इंग्लिश मीडियम स्कूलों से परिषदीय स्कूल्स को बेहतर बनाने की मंशा पर पानी फिरता नजर आ रहा है. शासन-प्रशासन के बजट खूब जारी करने के दावे हैं लेकिन परिषदीय स्कूलों के बच्चों को सेशन शुरू होने के चार माह बाद ड्रेस जूता-मोजा तो दूर की बात है अभी तक पढऩे के लिए किताबें तक नहीं मिली हैं. ऐसे में पुरानी किताबों और एक किताब में तीन-तीन बच्चे पढ़ रहे हैं. दैनिक जागरण आईनेक्स्ट ने जब किताबों की अवेलेबिलिटी का रियलिटी चेक किया तो पता चला कि क्लास फस्र्ट की हिंदी और छठी की विज्ञान की बुक आ चुकी है. बाकी बच्चे बिना किताब के ज्ञान ले रहे हैं. इस मामले में बीएसए गोरखपुर को नोटिस भी मिला है.


गोरखपुर (ब्यूरो).बीएसए ऑफिस के एक कर्मचारी के अनुसार एक बच्चे को कुल 42 किताबें मिलती हैं। इस बार किताबें लेट होने पर सभी स्कूलों में एक्स बच्चों से पुरानी किताबें कलेक्ट की गई हैं। 3.36 लाख बच्चों के मुकाबले केवल 25 परसेंट ही किताब अवेलेबल हो पाई हैं। ऐसे में अधिकतर बच्चे बिना किताब के पढ़ाई कर रहे हैं। आईं केवल दो किताबसप्ताह भर पहले बीएसए ऑफिस में क्लास 1 की हिंदी और कक्षा 6 की साइंस की बुक आई हैं, लेकिन इन किताबों को भी स्कूल तक पहुंचाने के लिए मुहूर्त नहीं निकला है। सोचने वाली बात ये है कि जिन बच्चों को 42 किताबें मिलनी हैं और क्लास 1 से लेकर 8 तक की पढ़ाई हो रही है। वहां सिर्फ दो क्लास के लिए दो किताबें अब तक आई हैं। खाली हाथ स्कूल में बैठे थे बच्चे
दैनिक जागरण आईनेक्स्ट टीम मंगलवार को प्राइमरी स्कूल पुलिस लाइन पहुंची। यहां पर गजब नजारा देखने को मिला। यहां पर 48 बच्चों का नामांकन हुआ है। जबकि केवल पांच से छह बच्चे क्लास में बैठे मिले। ये बच्चे भी खाली हाथ बैठे थे। टीचर के हाथ में एक किताब थी। बच्चों से पूछने पर पता चला कि उन्हें अभी तक किताब ही नहीं मिली है।


कई जिलों के बीएसए को नोटिसशासन ने किताब वितरण में देरी करने पर मथुरा, हाथरस, लखनऊ, सीतापुर, गोरखपुर, कुशीनगर, संतकबीर नगर, झांसी, बलरामपुर और जेपी नगर के बीएसए को नोटिस भेजी गई है। हालांकि, बीएसए गोरखपुर ने इस बात को खारिज कर दिया। उन्होंने बताया कि ऐसा कोई नोटिस उनके पास नहीं आया था।फैक्ट फीगर 2500 परिषदीय स्कूल जिले में हैं 3.34 लाख बच्चे स्कूलों मेें पंजीकृत कांवड़ यात्रा की वजह से किताबें नहीं आ पाई हैं। क्लास 1 की हिंदी और कक्षा 6 साइंस की किताब आ गई है। बुधवार से इसे स्कूल में बच्चों में वितरण के लिए भेजा जाएगा। बहुत जल्द सारी किताबें आ जाएंगी।रमेन्द्र सिंह, बीएसए गोरखपुर

Posted By: Inextlive