केंद्रीय रिज़र्व बैंक ने दोहरे अंकों के आस-पास मँडरा रही महँगाई दर को क़ाबू में लाने की कोशिश के तहत एक बार फिर ब्याज़ दरों में बढ़ोत्तरी कर दी है.

पिछले सवा साल में 11वीं बार ये बढ़ोत्तरी की गई है जो कि उम्मीद से ज़्यादा 50 अंकों की है। आरबीआई ने व्यावसायिक बैंकों को उधारी के रेपो रेट को बढ़ाकर आठ प्रतिशत कर दिया है हालाँकि बढ़त की उम्मीद सिर्फ़ 25 बेसिस अंकों की ही थी।

इस बीच बैंकों से जमा होने वाले धन पर दिए जाने वाली रिवर्स रेपो दर अब सात प्रतिशत होगी। रेपो दर अब तीन साल में सबसे ऊँची हो गई है जबकि रिवर्स रेपो तो एक दशक में सबसे ऊँची मानी जा रही है।

एशिया की प्रमुख अर्थव्यवस्थाओं में भारत में महँगाई की दर सबसे ज़्यादा है और ये लगभग 10 प्रतिशत के आस-पास है। मुंबई में बैठक के बाद आरबीआई के गवर्नर डी सुब्बाराव ने दरों में बढ़ोत्तरी के लिए ईंधन की ऊँची क़ीमतों और ग़ैर-खाद्य क़ीमतों में बढ़त को ज़िम्मेदार ठहराया। इस घोषणा के बाद मुंबई शेयर बाज़ार में गिरावट देखी गई। वैसे बैंक ने कैश रिज़र्व रेशियो को छह प्रतिशत पर बरक़रार रखा है।

आरबीआई ने इस साल आर्थिक वृद्धि दर का अपना अनुमार आठ प्रतिशत पर बरक़रार रखा है। वैसे ब्याज़ दर पर निर्भर रहने वाले कई क्षेत्रों में औसत वृद्धि देखी गई है मगर आरबीआई ने कहा कि उसने किसी बड़ी मंदी का फ़िलहाल कोई संकेत नहीं देखा है।

Posted By: Inextlive