यूथ को हैंडसम जॉब का लालच देकर साइबर हैकर्स बनाया जा रहा है. यह साजिश देश के अंदर नहीं बल्कि इंटरनेशनल लेवल पर चल रही है. कानपुर सहित प्रदेश के कई शहरों से युवाओं को वर्किंग वीजा पर चाइना बुलाया जा रहा है. चाइना में इन युवाओं को साइबर ठगी की ट्रेनिंग दी जाती है उसके बाद साइबर क्राइम कराया जा रहा है. सेंट्रल इंटेलीजेंस एजेसियों ने जानकारी प्रदेश सरकार के साथ शेयर की है. चौंकाने वाली इस जानकारी ने पुलिस और प्रशासन के अफसरों के कान खड़े कर दिए गए हैं.

कानपुर (ब्यूरो) यूपी सरकार ने जब वर्किंग वीजा पर चाइना जाने वालों की जानकारी निकलवाई तो पता चला कि कानपुर के 13 यूथ सहित प्रदेश के 219 युवा इन चाइनीज साइबर ठगों के शिकंजे में फंस गए हैैं। जिसके बाद सरकार ने यूपी इंटेलीजेंस को अलर्ट कर दिया है। गुपचुप इन युवाओं के परिवार वालों से संपर्क करना शुरू कर दिया है। वहीं चाइना में फंसे कुछ यूथ्स ने पीएमओ से संपर्क कर उन्हें मुक्त कराने की गुहार भी लगाई है।

मिनी जामताड़ा से पलायन
लगभग एक साल पहले चकेरी थाना क्षेत्र को मिनी जामताड़ा घोषित किया जा चुका है। विभिन्न प्रदेशेंा में साइबर ठगी की बड़ी वारदातों में शामिल शातिरों की तलाश में कई प्रदेशों की पुलिस यहां आती जाती रहती थी। एक रिपोर्ट के मुताबिक, 300 से ज्यादा साइबर शातिरों ने यहां ठिकाना बना लिया था। पुलिस की ताबड़तोड़ छापेमारी और कार्रवाई के बाद मिनी जामताड़ा बने चकेरी से साइबर शातिरों ने पलायन करना शुरू कर दिया है। माना जा रहा है कि इनमें से कई शातिर चाइना गैंग के कब्जे में भी फंस गए हैं।

लुभावने विज्ञापन से फंसाया
यूक्रेन और रसिया के वार का वास्ता देकर सोशल मीडिया पर लोगों को आकर्षक वेतन पर नौकरी का लालच दिया गया। इसके बाद इन लोगों का ऑनलाइन इंटरव्यू लिया गया। इंटरव्यू में तकनीक के थोड़े जानकारों को फिल्टर किया गया। फिर इन सभी को नौकरी का झांसा देकर वर्किंग वीजा दिया गया, जो केवल तीन महीने का था। वीजा और आने जाने का किराया बहुत कम देना पड़ा। विजिलेंस टीम के मुताबिक चाइना के कनमिंग चंगशुई एयरपोर्ट पर उतारा गया। यहां उतरते ही पहुंचने वालों के वीजा और पासपोर्ट जब्त कर होटल में पहुंचा दिया गया। इसके बाद ट्रेनिंग के नाम पर इनकों हैकिंग सिखाई गई।

लीगली वापस नहीं आ पा रहे
इंटेलीजेंस सूत्रों के मुताबिक ये जगह पहाड़ी इलाके में है, लिहाजा इसे चाइनीज हैकर्स सेफ प्लेस मानते हैैं। यहां सिग्नल भी कम मिलते हैैं, जिससे चाइना गए इंडियंस अपनी फैमिली से कॉन्टैक्ट भी नहीं कर पाते हैैं। सूत्रों की मानें तो चाइना में ट्रेनिंग देने के बाद देश के तमाम हिस्सों में हैकर्स से वारदातों को अंजाम दिलवाया जा रहा है। इसका खुलासा होने पर दिल्ली पुलिस एक्टिव हुई और दिल्ली, मुंबई, बंगलुरू समेत बड़े शहरों से कुछ हैकर्स की गिरफ्तारी भी हुई है। पूछताछ में पता चला कि बहुत से पढ़े लिखे युवाओं को जब पूरी जानकारी हुई तो उन्होंने देश वापस भेजने के लिए भी कहा लेकिन वीजा एक्सपायर होने की वजह से लीगली वापस नही आ पा रहे हैं।

युवा बरतें ये सावधानियां
- विज्ञापन में ज्यादा वेतन देखकर लालच में न आएं।
- पूरी तरह जांच पड़ताल के बाद ही कंपनी से बात करें।
- वीजा लेते समय उसकी अवधि जरूर देख लें।
- जानकारी करें कि आप किस काम के लिए ले जाए जा रहे हैैं।
- जब पूरी तरह से जानकारी हो जाए, तभी आगे कदम बढ़ाएं।
- जानकारी करें कि आखिर कंपनी इतने कम रुपये में क्यों बुला रही है?
- वीजा लेते समय टाइम पीरिएड की जांच जरूर करा लें।

देश के युवाओं को नौकरी का लालच देकर हैकर्स बनाया जा रहा है। इसकी जानकारी मिली है। प्रदेश की इंटेलीजेंस टीम को एक्टिव किया गया है।
प्रशांत कुमार, एडीजी लॉ एंड ऑर्डर

Posted By: Inextlive