Coronavirus in Gorakhpur : साहब मुझे बुखार है, कहीं कोरोना तो नहीं है
गोरखपुर (सैयद सायम रऊफ)। जिस किसी को भी मौसम की वजह से भी सर्दी जुकाम हो रहा है, वह भी खुद को कोरोना का शिकार समझने लग रहा है। जबकि एक्सपर्ट डॉक्टर्स की मानें तो कोरोना के केस अभी गोरखपुर में डायग्नोज नहीं हुए हैं, जो भी इंटरनेशनल फ्लाइट के जरिए ट्रैवेल कर गोरखपुर पहुंच रहा है, उसकी निगरानी की जा रही है। गोरखपुर एयरपोर्ट से 17, जबकि बाकी डिफरेंट एयरपोर्ट के जरिए गोरखपुर पहुंचे हैं। इसकी जानकारी डब्ल्यूएचओ के जरिए मिली है और उनकी 28 दिनों तक मॉनीटरिंग की जा चुकी है और सभी स्वस्थ्य हैं।
केस 1महादेव झारखंडी का रहने वाला 26 वर्षीय युवक चाइना के वुहान से गोरखपुर पहुंचा। वह वहां एमबीबीएस की पढ़ाई कर रहा था। 14 जनवरी को वह फ्लाइट के जरिए गोरखपुर पहुंचा। एक फरवरी को जिम्मेदारों को इंफॉर्मेशन मिली और इसके बाद उसका ऑब्जर्वेशन शुरू हो गया। जिम्मेदारों ने जांच के लिए सैंपल कलेक्ट कर लैब में भेजा जहां उसका रिजल्ट निगेटिव आया।
केस 2झुंगिया बाजार मेडिकल कॉलेज रोड के पास रहने वाला 24 वर्षीय युवक चाइना से गोरखपुर लौटा। विभाग को इसकी जानकारी एक दिन बाद ही मिल गई और 29 को गोरखपुर पहुंचने के बाद 31 जनवरी से उसकी निगरानी शुरू कर दी गई। इसका सैंपल भी लखनऊ जांच के लिए भेजा गया, जहां कोरोना का रिजल्ट निगेटिव आया।
कॉल कर खुद को बता रहे हैं शिकारगोरखपुर से जुड़े लोगों की कॉल जिम्मेदारों के लिए सिरदर्द हो गई है। हल्की सी सर्दी या जुकाम होने पर वह गवर्नमेंट वेबसाइट्स पर कोरोना के लिए जारी हेल्पलाइन पर कॉल लगा दे रहे हैं। वहां से सीधा गोरखपुर के नोडल ऑफिसर को कॉल पहुंच रही है और वह मामले की इनवेस्टिगेशन में जुट जा रहे हैं। मंगलवार को भी मौसमी बीमारी के शिकार एक शख्स ने खुद को कोरोना वायरस से अफेक्टेड बताकर डीजीएमई को फोन कर दिया। वहां जिम्मेदारों के पसीने छूटे, तो उन्होंने गोरखपुर के नोडल ऑफिसर को इसकी सूचना दी। उससे जब डीटेल्स ली गई, तो मालूम हुआ कि उसकी कोई ट्रैवेल हिस्ट्री नहीं है और उसे सर्दी-जुकाम हुआ है, जिससे डरकर उसने टॉल फ्री नंबर पर कॉल लगा दिया है। रोजाना ऐसी करीब 5-7 कॉल जिम्मेदारों के सेल पर पहुंच रही हैं, जिन्होंने उनकी मुश्किलें बढ़ा दी हैं।क्या है कोरोना वायरस?कोरोना असल में वायरसों का एक बड़ा ग्रुप है, जो जानवरों में आम है। कोरोना वायरस जानवरों से मनुष्यों तक पहुंच जाता है। इसके इंफेक्शन से बुखार, जुकाम, सांस लेने में तकलीफ, नाक बहना और गले में खराश जैसी प्रॉब्लम हो जाती हैं। यह न्यूमोनिया का कारण भी बन सकता है।
