परिषदीय स्कूलों में अभी तक ना ही बच्चों को किताबें मिली ना ही क्लास एक से तीन तक के स्टूडेंट्स की वर्क बुक ही भेजी गई. क्लास फस्र्ट से तीन तक के बच्चों को भाषा और गणना में निपुण बनाने के लिए निपुण भारत मिशन के तहत पिछले साल प्राइमरी स्कूलों में 22 सप्ताह के कार्यक्रम की घोषणा की गई. इसके तहत शिक्षा विभाग को बच्चों के लिए वर्क बुक और स्कूलों में पोस्टर भेजे जाने थे लेकिन अभी तक स्कूलों में बच्चों के लिए वर्क बुक नहीं पहुंच पाईं है. टीचर बच्चों को पढ़ाने के लिए खुद वर्क बुक की फोटोकॉपी करवा रहे हैं. बच्चों को वर्कबुक न मिलने से उनके लिए प्रैक्टिस करना मुश्किल हो रहा है.


गोरखपुर (ब्यूरो).प्राइमरी स्कूल के टीचर ने बताया कि विभाग निपुण भारत के लिए जो साप्ताहिक प्लान भेजता है। उसमें हिन्दी और गणित में 1-4 दिन अभ्यास कार्य (कार्यपुस्तिका से), पांचवें दिन मैंने सीख लिया (कार्यपुस्तिका से), छठवें दिन साप्ताहिक पुनरावृत्ति और साप्ताहिक अभ्यास और सातवें दिन होमवर्क दिया जाता है। ऐसे में रोजाना वर्कबुक का काम होता है। आदेश के मुताबिक ब्लैकबोर्ड में लिखना या एक-एक बच्चे की कॉपी में वर्कशीट का मटीरियल उतारकर देना टीचर्स के लिए संभव नहीं है। ऐसे में कुछ टीचर्स ने फोटोकॉपी का विकल्प चुना है। विभाग भी जल्द ही वर्कबुक मुहैया कराने के लिए आश्वस्त कर रहा है। परिषदीय स्कूल- 2500बच्चे - 3.5 लाखसभी स्कूलों में साफ्ट कापी भेजी जा रही है। वर्कबुक छपकर आने पर स्कूलों में वितरित करा दी जाएगी। स्कूलों में हर सप्ताह के प्लान भेजे जा रहे हैं।- रमेंद्र कुमार सिंह, बीएसए

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