गोरखपुर के खिलाडिय़ों और कलाकारों को बड़ा मंच देने की सीएम सिटी में बात होती है. लेकिन ये बातें क्रिकेट के लिए लागू नहीं हो रही है. यहां अंडर-14 और 16 खेलने वाले खिलाड़ी जिनसे यह उम्मीद की जाती है कि वह इंडिया या प्रदेश के लिए एक दिन खेलेंगे और जिले का नाम रोशन करेंगे.


गोरखपुर (ब्यूरो)। लेकिन उन प्रतिभाओं को निखारने के लिए कुछ भी नहीं हो रहा है। हालत यह है कि यहां दर्जनों टर्फ विकेट तो तैयार हो गए हैं, मगर एक भी राज्य स्तरीय क्रिकेट टूर्नामेंट अंडर 14 और 16 के लिए नहीं होते हैं। जिससे लोकल छोटे-मोटे मैच खेलकर यहां की प्रतिभा दम तोड़ दे रही है।दस वर्ष से नहीं हो रहे टूर्नामेंट


गोरखपुर के पूर्व क्रिकेटर्स का कहना है कि नई जेनरेशन को और अच्छा प्लेयर बनाना है तो उन्हें अच्छी टीमों और प्लेयर्स के साथ खेलना होगा। जब गोरखपुर के खिलाड़ी बनारस, कानपुर, प्रयागराज, लखनऊ, मेरठ समेत अन्य बड़े जिले की टीमों के साथ खेलेंगे तो उनके अंदर कॉम्प्टीशन की भावना आएगी। तब यहां के खिलाड़ी उनसे अच्छा बनने का प्रयास करेंगे। जब ऐसा होगा तब जाकर कोई प्लेयर प्रदेश या इंडिया की टीम सेलेक्ट होने के लिए तैयार होगा। पूर्व क्रिकेटर्स का कहना है कि गोरखपुर में दस साल से भी अधिक समय बीत चुका है लेकिन यहां कोई भी राज्य स्तरीय टूर्नामेंट या स्टैंर्ड प्रतियोगिता नहीं हुई।जीसीए भी नहीं कर रहा प्रयास

गोरखपुर क्रिकेट एसोसिएशन पर भी अब सवाल उठना जायज है। पूर्व खिलाडिय़ों का कहना है कि जीसीए ऐसे टूर्नामेंट कराने के लिए कोई प्रयास नहीं करती है। एक अच्छा खिलाड़ी बनने के लिए 14 साल और 16 साल की उम्र अहम होती है। इस उम्र में अच्छा परफार्म करने वाला प्लेयर ही आगे बढ़ता है। जब यहां के खिलाड़ी बड़े शहरों के प्लेयर के साथ खेलेंगे नहीं तो फिर अच्छे परफार्म की उम्मीद करना भी बेकार है।गोरखपुर मे छोटे बच्चों के बीच कई ऐसे उभरते खिलाड़ी हैं, जिन्हें अच्छा माहौल मिले तो वह कुछ कर सकते हैं। यहां तो स्टैंर्ड क्रिकेट ही नहीं हो रहा है तो नई जेनरेशन अच्छा कहां से खेलेगी। कमलेश सिंह, पूर्व रणजी खिलाड़ीक्रिकेट का स्तर वर्तमान समय बहुत नीचे गिरा है। पहले जो क्रिकेट होता था, उसका एक स्टैंर्ड होता था। अब तो अच्छे मैच गोरखपुर में देखने को ही नहीं मिलते हैं। सलीम, खिलाड़ीबच्चे दिन भर खेलकर क्या करेंगे, जब अच्छे टूर्नामेंट खेलने का उन्हें अवसर नहीं दिया जाएगा। अच्छे प्लेयर के बीच खेलकर कांम्प्टीशन की भावना आती है। जो यहां देखने को नहीं मिलती है।नवीन जायसवाल, पैरेंटअंडर 14 और 16 के राज्य स्तरीय टूर्नामेंट काफी दिनों से नहीं हुए हैं। अब इसका प्रयास किया जाएगा कि आगे गोरखपुर में अच्छे टूर्नामेंट हो, जिससे गोरखपुर के खिलाडिय़ों को अच्छा अवसर मिले।

शफीक अहमद सिद्दकी उर्फ शम्भू, अध्यक्ष, मंडलीय क्रिकेट एसोसिएशन

Posted By: Inextlive