पैसे के आगे बड़ी सी बड़ी खामियां लोगों को नहीं दिखाई देती है. नियम कानून सब बौने लगते हैं. यह बात आरटीओ में तैनात कुछ कर्मचारियों व बाबुओं पर सटीक बैठती है. जो दलालों से मिलकर इन दिनों बिना मेडिकल सर्टिफिकेट के हैवी व्हीकल ड्राइवर्स के डीएल रिन्युवल करावा रहे हैं. यह खेल तब सामने आया जब मेडिकल सर्टिफिकेट जारी करने के लिए जिला अस्पताल से तैनात किए गए डॉक्टर के पास अचानक सर्टिफिकेट लेने वालों की संख्या 80 परसेंट घट गई. जिसकी शिकायत उन्होने आरटीओ समेत आलाधिकारियों से भी की.


कानपुर (ब्यूरो) कामर्शियल हैवी व्हीकल का डीएल रिन्युवल कराने की सरकारी फीस 400 रुपए है। वहीं दलाल डीएल रिन्युवल अप्लीकेंट से दो हजार रुपए का ठेका लेते हैं। जिसमें उसको न तो किसी दस्तावेज के लिए चक्कर लगाने की जरूरत पड़ती है और न ही मेडिकल कराने की। दो हजार रुपए देने के बाद अप्लीकेंट को सिर्फ फोटो खिंचवाने के लिए जाना पड़ता है बाकी का काम दलाल कार्यालय में कार्यरत कुछ कर्मचारियों से मिलकर करा लेता है।

ट्रेनिंग में जाने का दिखाते डर
हैवी व्हीकल के डीएल का रिन्युवल कराने के लिए आरटीओ में आने वाले अप्लीकेंट दलालों के चुंगल में आसानी से इसलिए फंस जाते है क्यों कि उनको नियमों की जानकारी नहीं हो पाती है। दलाल डीएल रिन्युवल कराने के लिए अप्लीकेंट को तीन दिनों की ट्रेनिंग के लिए विकास नगर स्थित रोडवेज ड्राइविंग ट्रेनिंग स्कूल जाने का डर दिखाते हैं। इस झंझट से बचने के लिए अप्लीकेंट दलाल को मुंह मांगे पैसे देता है। जब नियम यह है कि अगर अप्लीकेंट टाइम से डीएल रिन्युवल कराता है तो उसको ट्रेनिंग के लिए नहीं जाना होता है। वह रिन्युवल फीस जमा करने के साथ अपना पुराना डीएल फार्म में पंच कर आरटीओ में जमा कर देगा। जिसके कुछ दिनों के बाद नया डीएल डाक के माध्यम से उसके पते पर पहुंच जाएगा।

Posted By: Inextlive