दरगाह व मियां इमामबाड़ा के संरक्षण के लिए की आवाज बुलंद
- हिंदू-मुस्लिम एकता कमेटी ने शनिवार को जिलाधिकारी कार्यालय पर मुख्यमंत्री को संबोधित ज्ञापन सौंपा
GORAKHPUR: दरगाह हजरत मुबारक खां शहीद व मियां साहब इमामबाड़ा के संरक्षण की मांग को लेकर हिंदू-मुस्लिम एकता कमेटी ने शनिवार को जिलाधिकारी कार्यालय पर मुख्यमंत्री को संबोधित ज्ञापन सिटी मजिस्ट्रेट अभिनव रंजन श्रीवास्तन को सौंपा। कमेटी के संरक्षक शाकिर अली सलमानी ने कहा कि ऐतिहासिक दरगाह हजरत मुबारक खां शहीद हजारों सालों से हिंदू-मुस्लिम एकता की प्रतीक बनी हुई है। वहीं तीन सौ वर्षो से इमामबाड़ा इस्टेट सभी धर्मो के लिए एकता का केंद्र है। अब इसकी दरो दीवार जर्जर हो चुकी है। पर्यटन के क्षेत्र में इसे बढ़ावा देने व भव्यता प्रदान करने के लिए उप्र सरकार फंड जारी करे। जिससे उक्त धरोहरों का नवनिर्माण हो सके और गोरखपुर में दरगाह हजरत मुबारक खां शहीद व मियां साहब इमामबाड़ा भी पर्यटकों की नजर में आ सके। अन्य धाíमक स्थलों के सुंदरीकरण के लिए उप्र सरकार द्वारा फंड जारी किया गया है, जिनमें कबीरा स्थल, चित्रगुप्त मंदिर, विश्वकर्मा मंदिर, गुरुद्वारा जटाशंकर आदि शामिल है।
ऐतिहासिक धरोहरों को भी संरक्षित किया जाएकमेटी के महासचिव विजय कुमार श्रीवास्तव ने कहा कि प्रदेश सरकार पर्यटन के क्षेत्र में काम कर रही है। मियां साहब इमामबाड़ा व दरगाह हजरत मुबारक खां शहीद को भी पर्यटन के क्षेत्र में बढ़ावा दिया जाए और सबका साथ-सबका विकास के क्रम में ऐतिहासिक धरोहरों को भी सहेजा और संरक्षित किया जाए। कारी जमील सलमानी व पंडित विपुल त्रिपाठ ने कहा कि प्रदेश सरकार मियां साहब इमामबाड़ा और दरगाह हजरत मुबारक खां शहीद के विकास के लिए उचित कदम उठाए। गौतम लाल श्रीवास्तव व इमामबाड़ा मुतवल्लियान कमेटी के सदर सैयद इरशाद अहमद ने कहा कि दरगाह हजरत मुबारक खां शहीद हजारों वर्षो से अकीदत का प्रतीक बना हुई है। यहां पर हर संप्रदाय के लोग आते हैं। उर्स होता है। आज इसका विस्तार होना बेहद जरूरी है। ज्ञापन सौंपने वालों में यासिर अली, शकील साही, योगेंद्र कुमार, डॉ। नवीन कुमार पांडे, अफरोज अहमद, कैश अख्तर सलमानी, हर्ष दुबे, आदि तिवारी, विवेक यादव, आदित्य दुबे आदि मौजूद रहे।