यूपी का 'जामताड़ा'.. निशाने पर वीआईपी
- एसएसपी की फर्जी फेसबुक आईडी बनी तो हरकत में आई में पुलिस
- किराए की आईडी और मोबाइल नंबर से गैंग करता है जालसाजीGORAKHPUR: जामताड़ा सबका नंबर आएगा। यह एक वेब सीरीज की पंचलाइन है। जामताड़ा झारखंड का एक जिला भी है, लेकिन क्या आपको पता है कि उत्तर प्रदेश में भी एक जामताड़ा है। नहीं पता तो जान लीजिए। राजस्थान बार्डर से सटे मथुरा जिले के एक गांव में सैकड़ों लोग जालसाजी के कारोबार में जुटे हैं। यहां से फर्जी फेसबुक आईडी बनाकर जालसाजी की जा रही है और यूपी पुलिस यहां के जालसाजों की साफ्ट टारगेट है। वीआईपी भी निशाने पर हैं। लेकिन जल्द ही इसका सच सबके सामने होगा। गोरखपुर पुलिस को ऐसे ही एक गैंग के बारे में सुराग मिला है, जो यूपी में काम कर रहा है। पुलिस की एक टीम शातिरों की तलाश में जुटी है। पुलिस अधिकारियों का कहना है कि जल्द ही गैंग का पर्दाफाश कर दिया जाएगा।
मथुरा जिले से जुड़े तार, सैकड़ों लोगों का कारोबारफेसबुक के जरिए एक-दूसरे से जुड़े लोगों के लिए साइबर ठग मुसीबत बन गए हैं। ये शातिर किसी न किसी को रोजाना टारगेट करते हैं। उनकी आईडी बनाकर लोगों से दोस्ती करते हैं। फिर फ्रेंडलिस्ट को खंगालकर सभी को मैसेज भेजते हैं। बीमार होकर किसी अस्पताल में पड़े हैं। मदद की सख्त की जरूरत है। ऐसे में लोग अपने परिचित की आईडी समझकर संबंधित के अकाउंट में रुपए ट्रांसफर कर देते हैं। पुलिस की जांच में सामने आया है कि राजस्थान बार्डर से सटे मथुरा जिले के एक गांव में सैकड़ों लोग जालसाजी के कारोबार में जुटे हैं।
एडीजी के बाद बनी एसएसपी की आईडी जिले में पुलिस अधिकारी साइबर जालसाजों के निशाने पर हैं। पूर्व एडीजी जोन दावा शेरपा के बाद जालसाजों ने एसएसपी दिनेश कुमार पी की फर्जी आईडी बना ली। इसके अलावा 10 से अधिक दरोगा और इंस्पेक्टर भी उनके निशाने पर आ चुके हैं। एसएसपी की आईडी बनने के बाद पुलिस महकमा हरकत में आया। मामले को चुनौती मानकर एसएसपी ने कार्रवाई का निर्देश दिया। पुलिस की अलग-अलग टीमें छानबीन में जुटी है। साइबर सेल भी पूर्व की घटनाओं को खंगाल रही है। किराये पर अकाउंट और मोबाइल नंबरछानबीन में यह भी सामने आया है कि राजस्थान बार्डर से सटे मथुरा और आसपास के जिलों का गैंग यूपी में एक्टिव है। झारखंड के जामताड़ा की तरह ही यह गैंग काम करता है। गैंग के सदस्य दूसरी जगहों से दो से तीन हजार किराये पर बैंक अकाउंट और मोबाइल नंबर यूज करते हैं। इसके जरिए धोखाधड़ी से लोग परेशान हेाते थे।
सबका ध्यान जामताड़ा पर, पर नहीं लिया संज्ञान जांच में यह पता लगा है कि साइबर जालसाजी के मामलों में सबका ध्यान झारखंड के जामताड़ा पर चला जाता है। वहां पुलिस पहुंच नहीं पाती है। इसलिए अन्य जगहों से ऑपरेट होने वाले गैंग के बारे में जानकारी नहीं मिल पाती है। यूपी में ही गैंग के बारे में जानकारी मिलने से पुलिस की आंखों में चमक आ गई है। जोन में सामने आए इतने मामले जिला संख्या गोरखपुर 471 देवरिया 454 कुशीनगर 332 महराजगंज 247 बस्ती 154 संतकबीरनगर 141 सिद्धार्थनगर 49 गोंडा 179 बहराइच 261बलरामपुर 167
श्रावस्ती 52 साइबर जालसाजी के मामले में पुलिस कार्रवाई कर रही है। साइबर सेल को जांच सौपी गई है। फर्जी आईडी बनाकर लोगों से ठगी करने वालों को जल्द ही अरेस्ट कर लिया जाएगा। दिनेश कुमार पी, एसएसपी