GORAKHPUR : यूनिवर्सिटी में पढ़ने जा रहे हैं तो बात-बात पर आंदोलन करना आपको महंगा पड़ सकता है. स्टूडेंट के किसी भी क्रिमिनल एक्टिविटी में शामिल होने पर उसे पढ़ाई से हाथ धोना पड़ सकता है क्योंकि एफआईआर दर्ज होने पर एडमिशन कैंसिल हो जाएगा. इसकी चेतावनी यूनिवर्सिटी ने यूजी/पीजी एडमिशन के एप्लीकेशन फार्म भरने में जारी की गई गाइड लाइन के अन्य महत्वपूर्ण सूचनाओं में दर्शाई गई है. गाइड लाइन में साफ कहा गया है कि फ्यूचर में कोई केस रजिस्टर्ड होने पर स्टूडेंट का एडमिशन कैंसिल कर दिया जाएगा. स्टूडेंट्स को यह भी बताना पड़ रहा है कि उनपर पहले से कोई मुकदमा नहीं चल रहा है लेकिन यूनिवर्सिटी एडमिनिस्ट्रेशन के इस कदम से सवाल यह उठता है कि यदि किसी स्टूडेंट के खिलाफ कोई फर्जी एफआईआर दर्ज हुई तो यूनिवर्सिटी क्या करेगी?


फर्जी मामलों में क्या करेंगे जनाब?एप्लीकेंट को एप्लीकेशन में यह घोषणा करनी है कि उनके खिलाफ कोई आपराधिक वाद नहीं है तथा फ्यूचर में काई एफआईआर दर्ज हुई तो उसका प्रवेश निरस्त समझा जाएगा। ऐसे में एक बड़ा सवाल यह खड़ा होता है कि यदि किसी स्टूडेंट के खिलाफ कोई फर्जी एफआईआर दर्ज हुई तो उसका फ्यूचर चौपट हो जाएगा। मुकदमा दर्ज होने पर यूनिवर्सिटी को यह तो पता चल जाएगा कि स्टूडेंट के खिलाफ केस दर्ज कराई गई है। लेकिन जांच तो पुलिस के जिम्मे होती है। ऐसे में यूनिवर्सिटी यह कैसे तय कर पाएगा कि जिस स्टूडेंट के खिलाफ केस दर्ज हुआ है। वह दोषी है या नहीं। यदि सिर्फ एफआईआर दर्ज होने पर स्टूडेंट को सस्पेंड कर दिया जाएगा तो उसका फ्यूचर चौपट हो जाएगा। स्टूडेंट के आंदोलनों पर पड़ेगा असर


एजुकेशन सेशन शुरू होने पर किसी न किसी बात को लेकर स्टूडेंट लीडर्स आंदोलन शुरू कर देते हैं। स्टूडेंट इलेक्शन की घोषणा होने के बाद लीडर्स ज्यादा एक्टिव हो गए हैं। अपनी मांगों को पूरी कराने के लिए स्टूडेंट लीडर्स तरह-तरह के हथकंडे अपनाते हैं। कभी-कभी तो बवाल इस कदर होता है कि स्टूडेंट के खिलाफ एफआईआर दर्ज करानी पड़ती है। अनुशासनहीनता के आरोप में ऐसे स्टूडेंट्स को सस्पेंड भी करना पड़ता है।

स्टूडेंट्स के प्रदर्शन से सहम गए थे लोग 2012 में 15 अगस्त की रात स्टूडेंट लीडर सत्यपाल सिंह की बदमाशों ने गोली मारकर हत्या कर दी। स्टूडेंट लीडर के मर्डर के दूसरे दिन बेकाबू स्टूडेंट्स ने जमकर उत्पात मचाया। छात्रों को काबू करने के लिए पुलिस ने लाठी चार्ज किया। बाद में कई स्टूडेंट्स के खिलाफ आपराधिक मामलों में केस दर्ज करके गिरफ्तार कर लिया गया। इस दौरान यूनिवर्सिटी ने उनको अनुशासनहीनता के आरोप में निलंबित कर दिया। इसके अलावा तमाम ऐसे मामले प्रकाश में आए हैं जिनमें स्टूडेंट्स के खिलाफ केस दर्ज कराया गया है। हॉस्टल में होता है क्रिमिनल्स का जमावड़ा कई बार ऐसा हुआ है जब यूनिवर्सिटी में असलहों के साथ बदमाश धरे गए हैं। सिटी में होने वाली वारदातों में शामिल रहे बदमाश यूनिवर्सिटी के हास्टल में छिपते रहे हैं। स्टूडेंट लीडर प्रदीप सिंह सहजनवां की शाहपुर में गोली मारकर हत्या कर दी गई थी। इस सनसनीखेज वारदात की पूरी कहानी यूनिवर्सिटी हॉस्टल में गढ़ी गई थी। ऐसे में यूनिवर्सिटी कैंपस को क्रिमिनिल्स एक्टिविटी से फ्री करने में यूनिवर्सिटी की तरफ जारी गाइड लाइन ज्यादा सिक्योर होगी।

यूनिवर्सिटी में साफ सुथरी छवि के स्टूडेंट के आने से एजुकेशन का माहौल सुधरेगा। इसीलिए इसको पहले सही स्पष्ट कर दिया गया है। इसका फायदा पढ़ाई करने वाले स्टूडेंट को मिलेगा। प्रो। पीसी त्रिवेदी, वाइस चांसलर, डीडीयू

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