अगर आप बंद कमरे में अंगीठी ब्लोअर या हीटर जलाकर सो रहे हैं तो थोड़ा सावधान हो जाइए. क्योंकि ये आपको ठंड से तो बचाते हैं लेकिन कमरे की ऑक्सीजन को खत्म कर देते हैं जिससे दम घुटने से मौत भी हो सकती है. एटॉप्सी सेंटर के डॉ. नवनीत चौधरी ने बताया कि कमरे में अंगीठी ब्लोअर या हीटर चलाते हैं तो एक समय ऐसा आता है जब पूरे कमरे का टेम्प्रेचर नार्मल से ज्यादा होना शुरू होता है.


कानपुर (ब्यूरो)। अगर आप बंद कमरे में अंगीठी, ब्लोअर या हीटर जलाकर सो रहे हैं तो थोड़ा सावधान हो जाइए। क्योंकि ये आपको ठंड से तो बचाते हैं लेकिन कमरे की ऑक्सीजन को खत्म कर देते हैं, जिससे दम घुटने से मौत भी हो सकती है। एटॉप्सी सेंटर के डॉ। नवनीत चौधरी ने बताया कि कमरे में अंगीठी, ब्लोअर या हीटर चलाते हैं तो एक समय ऐसा आता है, जब पूरे कमरे का टेम्प्रेचर नार्मल से ज्यादा होना शुरू होता है। इस समय कमरे में सो रहे लोगों को नशे का अहसास होने लगता है, लेकिन लापरवाही और आलस की वजह से लोग बिस्तर से नहीं निकलते हैैं, जिसकी वजह से इस तरह की घटनाएं होती हैैं। हो चुके हैं कई हादसे डॉ। चौधरी ने बताया कि लोगों को चाहिए कि वे अपने कमरे में अंगीठी से तापने के बाद अंगीठी को बाहर रख दें, जिसके बाद ही सोएं और बहुत जरूरी न हो तो कमरे का दरवाजा खुला रखें। बताते चलें कि संडे रात जूही के परमपुरवा के बसंती नगर में कमरे में अंगीठी जलाकर सोने से तीन लोगों की मौत हुई थी। इन सभी के पोस्टमार्टम रिपोर्ट में खून और खून की धमनियों में कार्बन मोनो ऑक्साइड गैस पाई गई है। इससे पहले भी बीते सालों में इस तरह के कई हादसे हो चुके हैं। स्मोकिंग करने वालों को खतरा ज्यादा फॉरेंसिक एक्सपर्ट डॉ। आनंद शर्मा की माने तो कई तरह की गैैंसे हानिकारक होती हैैं। चैैंबर में बनी गैस हाईड्रोजन सल्फाइड होती है जो शरीर में तेजी से असर करती है। ये हल्की होने की वजह से खून में जल्दी मिल जाती है। वहीं ज्यादा पानी शरीर में जाने पर प्राण वायु ऑक्सीजन का पानी से रिएक्शन होता है और सांस लेने में परेशानी होने लगती है। वहीं धुआं भरने से कार्बन-मोनो-ऑक्साइड कमरे में ऑक्सीजन से रिएक्ट करती है। ऑक्सीजन हल्की होने की वजह से ऊपर की ओर चली जाती है और कार्बन नीचे रह जाता है और कमरे में मौजूद लोग अचेत हो जाते हैैं. ये हादसा भी आया सामने बिहार निवासी संतोष कुमार मंडल का 18 साल का बेटा विक्रम कुमार मंडल एमरॉल्ड गार्डेन के टॉवर पांच में फ्लैट नंबर 801 में नौकरी करता था। वह उसी फ्लैट के एक कमरे में दिनभर का काम निपटा कर खाना पीना खाकर सोता था। 19 जनवरी की रात विक्रम कमरे को बंद करके अंगीठी जलाए सो रहा था। कमरे में वेंटीलेशन न होने की वजह से उसमें कार्बन मोनो ऑक्साइड गैस बनने की वजह से उसकी हालत बिगड़ गई और वह बेहोश हो गया। 20 जनवरी को सिक्योरिटी गार्ड ने विक्रम को कमरे से बेहोशी की हालत में निकालकर सर्वोदय नगर स्थित निजी अस्पताल में भर्ती कराया। 21 जनवरी को इलाज के दौरान उसकी मौत हो गई। Posted By: Inextlive