यहां हर दूसरे दिन होती एक की मौत
- जिले में सड़क एक्सीडेंट में जान गंवाते हैं लोग, बेकार जाता अभियान
- सड़क की इंजीनियरिंग, लापरवाही और ओवर स्पीडिंग पड़ जा रही भारी - साल दर साल बढ़ती जा रही हादसों की तादाद, आंकड़े दे रहे गवाहीGORAKHPUR: जिले में ट्रैफिक जागरुकता के लिए सड़क सुरक्षा सप्ताह का आयोजन किया जा रहा है। ट्रैफिक डिपार्टमेंट और यातायात पुलिस जगह-जगह अवेयरनेस कैंपेन चलाने में लगी है। जिम्मेदार हादसों में होने वाली मौतों को रोकने के लिए अवेयरनेस कैंपेन चला रहे हैं। करीब-करीब हर साल यातायात विभाग की तरफ से ऐसे कैंपेन चलाए जाते हैं, लेकिन शहर में इसका असर कहीं नजर नहीं आता है। कुछ जगहों पर पब्लिक की लापरवाही सामने आई है, तो कुछ जगहों पर व्हीकल ड्राइवर की मनमानी से लोगों की जान जा रही। जिले में होने वाले हादसों में औसतन हर दूसरे दिन लोगों की जान जा रही है। नवंबर और दिसंबर में यह आंकड़ा सबसे ज्यादा है। शनिवार की सुबह खोराबार के जगदीशपुर में कोहरे के कारण सात गाडि़यों की टक्कर में पांच लोग घायल हुए थे। एसपी ट्रैफिक का कहना है कि एक्सीडेंट रोकने के लिए सभी को सजग रहना होगा। नियमों की अनदेखी करने से लोग हादसों का शिकार बन रहे हैं।
हर साल साढ़े तीन सौ लोग गवां रहे जान
ट्रैफिक पुलिस के आंकड़ों के अनुसार सड़क हादसों में हर साल औसतन साढ़े तीन सौ लोगों की जान जा रही है। वर्ष 2020 के दिसंबर माह तक कुल 361 लोगों की मौत हो चुकी है। जबकि वर्ष 2019 में 451 और वर्ष 2018 में 453 लोगों ने अपनी जान गंवाई है। सड़क हादसों और उससे होने वाली मौतों को कम करने के लिए लगातार प्रयास चल रहे हैं, लेकिन इसका खास असर नहीं नजर आ रहा है। ट्रैफिक पुलिस कर्मचारियों का कहना है कि महीने में हर दूसरे दिन एक व्यक्ति की सड़क एक्सीडेंट में जान जाती है। गोरखपुर में हादसे वर्ष एक्सीडेंट मौत घायल 2020 756 361 456 2019 1030 451 686 2018 1024 453 742 2017 958 413 666 2016 814 381 5132015 690 331 417
2014 706 314 455 2013 737 321 518 2012 758 335 530 2011 924 352 586 2010 1036 359 703 वर्ष 2020 में हुए एक्सीडेंट माह एक्सीडेंट मौत घायल जनवरी 52 16 39 फरवरी 84 41 55 मार्च 55 22 38 अप्रैल 24 13 18मई 46 23 31
जून 62 31 35 जुलाई 44 23 30 अगस्त 63 29 39 सितंबर 56 21 37 अक्टूबर 64 36 29 नवंबर 100 53 53 दिसंबर 106 53 53 नवंबर और दिसंबर में हुए ज्यादा हादसेजाड़े के मौसम में एक्सीडेंट बढ़ जाते हैं। कहीं घने कोहरे की वजह से एक्सीडेंट होते हैं तो कहीं पर सड़कों के निर्माण कार्य के कारण लोगों को जान गंवानी पड़ती है। कई बार व्हीकल चलाने में होने वाली लापरवाही का खामियाजा भी लोगों को भुगतना पड़ता है। वर्ष 2020 में नवंबर और दिसंबर में अन्य महीनों की अपेक्षा ज्यादा हादसे हुए हैं।
इन वजहों से होती सड़क एक्सीडेंट - लापरवाही से व्हीकल ड्राइव करने, गलत तरीके से ओवरटेक करने की कोशिश - फोरलेन पर घने कोहरे के कारण व्हीकल के बीच आपस में टक्कर होने से एक्सीडेंट - व्हीकल ड्राइव करते समय ट्रैफिक नियमों की अनदेखी, मनमाने तरीके से ड्राइविंग करना - सड़क पर चलते समय गलत तरीके और रांग साइड से गाड़ी लेकर चलना - बाइक चलाते समय हेलमेट न पहनना और फोर व्हीलर में सीट बेल्ट न बांधना - नशे में व्हीकल ड्राइव करना, लॉग ड्राइविंग में आराम न करने से अचानक झपकी आना सड़क हादसे रोकने के लिए पब्लिक को अवेयर किया जाता है। किस मौसम में किस तरह से ड्राइव करना है। इसके बारे में जानकारी दी जाती है। ट्रैफिक नियमों की अनदेखी करने से ही लोग हादसे के शिकार होते हैं। नियमित चेकिंग अभियान चलाकर उल्लंघन करने वालों के खिलाफ कार्रवाई की जाती है। आशुतोष शुक्ला, एसपी ट्रैफिक