शारदीय नवरात्रि शुरु होने में अब महज कुछ दिन का समय बाकी है. ऐसे में इसको लेकर मार्केट में हलचल दिखनी शुरु हो गई है. इस नवरात्रि में जगह-जगह पर पंडाल बनाए जाते हैं इसके लिए मूर्तियों के ऑर्डर आने शुरु हो गए हैं. यह मूर्तियां रेलवे स्टेशन अलहदादपुर बक्शीपुर आदि जगहों पर तैयार की जा रही हैं. इनका काम लगभग पूरा हो चुका है. अब बस कस्टमर की डिमांड के हिसाब से सजावट का काम बाकी है.


गोरखपुर (ब्यूरो).मूर्तियों का काम करने वाले कलाकार पोबीर विश्वास ने बताया कि नवरात्रि के लिए इस बार छोटी मूर्तियों की काफी ज्यादा डिमांड है। ऐसा इसलिए क्योंकि कोविड के बाद आम आदमी की जेब अब इसे अफोर्ड नहीं कर पा रही है। इसीलिए कोई भी बहुत बड़ी मूर्ति के लिए ऑर्डर नहीं दे रहा है। बड़ी मूर्ति को ले जाने में भी काफी दिक्कत होती है साथ ही ज्यादा खर्च आता है। छोटी मूर्तियां पंडाल के साथ ही लोग घर में भी रख सकते हैं। चार से दस फीट की बन रही मूर्तियां


इस बार मार्केट की डिमांड को देखते हुए 4 से 10 फीट की मूर्तियां बनाई जा रही हैं। इसमे 4 फीट, 6 फीट, 8 फीट और 10 फीट की मूर्तियां शामिल हैं। इन सबका साइज के हिसाब से अलग-अलग रेट है। इसके साथ ही इनका रेट सजावट पर भी डिपेंड करता है। लोग अपनी पसंद के हिसाब से मूर्ति की सजावट कराते हैं। दो साल कोविड की वजह से मूर्तियों का साइज 6 फीट फिक्स हो गया था, मगर कोविड से राहत मिलने के बाद इस बार अब दस फीट तक की मूर्तियां भी बन रही हैं। कोविड के बाद घटी डिमांड

मूर्ति बनाने वाले कलाकारों का कहना है कि जबसे कोरोना आया है तभी से मूर्तियों की डिमांड काफी घट गई है। बहुत जगह पर लोग मूर्ति रखना बंद कर दिए हैं। इसके साथ ही मूर्ति में इस्तेमाल होने वाले सामान के भी रेट काफी बढ़ गए हैं जिससे अब उनका खर्च निकलना काफी मुश्किल हो रहा है। बुढ़वल और बस्ती तक से आ रहे ऑर्डरमां दुर्गा की मूर्ति के लिए गोरखपुर के कलाकारों के पास काफी दूर-दूर से ऑर्डर आ रहे हैं। बुढ़वल, बस्ती, छपरा, नेपाल आदि जगहों से मूर्ति के लिए ऑर्डर आ रहे हैं। अजंता-इलोरा मूर्ति सबसे यूनीकगोरखपुर में कोलकाता से आए कलाकार अपनी यूनीकनेस के लिए जाने जाते हैं। इनकी बनाई हुई संगमरमर की अजंता-इलोरा मूर्ति की अपनी अलग ही खासियत है। इस मूर्ति की सजावट में बाहर से कोई भी सामान की जरूरत नहीं होती। इसमें साड़ी से लेकर हर चीज मिट्टी से बनी हुई होती है जो तैयार होने पर काफी खूबसूरत दिखती है। नॉर्मल मूर्ति में सजावट के लिए अलग से सामान की जरूरत होती है जबकि इसमें कपड़ा, मुकुट, श्रृंगार आदि सब सामान मिट्टी का बना हुआ होता है।

Posted By: Inextlive