..तो बीमारी बांट रहा है पानी
- फिल्टर नहीं हो पाता है आर्सेनिक, नहीं मिल रहा तोड़
- 248 सैंपल्स लेकर हुई है रिसर्च, फ्लोराइड भी क्रिएट कर रहा हैत प्रॉब्लम GORAKHPUR : सिटी का पानी पीने लायक नहीं है। यह सिटी की एक ऐसी प्रॉब्लम है, जिसका सॉल्युशन ढूंढने में रिसर्च फील्ड के दिग्गज माथापच्ची करने में लगे हैं। एमएमएमयूटी के स्टूडेंट्स ने इसका सॉल्युशन ढूंढने के लिए सैंपल कलेक्ट और टेस्ट किए। इसमें आर्सेनिक और फ्लोराइड जैसे डेंजर एलीमेंट्स मिले। इन डेंजर एलीमेंट्स की वजह से वॉटर प्यूरिफायर का धंधा सिटी में चमकने लगा है। रिसर्च फील्ड के दिग्गजों की मानें तो फ्लोराइड और आर्सेनिक फिल्टरेशन प्रॉसेस के बाद भी पानी से नहीं निकल पाता है, जिन्हें रिमूव करने के लिए ट्रीटमेंट टेक्नोलॉजी का यूज किया जाता है। तो अब सबसे बड़ा सवाल है कि जो पानी हम पी रहे हैं, क्या वह सेफ है? डि्रंकिंग वाटर नहीं है सेफड्रिंकिंग वॉटर की प्रॉब्लम को देखने के बाद गवर्नमेंट ने इंडिया मार्का हैंडपंप की व्यवस्था की, मगर यह भी फेल साबित हुए। यह हम नहीं कह रहे हैं बल्कि एमएमएमयूटी के डॉ। गोविंद पांडेय के अंडर में स्कॉलर्स की डिसर्टेशन में आई फाइंडिंग्स यह बातें बयां कर रही हैं। फ्लोराइड और आर्सेनिक टेस्टिंग के लिए अलग-अलग ख्ब्8 सैंपल लिए गए। इसमें एमटेक एंवायरमेंटल इंजीनियरिंग के संजय कुमार ने आर्सेनिक और अंकित शर्मा ने फ्लोराइड के इन सैंपल्स पर टेस्टिंग की। इसमें आर्सेनिक में फ्म् परसेंट नमूने फेल हो गए, जबकि ख्7 परसेंट सैंपल्स में फ्लोराइड की एक्सेस क्वांटिटी पाई गई।
फ्लोराइड नॉर्मल - क् मिलीग्राम प्रति लीटर से कम प्रॉब्लम - - डेंटल फ्लोरोसिस - स्केलिटल फ्लोरोसिस - कमजोर हो जाती हैं हड्डियां फ्लोराइड चार्ट - एरिया सैंपल नॉर्मल एक्सेस सिटी 70 म्भ् भ् बड़हलगंज क्ब् 7 7 ब्रह्मापुर ख्फ् ख्फ् 0कैंपियरगंज ब्0 ख्फ् क्7
जंगल कौडि़या क्8 9 9 कौड़ीराम क्म् 8 8 खोराबार ख्0 ख्0 0 पिपरौली क्8 0 क्8 सहजनवां क्0 7 फ् सरदारनगर क्9 क्9 0 हायस्ट फाउंड इन सिटी क्.8 मिलीग्राम प्रति लीटरयहां मिला फ्लोराइड - सिटी के सभी 70 नमूनों में मिला है फ्लोराइड। मगर एक्सेस में रानीडीहा, आजाद चौक और बक्शीपुर में मिला है।
आर्सेनिक नॉर्मल - 0.0क् मिलीग्राम पर लीटर प्रॉब्लम - आर्सेनिक केरोटोसिस - स्किन कैंसर - यूरिनरी ब्लाडर कैंसर - किडनी कैंसर आर्सेनिक चार्ट - एरिया सैंपल नॉर्मल एक्सेस सिटी 70 म्ख् 8 बड़हलगंज क्ब् ख् क्ख् ब्रह्मापुर ख्फ् क्ब् 9 कैंपियरगंज ब्0 ख्म् क्ब् जंगल कौडि़या क्8 8 क्0कौड़ीराम क्म् क्ख् ब्
खोराबार ख्0 भ् क्भ् पिपरौली क्8 क् क्7 सहजनवां क्0 क्0 0 सरदारनगर क्9 क्8 क् हायस्ट फाउंड इन सिटी 0.0ब्7 मिलग्राम प्रति लीटर यहां मिला आर्सेनिक - आजाद चौक, रुस्तमपुर, असुरन, बहरामपुर, गीताप्रेस, बक्शीपुर, पादरी बाजार, लाल डिग्गी फ्लोराइड प्यूरिफिकेशन टेक्नीक - नकगूंडा टेक्नीक के थ्रू फ्लोराइड से वाटर को प्योर हो सकता है एमएमएमयूटी के सिविल इंजीनियरिंग के डॉ। गोविंद पांडेय की माने तो एक बाल्टी पानी को प्योर करना है तो फिटकरी, चूना या सोडियम कार्बोनेट और ब्लीचिंग पाउडर का यूज कर वाटर को प्योर किया जा सकता है। अगर ख्00 मिली ग्राम प्रति लीटर एल्केलिनटी है और ख् मिलीग्राम पर लीटर फ्लोराइड है तो इसके लिए 90 मिग्रा प्रति लीटर फिटकरी का यूज करना होगा। इसके लिए पानी में फिटकरी का घोल मिला देते हैं, इसके लिए चूना या सोडियम कार्बोनेट का सॉल्युशन मिला देते हैं। इसके बाद ख्0 मिनट तक स्लो मिक्स करते हैं। इसके बाद एक घंटे सैटल होने के लिए छोड़ देते हैं। सैटल होने के बाद ऊपर का पानी निकाल लेते हैं। म्0 लीटर में ब्0 लीटर वाटर मिल जाता है। वहीं आर्सेनिक रिमूवल के लिए डोमेस्टिक लेवल पर वर्क चल रहा है। आने वाले वक्त में उम्मीद की जा सकती है कि इस प्रॉब्लम से छुटकारा पाया जा सकता है।