गोरखपुर में स्ट्रीट डॉग्स को काबू करने के लिए एनिमल बर्थ सेंटर एबीसी की कवायद शुरू कर दी है. इससे आने वाले समय में स्ट्रीट डॉग्स की संख्या में कमियां आएंगी. समस्या को लेकर दैनिक जागरण आईनेक्स्ट ने लगातार खबरों को प्रकाशित किया.


गोरखपुर (ब्यूरो)।इस पर नगर निगम ने इसका संज्ञान लिया। शनिवार को नगर निगम अपर नगर आयुक्त ने कहा कि स्ट्रीट डॉग्स समस्या नहीं है। जागरुकता से वह लोगों के लिए हर पल मददगार साबित होते हैं। ऐसा कई बार देखने को भी मिलता है। बदलते समय में स्ट्रीट डॉग को पर्याप्त भोजन नहीं मिल रहा है। लोगों को चाहिए कि वह ऐसे डॉग्स को भोजन जरूर दें। कुछ साल पहले तक स्ट्रीट डॉग्स को हर दरवाजे पर भोजन उपलब्ध हो जाता था लेकिन अब कई जगह ऐसा नहीं हो पा रहा है। स्ट्रीट डॉग हमेशा मनुष्यों से फ्रेंडली रहे हैं, कुछ केसेस के कारण सतर्कता जरूरी है।एबीसी सेंटर से साल दर साल आएगी स्ट्रीट डॉग्स में कमी


अपर नगर आयुक्त दुर्गेश मिश्र ने बताया कि एबीसी सेंटर के बन जाने पर स्ट्रीट डॉग्स के स्टरलाइजेशन किया जाएगा ताकि उनकी संख्या न बढ़े। इससे आने वाले सालों में उनकी संख्या कम होती जाएगी। हालांकि स्ट्रीट डॉग्स की संख्या काफी बड़ी है तो चुनौतियां जरूर आएंगी लेकिन साल दर साल सब दुरुस्त हो जाएगा। स्टरलाइजेशन के बाद मूल स्थान पर छोड़ जाएगा

कानून के अनुसार कुत्तों को उनके क्षेत्र से स्थानांतरित या हटाया नहीं जा सकता है। कुत्तों समेत किसी भी आवारा जानवर को छेडऩा या उसके साथ बुरा व्यवहार करना अपराध है। एबीसी सेंटर बनने के बाद स्ट्रीट डॉग्स का स्टरलाइजेशन करके उनके स्थान पर छोड़ दिया जाएगा। कई संस्थाएं है जो स्ट्रीट डॉग्स की मदद कर रही हैं। इसमें उनके इलाज से लेकर भोजन उपलब्ध कराना है। नगर निगम ने एबीसी सेंटर की कवायद कर दी है। नगर पंचायत एरिया में भी ऐसी पहल की जाएगी। इसके लिए सभी ईओ को निर्देशित किया जा रहा है। कृष्णा करुणेश, डीएम सोशल मीडिया पर आए कमेंट @beingsaurabhबिल्कुल बहुत ही सराहनीय कदम है नगर निगम का। मेरे विचार से इसमें सभी श्वान धारकों को पंजीकरण कराया जाए। इसके माध्यम से पिटबुल ऐसे खतरनाक प्रजापति के श्वान पालने पर रोक लगाने का प्रयास नगर निगम को करना चाहिए।@anurag1881सबको खाने पीने का सामान सड़क पर नहीं फेंकना है। कुत्ते या किसी भी पशु के एकत्र होने का ये बहुत बड़ा कारण है। लेकिन ये असंभव काम है क्योंकि गोरखपुर की इतनी ज्यादा जनसंख्या है कि सबको समझकर ये काम करवाना कठिन है। सच बात ये भी है कि लोग मानेंगे भी नहीं। @abhinavdagg4मेरी राय में कुत्तों का स्टरलाइजेशन करवा देना चाहिए और उनको खाना वैगरह देना चाहिए।@tulsikumar

एनिमल्स बर्थ सेंट के माध्यम से छुट्टा कुत्तों पर अंकुश लगाया जा सकता है। लेकिन हंड्रेड परसेंट नहीं.क्योंकि कुत्तों की संख्या इतनी अधिक है कि पकडऩा मुश्किल है। @Radhesh56891672स्थानीय प्रशासन को चाहिए कि तहसील स्तर पर इनको रखने के लिए अलग से सेफ हाउस बनवाए और आवारा कुत्तों को पकड़वाकर इन्हीं सुरक्षित स्थान पर रखवा दे।

Posted By: Inextlive