यूपी में सुरक्षा एजेंसियां एनआईए एसटीएफ और एटीएस पीएफआई के स्लीपर सेल्स की धरपकड़ में जुटी हैैं. पकड़े गए पीएफआई सदस्यों से और उनके गैजेट्स से मिली जानकारी के आधार पर सुरक्षा एजेंसियां लगातार एक्टिव हैैं. देश में नफरत फैलाने का पैगाम देने वाले लोगों के सोशल मीडिया अकाउंट खंगाले जा रहे हैं. अभी तक सुरक्षा एजेंसियों को करीब 250 ऐसे वाट्सएप अकाउंट मिले है जिनमें धर्म से जुड़ी आपत्तिजनक पोस्ट फारवर्ड की गई है. इन ग्रुपों में कानपुर के लोग भी शामिल हैैं. वहीं पश्चिम यूपी में 86 वाट्सएप ग्रुप होने की बात सामने आई है. जिसमें पीएफआई से जुड़े मैसेज दिए जा रहे थे.

कानपुर (ब्यूरो) यूपी के तमाम शहरों में पीएफआई के नेटवर्क को तोडऩे में सुरक्षा एजेंसी छापेमारी कर रही है। संडे रात एसटीएफ ने लखनऊ से पीएफआई के प्रदेश अध्यक्ष वसीम अहमद के खास साथी मो। अब्दुल माजिद को गिरफ्तार कर लिया। जिससे बरामद इलेक्ट्रॉनिक गैजेट्स में सुरक्षा एजेंसियों को इस बात के पुख्ता सुबूत मिले हैैं कि कानपुर में इनका संजाल फैला हुआ हैै। नेटवर्क कुछ इस कदर टाइट है कि अगर कानपुर में सुरक्षा एजेंसियों की चहलकदमी शुरू होती है तो संस्था से जुड़े लोग आसपास के जिलों में अंडरग्राउंंड होकर सिम के साथ मोबाइल भी बदल देते हैैं। पीएफआई के स्लीपर सेल्स के इसी शातिराना अंदाज की वजह से इनवेस्टिगेशन आगे नहीं बढ़ पाती है। फिलहाल कानपुर में पनाह पाए दो दर्जन से ज्यादा स्लीपर सेल्स की जानकारी सुरक्षा एजेंसियों को मिली है, इसी जानकारी पर स्लीपर सेल्स की सुरागरसी की जा रही है।

शहर में इंटेलीजेंस टीम अलर्ट
लखनऊ के मक्कागंज इलाके से गिरफ्तार पीएफआई के सदस्य मोहम्मद अहमद बेग के तीन साथियों को एसटीएफ तलाश रही है। जांच में सामने आया है कि उसने इनका पासपोर्ट बनवाया था। उनकी कॉल डिटेल के आधार पर उससे जुड़े 24 लोगों की जानकारी जुटाई जा रही है। सोशल डेमोक्रेटिक पार्टी का सदस्य अहमद बेग विधानसभा चुनाव भी लड़ चुका है। वह पीएफआई के लिए प्रदेश में फंड जुटा रहा था।

यूपी से दिल्ली देने जाते थे ट्रेनिंग
सुरक्षा एजेंसी की जांच में सामने आया है कि पीएफआई से जुड़े सदस्य कानपुर और लखनऊ से दिल्ली तक ट्रेनिंग देने जाते थे। अहमद बेग से जुड़े करीब दर्जन भर युवक पश्चिमी उत्तर प्रदेश में फंड इकट्ठा करने के साथ ही संस्था का प्रचार प्रसार करने में जुटे थे। उसके पास से मिले इलेक्ट्रानिक डेटा से इसका खुलासा हुआ है। वह कई युवाओं का ब्रेन वॉश कर संगठन से जोड़ चुका है। जिन्हें दिल्ली, केरल समेत कई राज्यों में होने वाले ट्रेनिंग कैंप में भेज चुका है।

स्लीपर मॉड्यूल की तलाश तेज
सुरक्षा एजेंसी यूपी में पीएफआई और आतंकी संगठनों से जुड़े युवाओं की तलाश शुरू कर दी है। इसको लेकर पिछले दिनों गिरफ्तार कट्टïरपंथी लोगों का डेटा एनालिसिस किया जा रहा है। सुरक्षा एजेंसी के सूत्रों के मुताबिक सीएए और एनआरसी को लेकर हिंसक प्रदर्शन करने वाले 108 लोगों से जुड़े करीब पांच सौ लोगों की लिस्ट तैयार की है। जिनके इस संगठन से जुड़े होने की आशंका है। ये सभी उनके राडार पर हैं और उनकी एक-एक एक्टिविटी पर नजर रखी जा रही है। इसके लिए शहर से लेकर गांव तक खुफिया को एक्टिव कर दिया गया है।

धर्म पर डिबेट करने वालों पर नजर
शासन के आदेश पर शहर से लेकर गांव तक धार्मिक विषयों पर डिबेट करने वालों पर नजर रखी जा रही है। जो खासतौर पर किसी धार्मिक संगठन या दीनी तलीम हांसिल करके लौटे हैं। कई ग्रामीण इलाकों से सूचना मिल रही हैं कि कुछ युवकों के रहनसहन से लेकर बातचीत के तौर तरीकों में भी पिछले दो सालों में बदलाव आया है।

यूपी में सुरक्षा एजेंसियां ताबड़तोड़ छापेमारी कर रही हैैं। इसी के चलते लखनऊ में पकड़े गए स्लीपर सेल से मिली जानकारी के आधार पर कानपुर में एजेंसियां छानबीन कर रही हैैं।
प्रशांत कुमार, एडीजी लॉ एंड ऑर्डर
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Posted By: Inextlive