पीएम के आगमन के साथ गोरखपुर के खाते में उपलब्धियां बढ़ गई हैं. एम्स और फर्टिलाइजर के साथ पीएम ने शहर के लोगों को इंडियन काउंसिल फॉर मेडिकल रिसर्च आईसीएमआर की भी सौगात दी है. इसके साथ ही गोरखपुर में रिसर्च का दायरा काफी बढ़ जाएगा.


गोरखपुर (ब्यूरो)। गोरखपुर में ही वायरस और बैक्टीरिया का 'पोस्टमॉर्टम हो सकेगा। वहीं, सैंपल देकर लोगों को रिपोर्ट का इंतजार नहीं करना पड़ेगा। रिपोर्ट झटपट तैयार हो जाने से इलाज में तेजी आएगी और लोगों की जान का जोखिम भी कम हो सकेगा।तैयार की गई है नौ लैबबीआरडी मेडिकल कॉलेज परिसर स्थित रीजनल मेडिकल रिसर्च सेंटर (आरएमआरसी) बिल्डिंग में एडवांस नौ लैब तैयार की गई हैं। वायरस के जीनोम सिक्वेंङ्क्षसग की सुविधा अभी गोरखपुर में नहीं थी। इसके लिए नमूने लखनऊ, दिल्ली या पुणे भेजे जाते हैं। अब जीनोम सिक्वेंङ्क्षसग गोरखपुर में हो सकेगी। साथ ही वायरसजनित बीमारियों की विश्व स्तरीय जांच व शोध किए जा सकेंगे। इंसेफेलाइटिस की भी नहीं होती थी टेस्टिंग
आरएमआरसी के मीडिया प्रभारी डॉ। अशोक पांडेय ने बताया कि एक वह भी दौर था जब पूर्वांचल की त्रासदी बन चुके इंसेफेलाइटिस के वायरस की पहचान के लिए नमूने नेशनल इंस्टीट््यूट ऑफ वायरोलोजी, पुणे भेजे जाते थे। कई बार ऐसा होता था कि बीमारी की पहचान के लिए रिपोर्ट आते-आते पीडि़त की जान चली जाती थी। इस पीड़ा को महसूस कर मुख्यमंत्री ने अत्याधुनिक लैब निर्माण की पहल की। पांच मंजिला भवन व अवस्थापना सुविधाओं पर करीब 91 करोड़ रुपए खर्च हुए हैं। इसका शिलान्यास 2018 में तत्कालीन केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री जेपी नड्डा ने मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के साथ किया था। अब यह बनकर तैयार है। इस भवन में 500 केवी का सोलर प्लांट भी है, जिससे 200 यूनिट बिजली की बचत होगी।बनकर तैयार हैं ये लैब-इम्युनोलॉजी: वैक्सीन की प्रतिरोधक क्षमता और उसके इफेक्ट पर होगी रिसर्च।-मॉलीक्यूलर बायोलॉजी: जीनोम सिक्वेंङ्क्षसग की जा सकेगी।-माइकोलॉजी: फंगस की जांच और उसपर रिसर्च हो सकेगी। -मेडिकल इंटेमोलॉजी : डेंगू, चिकनगुनिया, इंसेफेलाइटिस आदि के वाहक कीटों पर शोध होगा।-नॉन कम्युनिकेबल डिजीज: मधुमेह व हाइपरटेंशन के कारणों की जांच की जाएगी।-माइक्रोबायोलॉजी: वायरस और बैक्टीरिया पर रिसर्च होगी।-सोशल बिहैवियर स्टडी: मानसिक बीमारियों पर रिसर्च किया जाएगा।-हेल्थ कम्युनिकेशन: बीमारियों की रोकथाम के उपायों के प्रचार-प्रसार का प्रमुख जरिया।-इंटरनेशनल हेल्थ पॉलिसी: इसके जरिए विश्व स्तर की होने वाली बीमारियों के बारे में लोगों को बताया जाएगा।

Posted By: Inextlive