एक तरफ जहां सिटी के मार्केट प्लेस पर पब्लिक टॉयलेट व यूरिनल गंदे और बदबूदार हैैं. वहीं कचहरी बस स्टेशन पर बनाए गए महिलाओं और दिव्यांग यात्रियों के टॉयलेट में अक्सर ही ताला बंद होने से यात्रियों को काफी दिक्कतें हो रही हैं. सबसे बड़ी मुसीबत यह है कि यहां शिकायत के लिए बने स्टेशन प्रभारी के कक्ष में भी कोई नहीं मिलता.


गोरखपुर (ब्यूरो)। यात्रियों की मानें तो अक्सर उसमें ताला ही बंद नजर आता है। इस बात की तस्दीक करने जब दैनिक जागरण आईनेक्स्ट की टीम जब बस स्टेशन पर अपने महिला सहयोगी के साथ पहुंचा तो वहां का नजारा हैरान करने वाला रहा। सभी बंद, मुश्किल में मुसाफिरबस स्टेशन पर महिला प्रसाधन केंद्र बंद था। वहीं बगल में दिव्यांग प्रसाधन केंद्र पर भी ताला लटका हुआ नजर आया। इसके बारे में पूछताछ के लिए जब टीम स्टेशन प्रभारी कक्ष में पहुंची तो वहां भी ताला बंद मिला। एआरएम ऑफिस का भी वही हाल था और वहां भी ताला पड़ा रहा। कोई जिम्मेदार यह बताने वाला नहीं था कि आखिरकार बस स्टेशन के सभी ऑफिस व टॉयलेट में ताला क्यों बंद किया गया है। जबकि पब्लिक प्लेस है।मूलभूत सुविधाओं से वंचित है यात्री
यूपी रोडवेज अपने यात्रियों को बेहतर सुविधा देने के लिए यात्री कर में अलग-अलग मद के रूप में पैसे चार्ज कर रहा है। मगर बस स्टेशन पर मूलभूत सुविधा से यात्री वंचित हैं। जब रिपोर्टर ने लेडीज टॉयलेट और दिव्यांग टॉयलेट में ताला क्यों बंद किया गया है इस बाबत पूछा गया तो क्लर्क नरेंद्र सिंह मिले, उन्होंने बताया कि ताला बंद यहां के अधिकारियों के आदेश पर होता है। इसके लिए बेहतर जानकारी बस स्टेशन प्रभारी नरेंद्र सिंह या फिर एआरएम गौरव वर्मा ही दे सकते हैैं। बस स्टेशन प्रभारी की तबीयत खराब है तो वह जिला अस्पताल गए है। जबकि एआरएम गौरव वर्मा ज्यादातर वर्कशॉप में बैठते हैैं। यात्रियों को बेहतर सुविधा के लिए हमारी टीम लगी हुई है। लेकिन कचहरी बस स्टेशन के टॉयलेट में ताला बंद क्यों रहता है, इसके लिए एआरएम और स्टेशन प्रभारी से पूछा जाएगा। इन लोगों को ऐसा नहीं करना चाहिए।पीके तिवारी, आरएम, यूपी रोडवेज, गोरखपुर रीजन

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