नेपाल में रोक लगेगी, तभी बात बनेगी
वॉटर कनजर्वेशन भी है जरूरीप्रोग्राम की अध्यक्षता करते हुए वीसी प्रो। पीसी त्रिवेदी ने कहा कि जिस तरह से पानी का यूज लगातार बढ़ रहा है, उसी तरह उसके एग्जिस्टेंस पर भी संकट आता जा रहा है। इसके लिए अब वॉटर कनजर्वेशन काफी जरूरी हो गया है। प्लानर्स और पॉलिसी मेकर्स को वाटर कनजर्वेशन के लिए एक्टिव, एलर्ट और सीरियस होने की जरूरत है। अगर ऐसा नहीं हुआ तो फ्यूचर में पानी की कमी का इफेक्ट सिर्फ सिटीज पर ही नहीं बल्कि इंडस्ट्रीज और फार्मिंग पर भी पड़ेगा। उन्होंने रेन वाटर हार्वेस्टिंग सिस्टम के कम्पल्शन पर जोर दिया। मास्टर प्लान बनाना जरूरी
इंडिपेंडेंस के इतने दिनों के बाद भी आज तक देश के पास कोई मास्टर लैंड यूज प्लान नहीं है, जबकि वक्त की जरूरत के साथ यह जरूरी भी है। ईस्ट-वेस्ट और नार्थ साउथ कोरिडोर से सटी भूमि के यूज का अध्ययन करके, भूमि उपयोग के लिए मास्टर प्लान बनाना जरूरी है। अगर ऐसा नहीं होता है तो बिल्डर्स इनका गलत यूज करने में कामयाब हो जाएंगे और देश को सिर्फ नुकसान ही उठाना पड़ेगा। प्रोग्राम के डायरेक्टर प्रो। केएन सिंह ने वर्कशॉप की जरूरत और इंपॉर्टेंस की आउट लाइन पेश की। प्रोग्राम का संचालन ऑर्गेनाइजिंग सेक्रेटरी डॉ। शिवकांत सिंह ने किया। धन्यवाद ज्ञापन प्रो। एसके दीक्षित ने किया।