लोगो: क्या तैयार हैं हम

- बारिश के मौसम में स्वास्थ्य विभाग की डेंगू व मलेरिया की बीमारियों के तैयारी पर आई नेक्स्ट ने जानी हकीकत

- जांच में स्वास्थ्य विभाग की खुल गई पोल

- जहां डेंगू वार्ड वहां एडमिट हैं सामान्य मरीज

GORAKHPUR: बारिश के मौसम में घातक बीमारियों की दस्तक जारी है। उधर स्वास्थ्य विभाग भी तैयारियों का दावा कर रहा है, लेकिन हकीकत कुछ और ही है। असल में यह तैयारी सिर्फ कागजों तक ही सिमटी हुई है। इसका नमूना आई नेक्स्ट के रिएलिटी चेक में देखने को मिला जब, डेंगू के लिए अलग से आरक्षित वार्ड में ही सामान्य मरीजों का इलाज होता दिखा। इतना ही नहीं मेडिकल कॉलेज की हालत तो इससे भी बदतर है। यहां तो वार्ड ही नहीं बनाए गए हैं, जबकि पिछले दिनों वार्ड रिजर्व करने की बात कही गई थी।

चौंकाने वाली हकीकत

बरसात में डेंगू व मलेरिया से निटपने के लिए हेल्थ विभाग की तैयारियों की हकीकत जानने के लिए सोमवार दोपहर आई नेक्स्ट रिपोर्टर ने रियलटी चेक किया। इस दौरान जो कुछ भी दिखा, वह चौंकाने वाला रहा। जिला अस्पताल के 12 बेड वाले डेंगू वार्ड में सामान्य मरीजों का उपचार चल रहा था। जब मरीजों से बात की गई तो उनका कहना था कि कई दिनों से उल्टी-दस्त हो रहा था। यहां आने के बाद इस वार्ड में एडमिट कर दिया गया। वहीं वार्ड के आस-पास झाड़ी और गंदगी का अंबार लगा था। जब ब्लड बैक में प्लेटलेट्स की हकीकत जानने की कोशिश की गई तो एक कर्मचारी ने बताया कि ब्लड तो पर्याप्त मात्रा में है, लेकिन प्लेटलेट्स नहीं है। मरीज के हिसाब से इसकी तैयारी की जाती है। जांच किट भी काफी कम संख्या में है।

भगवान भरोसे बीआरडी की तैयारी

वहीं बीआरडी मेडिकल कॉलेज की तैयारी इस समय भगवान भरोसे है। जबकि मौसम करवट ले चुका है और घातक बीमारियों का सिलसिला जारी है। फिर भी यहां न तो जांच किट है और न ही ब्लड बैंक में प्लेटलेट्स मौजूद हैं। इस हालत में अगर अचानक से डेंगू और मलेरिया के पेशेंट्स आने लगें तो उनका इलाज कैसे होगा, यह एक बड़ा सवाल है। इतना ही नहीं यहां पर वार्ड तक रिजर्व नहीं किए गए हैं। अफसरों का जवाब सिर्फ इतना ही कि मरीज आने की संख्या पर ही सब कुछ निर्भर करता है। अभी इस प्रकार के मरीज नहीं आ रहे हैं, इस वजह से तैयारी नहीं की गई है। एहतियात के तौर पर मरीज का उपचार इमरजेंसी में ही किया जाएगा।

वर्जन

डेंगू वार्ड के आसपास फैली गंदगी की सफाई करने के आदेश दिए गए हैं। वार्ड भी पूरी तरह से खाली करा लिया जाएगा। कई वार्डो में निर्माण कार्य होने की वजह से अन्य मरीजों को वहां रखा गया है। जल्द ही व्यवस्थाए सुधार ली जाएगी।

-डॉ। एचआर यादव, एसआईसी जिला अस्पताल

अभी इस तरह के मरीज नहीं आ रहे हैं। हालांकि इससे पहले व्यवस्था सुदृढ़ रखने की जिम्मेदारी दे दी गई है। जहां तक वार्ड की बात है कि बेड भी आरक्षित किए जाएंगे।

-डॉ। एके श्रीवास्तव, एसआईसी मेडिकल कॉलेज

Posted By: Inextlive