वस्तु एवं सेवा कर जीएसटी की जांच में झारखंड की फर्जी फर्म द्वारा 16 करोड़ 38 लाख के ईवे बिल पर दो करोड़ 95 लाख की कर चोरी करने के मामले का खुलासा हुआ है. इस मामले में 118 परसेंट की दर से जुर्माना व कर जमा कराने की कार्रवाई की जा रही है.


गोरखपुर (ब्यूरो)। एडिशनल कमिश्नर विशेष अनुसंधान शाखा गोरखपुर के निर्देशन में चलाए गए अभियान के तहत गत दिनों कर चोरी को लेकर अभियान चलाया गया। इस दौरान सचल दल इकाई कुशीनगर की टीम ने मुजैना हेतिमपुर टोल प्लाजा पर आयरन स्क्रैप लदे वाहन को रोककर जांच की। संबंधित प्रपत्रों की जांच व पूछताछ में वाहन चालक ने बताया कि माल बिहार में लोड किया गया है और पंजाब जा रहा है। जबकि बिल झारखंड के बजरंग इंटरप्राइजेज के नाम से जारी कर माल का परिवहन लुधियाना पंजाब के लिए किया जाना घोषित किया गया था। माल जब्त करने के बाद जब संयुक्त आयुक्त विशेष अनुसंधान शाखा गोरखपुर के निर्देशन में जांच गई तो फर्म फर्जी (अस्तित्वविहीन) मिली। साथ ही फर्म द्वारा कोई भी रिटर्न फाइल नहीं किया जाना पाया गया। फर्म ने 16.38 करोड़ का ईवे बिल जारी करते हुए 2.95 करोड़ की इनपुट टैक्स क्रेडिट (आईटीसी) आगे फारवर्ड कर दिया गया था। अलर्ट सर्कुलर जारी रांची के सीजीएसटी कमिश्नर आशीष मिश्रा ने इस मामले में पंजाब सरकार से संबंधित अधिकारी को आइटीसी वसूली व अन्य विधिक कार्रवाई के लिए अलर्ट जारी किया है। साथ ही डायरेक्टर जनरल आफ जीएसटी इंटेलीजेंस, नई दिल्ली को भी आवश्यक कार्रवाई के लिए सूचित किया है।
कर चोरी करने वालों पर विभाग की नजर है। इसको लेकर लगातार अभियान भी चलाया जा रहा है। यदि भविष्य में कोई मामला सामने आता है तो संबंधित के विरुद्ध कड़ी कार्रवाई की जाएगी।- देवमणि शर्मा, एडिशनल कमिश्नर ग्रेड टू

Posted By: Inextlive