मदन मोहन मालवीय प्रौद्योगिकी यूनिवर्सिटी एमएमएमयूटी में पहले डिजाइन और इनोवेशन पर काम होता था. अब यहां के डिजाइन इनोवेशन एंड इंक्यूबेशन सेंटर से कौशल विकास केन्द्र भी जुड़ गया है. अब झटपट रोजगार मिल सके. ऐसी ट्रेनिंग एमएमएमयूटी देने जा रहा है. फस्र्ट फेज में 6 से 10 जून तक पांच दिन की ट्रेनिंग आर्गनाइज करने जा रहा है. इंक्यूबेशन सेंटर में आर्गनाइज ट्रेनिंग में इंजीनियर्स कॉलेज के स्टूडेंट्स और एमएमएमयूटी के गोद लिए राम लखना गांव की महिला-पुरुष भी शामिल होंगे. इंजीनियर्स संग रामलखना गांव के लोग भी शामिल होकर रोजगार परक पढ़ाई करेंगे.


गोरखपुर (ब्यूरो).इंक्यूबेशन सेंटर के कोआर्डिनेटर प्रो। जीऊत सिंह ने बताया कि झटपट लोगों को रोजगार पाने के लिए पांच दिन की ट्रेनिंग 6 जून से स्टार्ट हो रही है। अधिक से अधिक लोगों को ऐसी ट्रेनिंग देना है, इसके लिए कई फेज में ट्रेनिंग चलाई जाएगी। फस्र्ट फेज के लिए यूनिवर्सिटी के काफी स्टूडेंट्स ने इंट्रेस्ट दिखाया है, जिसमें से 50 परसेंट स्टूडेंट्स और रामलखना गांव के 50 परसेंट लोग को फस्र्ट फेज की ट्रेनिंग में शामिल किया जा रहा है। उन्होंने बताया कि कुल करीब सौ लोगों को ट्रेनिंग दी जाएगी। सिखाएंगे एलईडी बल्ब बनानाकोआर्डिनेटर ने बताया कि फस्र्ट फेज में एलईडी बल्ब बनाना और इलेक्ट्रिक चीजों से रिलेटेड मेंटेनेंस की ट्रेनिंग दी जाएगी। इसके लिए इंडस्ट्रीज से कोरिलेट भी कर रहे हैं कि हमारा प्रोडक्ट डायरेक्ट बिक भी जाए।ट्रेनिंग का लग रहा सेटअप


कोआर्डिनेटर ने बताया कि यहां पर परमानेंट ट्रेनिंग सेटअप लगा रहे हैं। यहां पर बस से गांव वालों को बुलाकर टे्रेनिंग देंगे। ट्रेनिंग सेटअप हमेशा के लिए तैयार हो रहा है। इसमें स्टूडेंट्स से लगाए रामलखना गांव के बुजुर्ग, बच्चे, युवा और महिलाएं-पुरूष सभी लोगों को कई फेज में अलग-अलग बुलाकर ट्रेंड किया जाएगा।चलती रहेगी ट्रेनिंग

कोआर्डिनेटर ने बताया, एलईडी बल्ब के बाद झालर मेंटेनेंस की भी ट्रेनिंग दी जाएगी। उन्होंने बताया कि ऐसा देखा जाता है कि लोग झालर खरीदकर एक ही बार यूज कर उसे फेंक देते हैं। जबकि थोड़े से मेंटेनेंस में वो ठीक हो सकता है। ट्रेनिंग प्राप्त किए लोग ये काम करेंगे तो पब्लिक का भी खर्चा बचेगा और इन लोगों का रोजगार मिल जाएगा। ट्रेनिंग पा चुके स्टूडेंट्स लेंगे क्लासकोआर्डिनेटर ने बताया कि अपने यहां के स्टूडेंट्स को एक शर्त पर ट्रेनिंग दी जा रही है कि वो यहां सीखकर अन्य लोगों को सिखाएंगे। पांच-पांच बच्चों का ग्रुप बनाकर ट्रेनिंग दिलाई जाएगी।इंक्यूबेशन सेंटर को कौशल विकास केन्द्र से जोड़ा गया है। इसको लेकर पांच दिन की ट्रेनिंग शुरू की जा रही है। फस्र्ट फेज में यूनिवर्सिटी के स्टूडेंट्स और रामलखना गांव के लोगों को रोजगार परक ट्रेनिंग दी जाएगी।प्रो। जीऊत सिंह, कोआर्डिनेटर

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