कागज का कार्यालय, अफसर ऑन ड्यूटी
- नगर निगम में पांच साल पहले दो जोनल कार्यालय बनाने का पास हुआ था प्रस्ताव
- अब तक एक ईट तक नहीं रखा जा सका, फिर भी अधिकारी नियुक्त >GORAKHPUR: लोगों की सुविधाओं के लिए नगर निगम ने शहर को चार जोन में बांट दिया। इसके लिए बकायदा कागज पर जोनल प्रभारी तक नियुक्त कर दिए गए। ताकि लोग अपनी समस्या को आसानी से बता सके, लेकिन हुआ कुछ नहीं। आज भी सभी अफसर नगर निगम ऑफिस में ही बैठते हैं और पहले की तरह काम निपटा रहे हैं। 2012 में हुआ था फैसलाजोन कार्यालय बनाने के लिए जीएमसी कार्यालय ने दिसंबर 2012 की कार्यकारिणी की बैठक में स्वीकृत दे दी थी। कार्यकारिणी ने निर्णय लिया था कि राप्तीनगर में 10 डिसमिल नगर निगम की जमीन है। उस पर से कब्जा हटाकर राप्तीनगर जोनल कार्यालय खोला जाए। मोहद्दीपुर से कूड़ाघाट तिराहे के बीच जमीन की तलाश करें। अगर नगर निगम को जमीन नहीं मिलती है तो इस एरिया में एक किराये पर मकान लेकर जोनल कार्यालय खोलें। जबकि, हकीकत यह है कि राप्तीनगर की जमीन से अतिक्रमण नहीं हट पाया है। मोहद्दीपुर से कूड़ाघाट तिराहे के बीच अभी तक जमीन की तलाश नहीं हो गई है।
इन एरिया से डेली हजार से दो हजार आते हैं लोग
नगर निगम में डेली पांच से छह हजार लोग अपनी समस्या लेकर आते हैं। रोज करीब दो हजार लोग छह से सात किमी दूरी तय कर नगर निगम मुख्य कार्यालय आते हैं। इन लोगों की सुविधा को देखते हुए नगर निगम कार्यकारिणी ने यह योजना बनाई थी, लेकिन कार्यकारिणी की योजना पर अमल नहीं हुआ।
इन वार्डो की कम होती दूरी मोहद्दीपुर जोनल ऑफिस से फायदा - इंजीनियरिंग कॉलेज ( 9 किमी) - महादेव झारखंडी टूकड़ा नंबर 1 ( 8 किमी) - गिरधरगंज बाजार ( 7 किमी) - नंदा नगर ( 8 किमी) - मोहद्दीपुर ( 5 किमी) - गोपलापुर ( 5 किमी) - जंगल तुलसीराम पश्चिमी (6किमी) - जंगल तुलसीराम पूर्वी (6किमी) - रेलवे बिछिया (6 किमी) राप्तीनगर जोनल कार्यालय से फायदा - सेमरा नंबर 1 (10 किमी) - राप्ती नगर (9 किमी) - शक्ति नगर (8 किमी) - बशारतपुर (8किमी) - राम जानकीनगर (6किमी) - लोहिया नगर (6किमी) - मानबेला (12 किमी) - उर्वरक नगर (12 किमी) नोट- वार्ड की यह दूरी नगर निगम के मुख्य कार्यालय से लगभग में है। कॉलिंगमेडिकल कॉलेज के सामने वाले एरिया में रहता हूं। 20 दिन पहले जल निगम ने पाइप बिछाने के लिए रोड को खोद दिया। शिकायत करने के लिए पार्षद से संपर्क किया तो उन्होंने कहा कि नगर निगम जाइए। अब 12 किमी दूरी तय कर नगर निगम जाने का मतलब पूरा दिन बर्बाद होना।
संतोष मौर्या, व्यापारी नगर निगम में एक प्रस्ताव देने के लिए तीन बार से राप्ती नगर तिराहा के पास 10 किमी दूरी तय कर ऑफिस आ रहा हूं। अगर राप्ती नगर में जोनल कार्यालय होता तो समय और दूरी दोनों बच जाते। अजय द्विवेदी, प्रोफेशनल ---------- क्या होता फायदा - सफाई व्यवस्था की कंप्लेन -हाउस टैक्स जमा कर सकते हैं - अपने जमीन के कागज का रिकार्ड देख सकते हैं - निर्माण से संबंधित कंप्लेन कर सकते हैं - नगर निगम से कोई प्रमाण पत्र प्राप्त कर सकते हैं - जन्म-मृत्यु प्रमाण पत्र के लिए आवेदन कर सकते हैं - रोड और नाली से संबंधित भी कंप्लेन कर सकते हैं ------------- वर्जन अभी तक जोनल कार्यालय न खुल पाने से पब्लिक को परेशानी हो रही है। जोनल कार्यालय खोलने की तैयारी हो गई है। अवस्थापना निधि से जोनल कार्यालय निर्माण कराने के लिए प्रस्ताव भी तैयार कर चुका है। डीके सिन्हा, अपर नगर आयुक्त, नगर निगम क्या होता फायदा- सफाई व्यवस्था की कंप्लेन
- हाउस टैक्स जमा कर सकते हैं - अपने जमीन के कागज का रिकार्ड देख सकते हैं - निर्माण से संबंधित कंप्लेन कर सकते हैं - नगर निगम से कोई प्रमाण पत्र प्राप्त कर सकते हैं - जन्म-मृत्यु प्रमाण पत्र के लिए आवेदन कर सकते हैं - रोड और नाली से संबंधित भी कंप्लेन कर सकते हैं