अभी तक जिन परिषदीय स्कूलों में बिजली कनेक्शन नहीं है उन्हें भी विद्युत सुविधा से लैस किया जाएगा. बेसिक शिक्षा विभाग ने इसकी कवायद शुरू कर दी है. भविष्य में स्मार्ट क्लास जैसी विभिन्न आधुनिक तकनीकों से स्कूलों को लैस करने के लिए यह कदम उठाया जा रहा है. मिशन मोड के तहत तीन माह में बिजली आपूर्ति पहुंचाने का लक्ष्य रखा गया है. नए कनेक्शन के लिए प्रधानाध्यापक आवेदन करेंगे. कनेक्शन विद्यालय के नाम से दिया जाएगा व बिल भुगतान की जिम्मेदारी भी विद्यालय स्तर पर होगी.


गोरखपुर (ब्यूरो)। वर्तमान में जनपद में 2500 प्राथमिक व उच्च प्राथमिक विद्यालय हैं। ग्रामीण क्षेत्र के कई ऐसे विद्यालय हैं जहां या तो कनेक्शन नहीं है या फिर वहां अस्थायी कनेक्शन से किसी तरह काम चलाया जा रहा है। बीएसए को निर्देशित किया गया है कि विद्यालयों में विभिन्न बुनियादी सुविधाएं दुरुस्त करने के क्रम में विद्युतीकरण जरूरी है। इससे ड्रापआउट दर कम होगी विद्यालयों में सबमर्सिबल पंप, आरओ वाटर संयंत्र, इंसीनरेटर की सुविधा हो सकेगी। शिक्षण कार्य में आधुनिक तकनीकी गतिविधियों जैसे कंप्यूटर, स्मार्ट क्लास तथा प्रयोगशालाओं का भी प्रयोग हो सकेगा।झटपट पोर्टल पर करना होगा आवेदन
ऐसे विद्यालय जहां बिजली कनेक्शन नहीं है उन्हें झटपट पोर्टल पर आवेदन करना होगा। बीएसए जिले के सभी विद्युतविहीन विद्यालयों में से विद्युत पोल से 40 मीटर से कम दूरी वाले और पोल से 40 मीटर से अधिक दूरी वाले विद्यालयों की अलग-अलग सूची तैयार कराएंगे। 40 मीटर से अधिक दूरी वाले विद्यालयों का आवेदन कराकर एस्टीमेट बनवाने को कहा गया है।जिले के जो स्कूल विद्युतविहीन तथा जहां अस्थायी कनेक्शन हैं उन्हें चिह्नित किया जा रहा है। ताकि उन्हें शासन के निर्देश के क्रम में मिशन मोड के तहत विद्युत सुविधा से लैस किया जा सके।रमेंद्र कुमार सिंह, बीएसए

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