- पिपराइच एरिया के रिठिया गांव में 9 जून 2014 को मंजीत की खुदकुशी का मामला

- एसएसपी गोरखपुर को एक साल बाद भेजा रिमाइंडर

- आयोग ने महिला की खुदकुशी के मामले में सात दिन के भीतर एटीआर मांगा

GORAKHPUR : देश में महिलाओं की हालत पर नजर रखने और उसे सुधारने के लिए बना राष्ट्रीय महिला आयोग(एनसीडब्ल्यू) कितना सक्रिय है, इसकी पोल वेंस्डे को खुली। पिपराइच के रिठिया गांव में हुई एक आत्महत्या के मामले में एक सामाजिक कार्यकर्ता वेद प्रकाश ने 11 जून 2014 को शिकायत दर्ज कराई। आयोग ने मामले में एसएसपी गोरखपुर से एक्शन टेकन रिपोर्ट(एटीआर) मांगी। इस शिकायत की कॉपी प्राइम मिनिस्टर ऑफिस(पीएमओ) को भी भेजी गई। एक साल तक सब ठंडे बस्ते में पड़ा रहा। न रिपोर्ट भेजी गई, न ही आयोग ने जानने की कोशिश की कि मामले में क्या हुआ। जुलाई 2015 में जब पीएमओ ने एनसीडब्ल्यू से मामले का स्टेटस जानने की कोशिश तो कमीशन को एटीआर की याद आई। एनसीडब्ल्यू ने एसएसपी गोरखपुर को 30 जुलाई को लेटर भेज सात दिन के भीतर एटीआर मांगी है।

सुसाइड या फो‌र्स्ड सुसाइड?

9 जून 2014 को पिपराइच एरिया के रिठिया गांव में पति के उत्पीड़न से तंग आकर मंजीत ने खुद को मिट्टी का तेल डालकर जलाने की कोशिश की। आग लगाने के बाद वह चीखती रही। ससुराल वाले सामने थे, वो उनके सामने जलन से कराहती रही, लेकिन वे उसके मरने का इंतजार करते रहे। ग्रामीणों ने उसकी हालत देख उसे पीएचसी पर एडमिट कराया, लेकिन उसने दम तोड़ दिया। मंजीत पश्चिम बंगाल से ह्यूमन ट्रैफिकिंग के जाल में फंसकर गोरखपुर आई थी। यहां उसकी लड़ाई लड़ने वाला कोई नहीं था। मामले में पुलिस ने कोई कार्रवाई नहीं की, जबकि उसने मरने से पहले एक पुलिसकर्मी को खुदकुशी की वजह बताई थी।

गैरों ने लड़ी लड़ाई

पुलिस की निष्क्रियता देखकर गांव के ही वेद प्रकाश ने मंजीत के ससुराल वालों के खिलाफ आवाज उठाई। वेद प्रकाश ने 11 जून 2014 को राष्ट्रीय महिला आयोग और राज्य महिला आयोग से गुहार लगाकर इंसाफ की मांग की। आयोग ने एसएसपी को लेटर भेजकर मामले में क्या कार्रवाई हुई, इसकी रिपोर्ट मांगी। एसएसपी ने सीओ चौरीचौरा का जांच सौंपी। सीओ ने फाइल नोटिंग पर लिखा कि मुकदमा दर्ज कर विवेचना की जाए। इसके बाद फाइल एसएसपी ऑफिस भेज दी गई। तब से अब तक फाइल पर कोई कार्रवाई नहीं हुई, न ही जांच आगे बढ़ी।

पीएमओ ने दिया दखल

इस बीच वेद ने कमीशन को भेजी गई शिकायत का रेफरेंस नंबर लेकर ऑनलाइन पोर्टल के जरिए पीएमओ को शिकायत की। राज्य महिला आयोग ने 23 जुलाई 2015 में वेद को लखनऊ बुलाया। वेद ने आयोग को बताया कि मामला ज्यों का त्यों बना हुआ है। कोई कार्रवाई नहीं हुई। उधर, कंप्लेंट मिलते ही पीएमओ हरकत में आया और एनसीडब्ल्यू को लेटर भेज मामले की स्टेटस रिपोर्ट मांगी। पीएमओ के हस्तक्षेप के बाद कमीशन हरकत में आया और एसएसपी गोरखपुर को एटीआर के लिए रिमाइंडर भेजा।

दबाव में रोकी रिपोर्ट

मंजीत की खुदकुशी के मामले में कुछ हाई प्रोफाइल लोगों और गैर जनपद में तैनात एक थानेदार के दबाव में एसएसपी गोरखपुर कार्यालय में एटीआर रोकी रखी गई। शिकायतकर्ता का कहना है कि मंजीत का परिवार इतना दबंग है कि पीएमओ के दखल और आयोग के रिमाइंडर के बाद भी उन्हें इस मामले में कार्रवाई की आशा नहीं है।

Posted By: Inextlive