97 करोड़ की पुरानी करेंसी के सौदागर भेजे गए जेल
-नोटबंदी के बाद ब्लैक मनी की सबसे बड़ी रिकवरी , बिल्डर, प्रोफेसर और प्राइवेट कर्मी भी हैं काले 'खेल' में शामिल
-पूरी रात गिने गए नोट, सुबह 9 बजे गिनती पूरी होने पर बक्सों में भरकर ट्रक के जरिए पहुंचाए गए रिजर्व बैंक-पुलिस और इनकम टैक्स अफसरों को आरोपियों के पास से कई अहम डायरी और लेजर बरामद, पूछताछ जारीपुरानी करेंसी बदलते थेअधिकारियों के मुताबिक देश में नोटबंदी के बाद की ये सबसे बड़ी रिकवरी है। पुलिस और इनकम टैक्स अफसरों को आरोपियों के पास डायरी और कई लेजर बरामद हुए हैं। जिसमें पुरानी करेंसी किसकी है, इसकी डिटेल्स लिखी है। इसमें सफेदपोश और कारोबारियों के नाम हैं। आईजी आलोक सिंह ने बताया कि ये आरोपी किस तरह से पुरानी करेंसी बदलते थे? इसका पता लगाने के लिए आरोपियों को कस्टडी रिमांड पर लिया जाएगा।
यहां से उठाए गए आरोपी
पुलिस ने बिल्डर आनन्द खत्री समेत सोलह आरोपियों को तीन होटल और एक बंगले में छापा मारकर उठाया था। इसमें कानपुर के बिल्डर और साड़ी कारोबारी आनन्द खत्री, उनके साथी डीएवी कॉलेज के प्रोफेसर संतोष यादव और मोहित ढींगरा को आनंद खत्री के स्वरूपनगर स्थित बंगले से उठाया गया था, जबकि अन्य आरोपियों को 80 फिट रोड स्थित होटल गगन, ब्लिस और नमस्कार से उठाया गया था। पुलिस को सभी आरोपियों के कब्जे से पुरानी करेंसी मिली थी। जिसमें सबसे ज्यादा करेंसी बिल्डर आनन्द खत्री के एक बंगले श्याल लीला से बरामद हुई। शेष आरोपी भी नोट बदलवाने के लिए बिल्डर के पास पुरानी करेंसी जमा करवाने आए थे। पुलिस और अन्य एजेंसियों की पूछताछ में आरोपियों ने मनी ट्रांजेक्शन करने का जुर्म कबूल किया है। उन्होंने बताया कि वे अब तक 15 करोड़ रुपये की करेंसी बदल भी चुके हैं।
आईजी आलोक सिंह ने बताया कि एसपी पूर्वी और एसपी पश्चिम की अगुवाई में फोर्स ने मंगलवार दोपहर बिल्डर आनन्द खत्री के एक मकान में छापा मारा था। यह मकान बिल्डर ने कुछ दिनों पहले ही खरीदा है। पुलिस को यहां पर एक कमरे में भरी हजार और पांच सौ के पुराने नोटों की गड्डियां बरामद हुई। पुलिस ने नोटों को गिनना चालू किया तो नोट गिनने में पूरी रात बीत गई। एसपी अनुराग आर्या के मुताबिक सुबह 9 बजे नोटों की गिनती पूरी हो पाई। इसके बाद नोटों को बक्सों में भरकर ट्रक में रखकर पुलिस लाइन पहुंचाया गया।
यह कार्रवाई की गई
सभी आरोपियों पर धोखाधड़ी (420), चुराई हुई संपत्ति रखना (411), साजिश (120 बी) और एसबीए एक्ट की धारा 5भ्/7 के तहत कार्रवाई की गई है। आईजी आलोक सिंह ने बताया कि पुरानी करेंसी को रखने के लिए आरोपियों पर एसबीए एक्ट की धारा भ्/7 के तहत कार्रवाई की गई है। इसमें पांच साल कैद और जुर्माने की सजा का प्रावधान है। साथ ही इसमें जितनी रकम बरामद हुई है। उसका पांच गुना जुर्माना लगाने का भी प्रावधान है.
- मनीष अग्रवाल निवासी अभय गुहा रोड लिलुओ हावड़ा
- कुटेश्रर राव निवासी शाही विला बेगमपैठ मैथाडिस्ट स्ट्रीट हैदराबाद- अली हुसैन निवासी गुन्टूर आंध्रप्रदेश- राजेश्वरी निवासी देवड़ा चेरऊ बोंगोल प्रकाशम आंध्र प्रदेश