GORAKHPUR : 'देर न हो जाए कहीं देर न हो जाए...' 'संयम सुरक्षा और जानकारी दूर करेगी एड्स की बीमारी...' 'डीडीयू की यह ललकार एचआईवी अब जाएगा हार...' तख्तियों पर लिखे स्लोगन और सिटी में गूंज रही वालेंटियर्स की आवाज ने एक तरफ जहां लोगों को एड्स के प्रति अवेयर किया वहीं दूसरी ओर गोरखपुराइट्स को एक बार सोचने पर मजबूर भी किया कि उनकी जिंदगी की कीमत क्या है? थर्सडे को सिटी के डिफरेंट एरियाज से एनएसएस की अवेयरनेस रैली निकली इसमें शामिल हर यूथ की सिर्फ यही ख्वाहिश थी कि सिटी ही नहीं बल्कि देश एड्स जैसी जानलेवा बीमारी के चंगुल से आजाद हो सके.


500 से ज्यादा वालेंटियर्स ने किया पार्टिसिपेटएनएसएस और रेड रिबन क्लब के ज्वाइंट कोऑर्डिनेशन में थर्सडे को ऑर्गेनाइज इस रैली में 40 कॉलेजेज के 500 से ज्यादा वालेंटियर्स ने शिरकत की। इन वालेंटियर्स के अलावा 60 प्रोग्राम ऑफिसर्स ने भी अपनी प्रेजेंस दर्ज कराई। प्रोग्राम कोऑर्डिनेटर डॉ। शुक्ला ने बताया कि इस प्रोग्राम का मेन उद्देश्य एजूकेशनल इंस्टीट्यूट्स में एचआईवी के बारे में स्टूडेंट्स तक जानकारी पहुंचाना था, क्योंकि जानकारी ही इस बीमारी की सबसे बड़ी दवा है। सिर्फ इतना ही नहीं इसके साथ ही स्टूडेंट्स को इस बात की भी जानकारी देनी है कि इस महामारी को कैसे रोका जा सकता है। इन रास्तों से गुजरा स्टूडेंट्स का कारवां


डीडीयू गोरखपुर यूनिवर्सिटी से मार्निंग 11 बजे एनएसएस और रेड रिबन क्लब के वालेंटियर्स का कारवां सिटी के डिफरेंट रूट पर निकला। यूनिवर्सिटी के संवाद भवन से स्टार्ट हुआ यह कारवां छात्रसंघ भवन, अंबेडकर चौराहा, हरिओम नगर, इंदिरा बाल विहार, पार्क रोड होते हुए वापस संवाद भवन पर आकर खत्म हुआ। इसके बाद एक वर्कशॉप ऑर्गेनाइज की गई। एड्स अवेयरनेस रैली को एडीएम एफआर देव कृष्ण तिवारी और एकेडमिक स्टाफ कॉलेज के डायरेक्टर प्रो। आरपी शुक्ला ने हरी झंडी दिखाकर रवाना किया। एक्सपर्ट्स ने दिए टिप्स

संवाद भवन में स्टार्ट हुए टेक्निकल सेशन में जूलॉजी डिपार्टमेंट के अध्यक्ष प्रो। वीबी उपाध्याय, साइकोलॉजी डिपार्टमेंट के डॉ। धनंजय कुमार के साथ यूथ कंसल्टेंट पारुल मौजूद थीं। साइकोलॉजिस्ट डॉ। धनंजय कुमार ने बताया कि 85 परसेंट लोग सिर्फ अनसेफ सेक्स की वजह से इसकी चपेट में आते हैं। वहीं पारुल ने एड्स फैलने के रीजन और उसके बचने के बारे में स्टूडेंट्स को डीटेल्ड इनफॉर्मेशन दी। प्रो। वीबी उपाध्याय ने बताया कि यह पहली ऐसी बीमारी है, जिसको रोकने के लिए अवेयरनेस प्रोग्राम चलाए जा रहे हैं। इसके लिए जिम्मेदारी एनएसएस को सौंपी गई है। इन कॉलेजेज ने किया पार्टिसिपेटरैली में सेंट एंड्रयूज, सीआरडीपीजी कॉलेज, सरस्वती विद्या मंदिर, गंगोत्री, एमपीपीजी जंगल धूसड़, दिग्विजयनाथ पीजी कॉलेज, हीरालाल रामनिवास पीजी कालेज खलीलाबाद, कबूतरी देवी, नरसिंह प्रसाद उरूवां, नेशनल पीजी कालेज बड़हलगंज, बीरबहादुर सिंह महाविद्यालय हरनही, बापू पीजी कालेज कैम्पियरगंज, दीनदयाल राजकीय महाविद्यालय सहजनवां समेत कई कॉलेज शामिल थे।

Posted By: Inextlive