दीनदयाल उपाध्याय गोरखपुर यूनिवर्सिटी की ओर से पंडित दीनदयाल उपाध्याय की जन्म जयंती पर आयोजित तीन दिवसीय 'राष्ट्रीय चेतना उत्सवÓ विषयक इंटरनेशनल सेमिनार आयोजित किया जा रहा है. इस सेमिनार के दूसरे दिन विशेष सत्र में बतौर चीफ गेस्ट राजस्थान के राज्यपाल कलराज मिश्र शामिल हुए. स्पेशल गेस्ट गोरखपुर सांसद रवि किशन पूर्व राज्यसभा सांसद शिव प्रताप शुक्ला और पूर्व मंत्री उत्तर प्रदेश राजेंद्र सिंह 'मोतीÓ रहे. इस अवसर पर राज्यपाल कलराज मिश्र ने प्रशासनिक भवन में स्थापित दीनदयाल उपाध्याय की प्रतिमा पर पुष्पार्चन किया.


गोरखपुर (ब्यूरो).सेमिनार की महत्ता पर चर्चा करते हुए राज्यपाल ने कहा कि इस तीन दिवसीय इंटरनेशनल सेमिनार का विषय अत्यंत ही समाचीन है। दीनदयाल उपाध्याय ने प्रारंभ से ही सहज और सरल जीवन शैली को आत्मसात किया। भारतीयता और सनातन का विचार उनके जीवन का मूल केंद्र रहा। उनके अनुसार धर्म, अर्थ और काम, मोक्ष के मूल में नैतिकता है। नैतिकता ही प्रजा को नियंत्रित करती है। उन्होंने अपने छात्र जीवन को याद करते हुए बताया कि एक कार्यकर्ता होने के नाते उनसे संपर्क होता रहता था। मैं उनकी सामूहिकता के विचार से बहुत प्रभावित था। वह अपने जीवन चिंतन में सामूहिकता को जीवंत बनाए रखने और नैतिकता को प्रधानता देने का प्रयास करते रहे। उन्होंने अपना पूरा जीवन समाज को समर्पित कर दिया। इसके साथ ही उन्होंने संविधान में उल्लेखित मौलिक कर्तव्यों का भी वाचन किया।पूरे भारत की दिशा बदल सकता हूं


राज्यपाल ने दीनदयाल उपाध्याय के विलक्षण प्रतिभा का वर्णन करते हुए एक संस्मरण को याद किया। उन्होंने कहा कि जब वो कानपुर में जनसंघ का प्रथम अधिवेशन था। जिसमे पंडित जी ने वहां प्रस्तुत किए जाने वाले संकल्प को स्वयं लिपिबद्ध किया था। उनके इस कार्य से प्रभावित होकर श्यामा प्रसाद मुखर्जी जी ने कहा था कि 'यदि मुझे दो दीनदयाल उपाध्याय और एक अटल मिल जाए तो मैं पूरे भारत की दिशा बदल सकता हूं.Óविद्यार्थी दीनदयाल जैसा व्यक्तित्व धारण करें - रविकिशनस्पेशल गेस्ट गोरखपुर सांसद रवि किशन ने अपने संघर्ष के दिनों में पिताजी से दीनदयाल उपाध्याय के बारे में मिले विचारों से प्रभावित होने की बात कही। रविकिशन ने दीनदयाल के एकात्म मानवतावाद और अंत्योदय के विचार पर कहा कि समाज के सबसे अंतिम व्यक्ति को भी सामाजिक और आर्थिक लाभ मिले तभी सम्पूर्ण समाज और देश का विकास संभव है। वर्तमान मोदी सरकार तथा प्रदेश में योगी सरकार उनके विचारों को विभिन्न योजनाओं के माध्यम से क्रियान्वित कर रही है। सभी विद्यार्थियों को दीन दयाल उपाध्याय जैसा व्यक्तित्व धारण करना चाहिए। हमारी मांगे पूरी होपूर्व मंत्री नरेंद्र सिंह 'मोतीÓ ने कहा कि आज की सरकार दीनदयाल के अंत्योदय की संकल्पना को धरातल पर उतारने का कार्य कर रही है। पूर्व राज्य सभा सांसद शिव प्रताप शुक्ल ने कहा कि दीनदयाल जी कहते थे मनुष्य और राष्ट्र के जीवन मे आर्थिक समृद्धि बहुत जरूरी है। उन्होंने पंूजीवाद तथा साम्यवाद में अंतर को दो नारों से समझाया - 'हमारी मांगे पूरी हो चाहे जो मजबूरी हो.Ó, 'राष्ट्रहित में करेंगे काम और काम का लेंगे पूरा दाम.Ó

पीएम मोदी के विजन संकल्पों पर सेमिनार करने वाली पहली यूनिवर्सिटी - वीसीकार्यक्रम की अध्यक्षता करते हुए वीसी प्रो। राजेश सिंह ने कहा कि पीएम नरेंद्र मोदी ने 2047 तक भारत को विकसित बनाने की बात 15 अगस्त 2021 और 15 अगस्त 2022 को कही है। इसके लिए छह संकल्पों पर कार्य करने को कहा था। यही दीनदयाल उपाध्याय के प्रति सच्ची श्रद्धांजलि है। वीसी ने कहा कि गोरखपुर यूनिवर्सिटी राष्ट्रीय चेतना उत्सव का आयोजन कर देश पहला यूनिवर्सिटी बन गया है जो इन संकल्पों पर व्यापक स्तर पर चर्चा कर रहा है। उन्होंने राज्यपाल को बताया कि यूनिवर्सिटी की ओर से नई शिक्षा नीति के अंतर्गत नैतिक शिक्षा प्रदान करने के लिए दो-दो क्रेडिट का पंडित दीनदयाल उपाध्याय तथा नाथ पंथ पर कोर्स तैयार किया गया है। कार्यक्रम का संचालन तथा धन्यवाद ज्ञापन प्रो। दीपक त्यागी ने किया।

Posted By: Inextlive