GORAKHPUR : कुश्ती की जमीं और क्रिकेट के बढ़ते फीवर के बीच सिटी में हैंडबाल की डिमांड बढ़ती जा रही है. लोगों के बीच कम फेमस होने और फैंस की संख्या कम होने के बावजूद हैंडबाल के प्रति यूथ का क्रेज बढ़ रहा है. सिटी के यूथ को अधिकांश गेम की अपेक्षा सबसे अधिक जॉब हैंडबाल ने दी है. यह हम नहीं बल्कि सिटी के आंकड़े बयां कर रहे है.


क्रिकेट का सिर्फ जुनून, हैंडबाल करता है सेफसिटी में क्रिकेट का फीवर लोगों के सिर चढ़ कर बोल रहा है। फिर चाहे खिलाड़ी बनने के लिए टीनएजर्स या फिर अपने लाडले को चमकता सितारा बनता देखने के लिए उनके पैरेंट्स। मगर इन सबके बीच हैंडबाल न सिर्फ टीनएजर्स के टैलेंट को निखार रहा है बल्कि उन्हें मेडल दिलाने के साथ जॉब भी दे रहा है। सिटी के रीजनल स्टेडियम में प्रैक्टिस करने वाले करीब एक दर्जन खिलाड़ी आर्मी, एसएसबी, रेलवे, यूपी पुलिस और हिंडाल्को में जॉब कर रहे हैं। क्रिकेट, फुटबाल, हॉकी और रेसलिंग जैसे हैंडबाल के इतने ज्यादा फैंस तो नहीं है, मगर टैलेंट दिखाने वालों की कमी नहीं है। सिटी के दो दर्जन से अधिक खिलाड़ी ऐसे है जिन्होंने अपना टैलेंट दिखा कर जॉब पाने के साथ फ्यूचर सेफ कर लिया।नफीस अहमद, कोचइनको दिलाई हैंडबाल ने जॉबप्लेयर               - जॉबअमित सागर        - आर्मी
राजेश कुमार यादव - सीआरपीएफशशिकांत राय       - आर्मीअश्विनी यादव      - एसएसबीचिरंजीवी सिंह       - आर्मीसंजय                - हिंडाल्कोपवन कुमार मिश्रा    - आर्मीअजयमणि            - हिंडाल्कोआदित्य              - एसएसबीरामभजन यादव      - हिंडाल्कोकौशल              - एसएसबीप्रदीप                - हिंडाल्कोअरविंद यादव       - रेलवेरूबी रावत          - यूपी पुलिस

Posted By: Inextlive