मांग में सिंदूर पिया के नाम की मेहंदी रचाई सुहागिनों ने पूरे दिन करवा चौथ का निर्जल व्रत रखा. पति के लंबी आयु की कामना की. उपवास के साथ ही उन्होंने पूजन संबंधी सामान की खरीदारी भी की. शाम होते ही महिलाओं ने विधि विधान से पूजन अर्चन के बाद चंद्रोदय के वक्त शाम सात बजकर 52 मिनट पर चलनी से चांद का दीदार किया.


गोरखपुर (ब्यूरो)। व्रती महिलाओं ने चंद्रमा को अघ्र्य देकर करवा चौथ की पूजा संपन्न की। इसके बाद उन्होंने पति को देखते हुए उनके हाथों अपना व्रत तोड़ा। पंडित शरद चंद्र मिश्र बताते है कि करवाचौथ के व्रत में शिव, पार्वती, कार्तिकेय, गणेश व चंद्रमा के पूजन करने को लेकर शाम को विधि विधान से महिलाओं को कथा सुनाएं। करवाचौथ को लेकर सुहागिनों में भी जबरदस्त उत्साह रहा। पं। शरद चंद्र मिश्र बताते हैैं कि चतुर्थी का मान रात्रि में दो बजकर 51 मिनट तक, रोहिणी नक्षत्र रात 11 बजकर &5 मिनट पर्यंत, वरियान योग भी रात को 11 बजकर 1& मिनट तक था। चंद्रमा की स्थिति रोहिणी नक्षत्र पर रहा। चंद्रमा रोहिणी से अत्यन्त प्रेम करते हैं। इसलिए निर्जल व्रत रखने से व्रती महिला के पति को दीर्घायु के साथ ही उसके दांपत्य जीवन में मधुरता आती है।विधि-विधान से व्रती महिलाओं ने की पूजन
योतिर्विद पंडित नरेंद्र उपाध्याय बताते है कि सूर्योदय से पहले स्नान कर महिलाओं ने व्रत का संकल्प लिया। दिन भर व्रती महिलाओं के कॉल आते रहे, पूरे दिन निर्जल व्रत रख शाम को भगवान शिव-पार्वती, कार्तिकेय, गणेश और चंद्रमा का पूजन करने की विधि की जानकारी प्राप्त की।

Posted By: Inextlive