कैसे फैलता है? - डब्ल्यूएचओ के मुताबिक कोरोना वायरस जानवरों से ह्यूमनबींग में फैला है।- माना जा रहा है कि 2019-सीओवी सीफूड यानि समुद्री जीव खाने से फैला था, लेकिन अब कोरोना वायरस पर्सन टू पर्सन फैल रहा है।- यह कोरोना वायरस से इंफेक्टेड किसी व्यक्ति के संपर्क में आने से फैल सकता है।- खांसी, छींक या हाथ मिलाना जोखिम की वजह बन सकता है।- किसी इंफेक्टेड पर्सन के छूने और फिर अपने मुंह, नाक या आंखों को छूने से भी वायरस का इंफेक्शन हो सकता है।कोरोना वायरस के लक्षण- बुखार आना- सिरदर्द- नाक बहना- खांसी- गले में खराश- फेफड़ों में सूजन- छींक आना- आंख-नाक से पानी- हाथों पैरों में अकडऩ- सीवियर इंफेक्शन से निमोनिया- सीवियर एक्यूट रेस्पिरेटरी सिंड्रोम- किडनी फेल्योरक्या करें- अपने हाथ साबुन और पानी से बार बार साफ करें और हाईजीन मेनटेन रखें।- खांसते या छींकते वक्त अपनी नाक और मुंह को टिश्यू या मुड़ी हुई कोहनी से ढकें।- जिन्हें सर्दी या फ्लू जैसे लक्षण हों, उनके साथ करीबी संपर्क बनाने से बचें।
- बिना हाथ धोए अपनी आंख, मुंह और नाक को न छूएं।- मांस, मछली और अंडों को अच्छे से पकाएं।- सब्जी को खूब धो कर अच्छे से पकाएं।- ज्यादा से ज्यादा विटामिन-सी संबंधित मौसमी फल खाएं।अलर्ट - अगर आप 15 जनवरी के बाद चाइना के वुहान से लौटे हैं, तो आप कोरोना वायरस का टेस्ट जरूर करवाएं।- अगर आप पिछले 15 दिनों में चीन से लौटे हैं या कोरोना वायरस से संक्रमित किसी व्यक्ति के संपर्क में आए हैं, तो 14 दिनों के लिए सबके साथ संपर्क सीमित करें और अलग कमरे में सोएं।- चाइना से लौटने के बाद अगर 28 दिन में आपको बुखार, खांसी या सांस लेने में प्रॉब्लम है, तो तुरंत ही परिवार कल्याण मंत्रालय के हेल्पलाइन नंबर पर कॉल करें।हेल्पलाइन नंबर - 011-23978046'कोरोना का अब तक कोई भी केस पॉजिटिव नहीं मिला है। जो आए थे, उनकी निगरानी की जा रही है। कुछ लोगों का टाइम कंप्लीट भी हो चुका है। अब जिन्हें बुखार और जुकाम भी हो रहा है, तो वह डर से कॉल करने लग रहे हैं। गोरखपुर में अभी कोरोना की कोई बात नहीं है। स्वास्थ्य विभाग इसके लिए तैयार है।'
- डॉ। आईवी विश्वकर्मा, एसीएमओहेल्थ डिपार्टमेंट लगातार चला रहा है अभियानगोरखपुर में हेल्थ डिपार्टमेंट अवेयरनेस कैंपेन लगातार चला रहा है। एयरपोर्ट पर अवेयरनेस के लिए पोस्टर्स और स्टैंडीज लगा दी गई है, वहीं इन पर हेल्पलाइन नंबर 0551-2225145, 8005192660 भी डिस्प्ले कर दिया गया है। साथ ही मेडिकल कॉलेज और जिला अस्पताल में आईसोलेशन वार्ड भी बनाए गए हैं, ताकि मरीज को वहां एडमिट किया जा सके और बीमारी को बढऩे से रोका जा सके। इतना ही नहीं, जहां भी केस सामने आ रहे हैं, वहां स्वास्थ्य विभाग की टीम पहुंचकर मॉनीटरिंग कर रही है और लोगों की जांच कर रही है। इतना ही नहीं, जिनकी ट्रैवेल हिस्ट्री मिली है, उनके सैंपल भी कलेक्ट कर जांच के लिए भेजे जा रहे हैं।