Rules and regulations are dumped into black smoke
इवेंट के दौरान फुर्र हुआ रूलइको फ्रेंडली कैंपस रखने का यह रूल इवेंट के दौरान से जाने कहां फुर्र हो गया। गोरखपुर यूनिवर्सिटी में मार्च में फस्र्ट यूपी साइंस कांग्रेस ऑर्गेनाइज की गई थी। इसमें सूबे के मुखिया अखिलेश यादव को सिटी में आना था, इसकी वजह से कैंपस में लगातार एडमिनिस्ट्रेटिव ऑफिसर्स का आना-जाना लगा हुआ था। इसके साथ ही कुछ एग्जाम भी शुरू हो गए थे, जिसमें कुछ ऐसे स्टूडेंट्स भी थे जो पैदल कैंपस के अंदर नहीं जा सकते थे। इसकी वजह से वीसी के निर्देश पर यूनिवर्सिटी में एग्जाम तक इस रूल को कैंसिल कर दिया गया था। अब न तो एग्जाम हैं और न ही कोई बड़ा इवेंट, इसके बावजूद यूनिवर्सिटी में इस रूल को फॉलो नहीं किया जा रहा है।1 दिसंबर 2011 को हुई थी शुरुआत
डीडीयू गोरखपुर यूनिवर्सिटी के वीसी ने 28 नवंबर 2011 को यूनिवर्सिटी कैंपस को इको फ्रेंडली बनाने के लिए कैंपस में गाडिय़ां न ले जाने का आदेश दिया था। इसकी शुरुआत 1 दिसंबर 2011 को ही हो गई थी। इसके बाद शुरू में तो इसका कड़ाई से पालन किया गया। बाद में लापरवाही की जाने लगी लेकिन एक बार फिर वीसी ने कड़ा रुख अपनाया और हर मंथ की पहली तारीख को कैंपस में गाडिय़ां न ले जाने की हिदायत दी थी। इसका असर 1 अक्टूबर 2012 के बाद से देखने को मिला और तब से फरवरी 2013 तक तो रूल फॉलो किया गया, लेकिन इसके बाद से 6 मंथ का वक्त बीत चुका है, लेकिन इस रूल को फॉलो नहीं किया जा रहा है।