वाराणसी में बीते दिनों एक जर्जर मकान गिरने से एक बच्ची की जान चली गई. वहीं पीएम सिटी में शनिवार को भी एक जर्जर मकान गिर गया. आप सोच रहे होंगे कि एकाएक वाराणसी की सूचनाएं क्यों? तो यह इसलिए बताया जा रहा है कि गोरखपुर में में करीब 118 जर्जर भवन हैं. इन्हें गिराने की गोरखपुर निगम प्रशासन जहमत नहीं उठा रहा. निगम ने नोटिस देकर खानापूर्ति कर ली और पब्लिक भी जर्जर मकानों से बाहर नहीं निकली. कई लोग जर्जर मकानों में रह रहे हैं. वैसे तो हर पल इनकी जान आफत में रहती है लेकिन बरसात आते ही हादसे की आशंका बढ़ जाती है. नगर निगम भी इन घरों में रहने वालों की कोई सुध नहीं ले रहा है. निगम अफसरों का कहना है कि पुरानी लिस्ट में जितने भी जर्जर मकान थे. उनकी वहां रहने वाले लोगों ने मरम्मत करा ली है.


गोरखपुर (ब्यूरो)। सिटी के 118 जर्जर मकानों में रहने वालों को नगर निगम ने 2019-20 में सात मई को नोटिस दिया था। इसके बाद सुध नहीं ली गई। इसके कारण कई लोग आज भी जर्जर मकानों में ही रह रहे हैं। यही नहीं इसके अलावा भी सिटी में कई जर्जर मकान हैं, जिनमें लोग रह रहे हैं। कोविड के चलते निगम की ओर इसे बीते दो साल में इस लिस्ट को अपडेट भी नहीं किया गया। ग्रामीण इलाकों में ज्यादा जर्जर भवन ग्रामीण इलाकों में सैकड़ों जर्जर भवन हैं। इनकी कोई सुध नहीं लेने वाला है। कई ऑफिस और स्कूल भी जर्जर भवनों में चल रहे हैं। जहां हर पल हादसे की आशंका बनी रहती है। वाराणसी में हुए हादसे
केस-1: वाराणसी में 26 जून को सिगरा थाना क्षेत्र के सोनिया मोहल्ला में जर्जर भवन गिरने से एक बच्ची की मौत हो गई थी। नगर निगम ने पहले कोई नोटिस नहीं दी थी। अगर नोटिस देकर हिदायत दी गई होती तो शायद बच्ची की जान बच गई होती। केस-2: 2 जुलाई को एक जर्जर बिल्डिंग गिर गई। हालांकि, कोई घायल नहीं हुआ। यहां भी नगर निगम की ओर से कोई नोटिस नहीं दी गई थी।


पुरानी लिस्ट के लोगों ने मकान की मरम्मत करा ली है। अभी कोई नई सूची नहीं बनाई गई है। जर्जर मकानों को चिह्नित किया जाएगा, उनमें रहने वालों को नोटिस भी दिए जाएंगे। - सुरेश चंद्र, चीफ इंजीनियर नगर निगम

Posted By: Inextlive