ई वॉलेट एप्स में जरा सी लापरवाही पड़ सकती है भारी, हो सकते ठगी के शिकार
-स्कीम का लाभ देकर एप्स डाउनलोड करा रही कंपनियां
-जालसाजों ने निकाला नया तरीका, अलर्ट कर रही यूपी पुलिसGorakhpur@inext.co.inGORAKHPUR: ई-वॉलेट के जरिए रुपए ट्रांसफर करने में मामूली सी चूक भारी पड़ सकती है। विभिन्न एप्स के माध्यम से लोग ऑनलाइन ट्रांजेक्शन कर रहे हैं। एप्स पर मिलने वाली स्कीम के चक्कर में ज्यादातर लोग ऑनलाइन ट्रांसजेक्शन प्रीफर कर रहे हैं। इसलिए ई वॉलेट से ठगी की शिकायतें भी बढ़ने लगी हैं। कई शहरों में मामला सामने आने पर यूपी पुलिस यूपीआई के यूज को लेकर अलर्ट जारी कर रही है। क्राइम ब्रांच के सीओ ने बताया कि ट्रांजेक्शन में लापरवाही से ठगी के मामले बढ़े हैं।
वॉलेट यूजर्स चिह्नित कर बनाते निशाना
क्राइम ब्रांच से साइबर सेल से जुड़े लोगों का कहना है कि ऑनलाइन तरीके से हैकिंग करने वाले जालसाज उन उपभोक्ताओं को टारगेट करते हैं जो ई वॉलेट का ज्यादा इस्तेमाल करते हैं। ई- ट्रांजेक्शन के लिए कई आप्शसन हैं जिन पर मिलने वाले ऑफर्स के चक्कर में लोग ज्यादा से ज्यादा यूज कर रहे हैं।
ऐसे बनाते शिकार, जुटाते जानकारी
वॉलेट यूज करने वाले लोगों को टारगेट कर हैकर्स मैनेजर या कर्मचारी बताकर फोन करते हैं। इसके बाद बातचीत के दौरान उपभोक्ताओं से जानकारी ले लेते हैं। उपभोक्ताओं के मोबाइल नंबर पर यूपीआई कोड भेजते हैं। इसे बैंक में रजिस्टर्ड मोबाइल पर फारवर्ड करने को कहते हैं। उनकी बातों में आकर किसी ने यदि कोड फारवर्ड कर दिया तो उसी के जरिए वर्चुअल प्राइवेट अकाउंट बना लेते हैं। यह एकाउंट यूपीआई पर मौजूद होता है जिसकी मदद से किसी भी उपभोक्ता के एकाउंट से नकदी ट्रांसफर की जा सकती है। जालसाजी की जानकारी होने पर यदि किसी ने कस्टमर केयर सर्विस से कार्ड ब्लाक भी कर दिया तो हैकर्स रकम ट्रांसफर कर सकते हैं।
यूनीफाइड पेमेंट इंटरफेस (यूपीआई) के माध्यम से कोई भी उपभोक्ता अपने एकाउंट से किसी के बैंक एकाउंट रकम सीधे ट्रांसफर कर सकता है। इसलिए ऑनलाइन ट्रांजेक्शन का लाभ उठाने के लिए लोग इस सुविधा से लैस हो रहे हैं। इसमें करीब एक लाख रुपए तक के ट्रांसफर करने की सुविधा मिलती है।मोबाइल यूजर्स ज्यादातर ई वालेट यूज कर रहे हैं। आनलाइन होने वाले ट्रांजेक्शन को देखते हुए साइबर क्रिमिनल भी जाल फैला रहे हैं। इसलिए सावधानी बहुत जरूरी है। किसी को अपने एकाउंट से संबंधित जानकारी न दें। यूपीआई कोड सहित अन्य जानकारी शेयर पर ठगी के शिकार हो सकते हैं।प्रवीण कुमार सिंह, सीओ क्राइम ब्रांच