- रोड ट्रांसपोर्ट अथॉरिटी की मीटिंग में तय की गई रणनीति

- एसएसपी और एसपी ट्रैफिक से मांगा गया डाटा, डाटा मिलने के बाद तय होगी लिमिट

- गोरखपुर-कप्तानगंज रूट पर दौड़ेंगी रोडवेज बसें, अब तक चलती थीं प्राइवेट बसें

GORAKHPUR: सिटी में लगातार बढ़ रही ऑटो रिक्शा की तादाद पर लगाम लगने वाली है। अब सड़कों पर तय संख्या में ही ऑटो दिखेंगे। आए दिन प्रमुख इलाकों में होने वाली जाम की समस्या के चलते ये निर्णय लिया गया है। कमिश्नर पी। गुरु प्रसाद की अध्यक्षता में बुधवार को हुई रोड ट्रांसपोर्ट अथॉरिटी (आरटीए) की मीटिंग में इसका रोड मैप तैयार किया गया। इस दौरान एसएसपी और एसपी ट्रैफिक से इन इलाकों का डाटा मांगा गया कि यहां कितनी संख्या में ऑटो दौड़ने पर पब्लिक को परेशानी नहीं होगी। डाटा मिलने के बाद अगली मीटिंग में ऑटो रिक्शा की संख्या फिक्स कर दी जाएगी।

नहीं मिलेगा नया परमिट

आरटीए की इस मीटिंग में यह भी निर्णय लिया गया कि अब नए ऑटो रिक्शा के लिए नया परमिट नहीं दिया जाएगा। ऐसा इसलिए किया जा रहा है ताकि शहर में बेवजह ऑटो की भीड़ ना बढ़े। आरटीओ एनफोर्समेंट एके गुप्ता ने बताया कि अब नया परिमट सिर्फ दो कंडीशन में ही दिया जाएगा। पहला यह कि अगर किसी पुराने ऑटो का परमिट कैंसिल होता है, तो उसकी जगह नया परमिट दिया जाएगा। वहीं परमिट निरस्त या गाडि़यां नष्ट होने की कंडीशन में ही नया परमिट दिया जा सकता है।

वाहन से लगा जाम तो कार्रवाई

कमिश्नर ने सख्त हिदायत दी है कि सड़कों, गलियों में वाहन खड़ा कर लोडिंग करने वालों और जाम की समस्या उत्पन्न करने वाले वाहनों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाए। उन्हें किसी भी हाल में छूट ना दी जाए। चालान की गई गाडि़यों के बारे में पूछे जाने पर आरटीओ ने बताया कि कुल 196 छोटे-बड़े वाहनों का विभिन्न धाराओं में चालान किया गया है। उन्होंने बताया कि 122 ऑटो, 30 ट्रक, 29 मिनी बस, 15 टैक्सी का चालान किया गया है। मीटिंग में कमिश्नर ने वाहन मालिकों की भी समस्याएं सुनी और उनसे लिखित आवेदन मांगा। उन्होंने कहा कि प्रार्थना पत्र पर सहमति के बाद निर्णय लिया जाएगा। इस दौरान कुछ वाहन स्वामियों ने बताया कि वे इलाज के लिए गोरखपुर आए थे, लेकिन परमिट ना होने के कारण चालान कर दिया गया। इस पर कमिश्नर ने डॉक्टर की पर्ची को प्रमाण के तौर पर पेश करने पर इस संबंध में विचार करने की बात कही।

कप्तानगंज जाएंगी रोडवेज बसें

गोरखपुर से कप्तानगंज के बीच परिवहन विभाग की कोई बस नहीं चलती है। इस रूट पर अब तक 23 अनुबंधित बसें चलती थीं, जिनमें 12 के पास परमानेंट परमिट, जबकि 11 के पास टेंपरेरी परमिट था। आरटीओ एनफोर्समेंट ने बताया कि इन सभी को डिसमिस कर दिया गया। इस कारण रूट पर कोई बस नहीं चल रही है। इसे देखते हुए प्राइवेट बस ऑपरेटर्स ने परमिट की डिमांड की थी। इस पर कमिश्नर ने बताया कि रीजनल ट्रांसपोर्ट ऑफिसर बस चलवाएंगे। अगर उन्होंने बस नहीं चलवाई तो बस चलाने की अनुमति पर विचार किया जा सकता है। इस मौके पर मुख्य विकास अधिकारी मन्नान अख्तर, उप परिवहन आयुक्त परिक्षेत्र वाराणसी देवेंद्र कुमार त्रिपाठी, आरटीओ, एम। अंसारी, आरटीओ एनफोर्समेंट डॉ। एके गुप्ता, आरएम एसके राय सहित अन्य विभागीय अधिकारी मौजूद रहे।

Posted By: Inextlive