Gorakhpur : बॉलीवुड के शेरखान के जाने से भोजीवुड में भी शोक की लहर है. भोजपुरी आर्टिस्ट का कहना है कि महान कैरेक्टर आर्टिस्ट की कमी कभी पूरी नहीं हो पाएगी. साठ साल के भीतर साढ़े तीन सौ से अधिक फिल्मों में डिफरेंट रोल में दर्शकों के बीच गहरी छाप छोड़ने वाले आर्टिस्ट को भोजपुरी एक्टर भी आत्मसात करते हैं. 2012 में दादा साहब फाल्के पुरस्कार से सम्मानित हुए मशहूर खलनायक प्राण का फ्राइडे इवनिंग अस्पताल में निधन हो गया था.


मुझे आज भी जंजीर के सीन याद हैं। मैं प्राण जी की एक्टिंग कभी भूल नहीं पाऊंगा। संजीदगी के साथ कैरेक्टर को जीने वाले प्राण लोगों के दिलों में हमेशा राज करेंगे। मनोज तिवारी मृदुल प्राण जी की फिल्में देखकर मैंने खलनायकी सीखी है। मैं अपने कैरेक्टर में प्राण जी से सीखे हुए अनुभव को उतारने की कोशिश करता हूं।संजय पांडेय जाना तो हर किसी को है, लेकिन दुनिया सबको याद नहीं रखती। आर्टिस्ट के लिए यह सबसे बड़ी कामयाबी है कि लोग उसको एक्टिंग की बदौलत याद रखें। सुशील सिंहउनकी कमी हमेशा खलेगी। उन्होंने जो भी काम किया वो यादगार रहा। खलनायक के साथ-साथ वह अच्छे चरित्र अभिनेता थे। काजल निषादमैं प्राण जी की बहुत बड़ी फैन हूं। उनके निधन की सूचना पर काफी दुख हुआ। अपने सशक्त अभिनय की बदौलत वह अमर हो गए हैं।रिंकू घोष
प्राण को भूल पाना मुश्किल है। बचपन से लेकर आज तक मैं उनकी फिल्में देखता हूं। सनम बेवफा के सीन्स आज भी याद आते हैं। खेसारी लाल बॉलीवुड के शेरखान को भुलाना आसान नहीं है। वे अपनी हर फिल्म में अलग छाप छोड़ते थे। विराज भट्ट

Posted By: Inextlive