के सपा पार्षद जियाउल इस्लाम, दिग्विजयन नगर के भाजपा पार्षद ऋषिमोहन वर्मा, और बेतियाहाता के भाजपा पार्षद विश्वजीत त्रिपाठी ने जोरदार तरीके से मामले को उठाते हुए कई गंभीर आरोप लगाए। ऋषिमोहन वर्मा ने कहा कि गोकुल अपार्टमेंट आवासीय है। जीडीए से मानचित्र भी स्वीकृत है। लेकिन, अपार्टमेंट को व्यवसायिक बताकर वहां के लोगों को बढ़े हुए दर से टैक्स मांगा जा रहा है। इसी तरह तमाम मोहल्लों में मकान को दुकान और दुकान को मकान बताकर कर के लिए नोटिस दिया जा रहा है। विश्वजीत त्रिपाठी ने पीडब्ल्यूडी द्वारा बिना अनापत्ति प्रमाण पत्र लिए नगर निगम क्षेत्र में अतिक्रमण करने का मेयर को पत्रक भी दिया। नगर निगम के 645 करोड़ के बजट को बोर्ड की भी मंजूरी मंगलवार को नगर निगम सदन की बैठक में साल 2024-25 के बजट को स्वीकृति दी गई। नगर निगम ने नए वित्तीय वर्ष में 644.98 करोड़ की आय के सापेक्ष 644.78 करोड़ के व्यय का प्रविधान किया है। नगर निगम को करों एवं करेत्तर मद में 82.92 करोड़ एवं अनुदान से 546.25 करोड़ की प्राप्ति होगी। नगर निगम के बजट की धनराशि से कर्मचारियों के वेतन-भत्तों, जलापूर्ति एवं सीवरेज, स्वास्थ्य एवं सफाई, पथ प्रकाश से संबंधित कार्यों एवं अन्य मरम्मत कार्यों पर 46.50 प्रतिशत, सड़क, नाली, नाला, पार्क, इंटरलाङ्क्षकग एवं मरम्मत आदि कार्यों पर 53.50 प्रतिशत का व्यय होगा।पहले साहब को हटाओ, साहब आए तो सब चुप्पी साध गएबैठक के दौरान 10 से अधिक पार्षदों ने सदन की बैठक में उपस्थित नहीं होने व पार्षदों की समस्याओं समेत अतिक्रमण अभियान में मनमानी करने का आरोप लगाते हुए एक अपर नगर आयुक्त को पद से हटाने की मांग की। एक पार्षद ने तो उनके खिलाफ ङ्क्षनदा प्रस्ताव लाने की घोषणा कर डाली। हालांकि उन्हें समर्थन नहीं मिला। नगर आयुक्त ने बताया कि सीएम की प्राथमिकता से जुड़े एक काम के लिए उन्होंने ही समय दिया है। वह थोड़ी देर में आ जाएंगे। हुआ भी यही लेकिन, उनके सदन हाल में आने के बाद किसी ने उनके खिलाफ कोई शिकायत नहीं की।

Posted By: Inextlive