- अमर दुबे के कहने पर पुत्तू ने किया था रुकने का इंतजाम

- शिवली नदी पुल के पास से शुरू हुआ था एग्जिट प्लान

kanpur : एडीजी अमिताभ यश ने बताया कि विष्णु कश्यप प्रभात मिश्र उर्फ कार्तिकेय का बचपन का दोस्त था। इस वजह से प्रभात का संपर्क विष्णु कश्यप के बहनोई रामजी उर्फ राधे से भी हो गया था। वारदात के बाद 3 जुलाई को सुबह तीन बजे प्रभात ने विष्णु कश्यप से संपर्क कर उसे शिवली में नदी के पुल के पास बुलाया। उस समय प्रभात अकेला खड़ा था। उसने विष्णु से 3 गमछे और पानी मंगाया। एक फोर व्हीलर का इंतजाम करने के लिए भी कहा। विष्णु ने अपने दोस्त शिवली निवासी छोटू की स्विफ्ट डिजायर कार ली। दोनों कैलई रोड तिराहे पर आ गए।

झाडि़यों के पीछे छिपा था

इसी दौरान झाडि़यों के पीछे छिपे विकास और अमर दुबे कार में आकर बैठ गए। अपने साथ लाए काफी आ‌र्म्स और एम्युनेशन के बैग कार में पीछे रख दिए। इसके बाद गाड़ी अमर दुबे चलाने लगा। वहां से सभी रसूलाबाद के तुलसी नगर आए। जहां घर के नीचे बने तलघर में सभी लोग छिप गए। यहीं से छोटू अपनी कार लेकर वापस चला गया। लगभग 12 बजे रामजी उर्फ राधे अपनी बाइक से अमर दुबे को लेकर रसूलाबाद से लेकर करियाझाला में संजय परिहार उर्फ टिंकू की बगिया में पहुंच गया। उस समय वहां टिंकू, अभिनव तिवारी उर्फ चिंकू, अर्पित, विक्की, अमन शुक्ला व मोहन अवस्थी मौजूद थे। अमर दुबे को रामजी उर्फ राधे ने अपने खेत में लगे ट्यूबवेल में रुकवा दिया।

असलहों के साथ फरार

तलघर में पहले दुर्दात दुबे, प्रभात, राधे व अभिनव ने खाना खाया। शाम लगभग 6 बजे पिस्टल और कुछ बड़े असलहों के साथ सभी पुत्तू के ट्यूबवेल पर पहुंच गए। यहां विकास ने पुत्तू से कहीं और रुकने को कहा। शिवम पाल ने उसके दो दिन तक रुकने का इंतजाम झींझक में किया। यहां विकास दुबे के न्यूजपेपर से वारदात की जानकारी की। इसके बाद साथियों से बताया कि बड़ा कांड हो गया। आठ पुलिसकर्मियों की मौत हो गई। 5 जुलाई को शुभम पाल ने सभी को अपनी ओमनी कार से औरैया छोड़ा। अमर दुबे का मोबाइल और कुछ असलहे अपने पास रख लिए थे। औरैया से विकास, अमर और प्रभात दिल्ली चले गए।

Posted By: Inextlive