आपके कमरे में चलने वाले बल्ब की औसत कीमत क्या होगी और ये कितने महीने या साल चलता है?

अमरीका में एक ऐसा बल्ब डिजाइन किया गया है जो 60 डॉलर यानी करीब तीन हजार रुपए में मिलेगा और चलेगा 20 साल तक। इस बल्ब को डच कंपनी फिलिप्स ने बनाया है। इसमें फिलामेंट की जगह लाइट एमिटिंग डाइओड यानी एलईडी इस्तेमाल की गई है। एलईडी के उपयोग के कारण ही बल्ब इतने लंबे समय तक चलेगा।

फिलिप्स ने कुछ दुकानों के साथ डील की है जिसके तहत कुछ लोगों को ये बल्ब 20 डॉलर यानी एक हजार रुपए में मिलेगा। जबकि इसकी कीमत तीन हजार रुपए पड़ती है।

‘ब्राइट टूमॉरो’ प्रतियोगितादरअसल अमरीका में ऊर्जा विभाग ने ‘ब्राइट टूमॉरो’ नाम से एक प्रतियोगिता करवाई थी। इसका मकसद 60 वॉट वाले बल्ब की जगह ऐसा बल्ब ढूँढना था जिसमें बिजली की खपत कम होती हो। इसी प्रतियोगिता में इस बल्ब को पुरस्कार मिला है।

ऊर्जा विभाग ने कंपनियों को कहा था कि वो ऐसा डिजाइन तैयार करें जो पुराने बल्ब की तरह रोशनी दे पर ऊर्जा की खपत कम हो। केवल फिलिप्स ने ही प्रतियोगिता में हिस्सा लिया था। उसके डिजाइनों पर 18 महीने तक परीक्षण किए गए जिसके बाद विजेता घोषित किया गया।

एलईडी बल्ब का सस्ता और कम कार्यकुशल संस्करण बाजार में फिलिप्स बेचता है। एलईडी बल्ब को ‘कॉम्पेक्ट फलोरोसेंट लाइट’ से टक्कर मिल रही है जिनमें बिजली एलईडी बल्ब के बराबर ही खर्च होती है पर कीमत काफी कम है। अमरीका में प्रशासन के स्तर पर ऐसे बल्ब को बढ़ावा दिया जा रहा जिनसे बिजली की खपत कम हो।

अमरीका और यूरोप में 100 वॉट के बल्ब का उत्पादन बंद हो चुका है। यूरोप में तो 60 वॉट के बल्ब का उत्पादन भी रुक चुका है जबकि अमरीका में जल्द ही इनके बनाने पर रोक लग जाएगी। वर्ष 2014 के बाद से 40 वॉट और ज्यादा के बल्ब अमरीका में प्रतिबंधित हो जाएँगे।

Posted By: Inextlive