सैटरडे को शहर में हुई बारिश ने नगर निगम के दावों की पोल खोल कर रख दी है. दोपहर में लगभग एक घंटे हुई बारिश से कई रोड जलमग्न हो गईं. आरटीओ के सामने तो बाइक स्कूटी तक बन्द हो गई. वहीं नाला ओवरफ्लो के कारण बारिश का पानी दुकानों समेत घरों में घुस गया. कई इलाके जलमग्न हो गए. जबकि नगर निगम ने नाला सफाई पर लगभग साढ़े तीन करोड़ रुपए खर्च किए थे. ऐसे में लोग सवाल उठा रहे हैं कि करोड़ों रुपए खर्च होने

कानपुर (ब्यूरो) शहर में लगभग 1473 छोटे-बड़े नाले हैं। इनकी सफाई को लेकर स्वास्थ्य विभाग और अभियंत्रण विभाग की जिम्मेदारी तय की गई थी। कई बड़े नालों को मशीन से साफ करवाया गया था। लगभग दो महीने नाला सफाई का कार्य चला। डेडलाइन 20 जून तक रखी गई। जिसके बाद दावा किया गया कि लगभग सभी नालों की सफाई हो गई है। मौके से सिल्ट भी उठा लिया गया है। सैटरडे को बारिश हुई हो काकादेव, रावतपुर, सर्वोदय नगर, शास्त्री नगर, नमक फैक्टरी, मरियमपुर चौराहा, पांडु नगर, स्वरूप नगर, तिलक नगर समेत अन्य जगहों पर जलभराव हो गया।

इसलिए हुआ जलभराव
शहर के बड़े नाले रफाका, सीसामऊ, उस्मानपुर, शीतला बाजार नाला, विजय नगर समेत अन्य जगहों के नाले की सफाई में खानापूरी की गई। इसके अलावा कई जगहों पर छोटे नालों बिना रैप तोड़े ही कागजों में सफाई दिखा दी गई। ऐसे में जब बारिश हुई तो कचरा के जमा होने के चलते जगह-जगह जलभराव हो गया।

लापरवाही बर्दाश्त नहीं
नगर आयुक्त शिवशरणप्पा जीएन ने पिछले दिनों शहर के अलग-अलग जगहों पर नाला सफाई का निरीक्षण किया था। कहा था कि अगर बारिश होने पर जलभराव हुआ तो उस जोन के अभियंता और नाला साफ कराने वाले ठेकेदार के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी। किसी तरह की लापरवाही बर्दाश्त की जाएगी।

स्वास्थ्य विभाग के नाले
1209 नाले
425439 मीटर लंबाई

अभियंत्रण विभाग के नाले
165 नाले
128117 मीटर लंबाई

Posted By: Inextlive