- नेपाल ने छोड़ा करीब 5 लाख क्यूसेक से ज्यादा पानी

- तुर्तीपार में घाघरा ने खतरे का निशान किया पार, बर्डघाट में पिछले तीन दिनों में 1.25 मीटर से ज्यादा बढ़ी राप्ती

GORAKHPUR: पिछले दो दिनों से बारिश तो थम गई है लेकिन घाघरा, राप्ती समेत उनकी सहायक नदियां उफान पर हैं। ऐसा इसलिए हुआ है क्योंकि पिछले 24 घंटों के दौरान नेपाल ने वाल्मिकी बैराज में करीब 5 लाख क्यूसेक से ज्यादा पानी छोड़ा है। इसकी वजह से घाघरा में एकाएक पानी बढ़ गया और उसकी सहायक नदियां भी उफान मार रही हैं।

वॉर्निग लेवल से 2 मीटर नीचे

नेपाल से लगातार छूट रहे पानी और घाघरा के उफान की वजह से राप्ती का जलस्तर लगातार बढ़ रहा है। पिछले 72 घंटों की बात करें तो इस दौरान बर्डघाट में राप्ती नदी करीब 1.25 मीटर ऊपर पहुंच गई। यह वॉर्निग लेवल से महज 2 मीटर नीचे है, जबकि डेंजर लेवल से तीन मीटर नीचे है। अगर नेपाल यूं ही पानी डिस्चार्ज करता रहा, तो यह नदियां जल्द ही बड़ी तबाही मचा सकती हैं।

रोहिन सिर्फ 20 सेमी। नीचे

राप्ती की सहायक नदी रोहिन भी खतरे के निशान को छूने ही वाली है। पिछले 72 घंटों में बढ़े पानी की वजह से यह नदी त्रिमुआनी घाट में अब खतरे के निशान से महज 20 सेमी नीचे बह रही है। यहां खतरे का निशान 82.44 है, जबकि मौजूदा वक्त में यह नदी 82.20 मीटर पर बह रही है। काकरधारी, भिगना, बलरामपुर, रिगौली और बर्डघाट में राप्ती का जलस्तर लगातार बढ़ रहा है।

बाल्मिकी बैराज से डिस्चार्ज वाटर

22 जुलाई - 2 लाख 4 हजार क्यूसेक

23 जुलाई - 3 लाख 10 हजार 600 क्यूसेक

Posted By: Inextlive