केस्को के बड़े बड़े तमाम दावों के बावजूद भीषण गर्मी में कानपुराइट्स को पावर क्राइसिस का सामना करना पड़ रहा है. फॉल्ट और ब्रेकडाउन के कारण कई कई घंटे तक बिजली गुल रहती है. ऐसे में यूपीपीसीएल उत्तर प्रदेश पावर कारपोरेशन लिमिटेड ने सख्त रुख अख्तियार किया है. कानपुराइट्स को बेहतर पॉवर सप्लाई के लिए पल-पल यूपीपीसीएल निगहबानी कर रहा है. इससे केस्को के डिस्ट्रिब्यूशन डिवीजंस के इम्प्लाइज में अफरातफरी मच गई है.

कानपुर (ब्यूरो)। केस्को के बड़े बड़े तमाम दावों के बावजूद भीषण गर्मी में कानपुराइट्स को पावर क्राइसिस का सामना करना पड़ रहा है। फॉल्ट और ब्रेकडाउन के कारण कई कई घंटे तक बिजली गुल रहती है। ऐसे में यूपीपीसीएल(उत्तर प्रदेश पावर कारपोरेशन लिमिटेड) ने सख्त रुख अख्तियार किया है। कानपुराइट्स को बेहतर पॉवर सप्लाई के लिए पल-पल यूपीपीसीएल निगहबानी कर रहा है। इससे केस्को के डिस्ट्रिब्यूशन डिवीजंस के इम्प्लाइज में अफरातफरी मच गई है। उन्हें इंडस्ट्रियल एरिया के फीडर 5 मिनट और रेजीडेंशियल फीडर 15 मिनट से अधिक रहने पर जवाब देना पड़ रहा है। ऑफिसर्स का कहना है कि वाजिब कारण न होने पर संबंधित इंजीनियर सहित इम्प्लाइज पर गाज भी गिर सकती है।

केस्को के सिटी में 94 सबस्टेशन है। इनसे 11 केवी के निकलने वाले फीडर्स की संख्या 543 फीडर हैं। जिनके जरिए केस्को घर, मार्केटं व इंडस्ट्रीज आदि के 7 लाख से अधिक कन्ज्यूमर्स को पॉवर सप्लाई करता है। हालांकि इसमें सबस्टेशन को बिजली देने वाले फीडर भी शामिल है। शहर में बिजली कटौती तो नहीं हो रही है लेकिन फॉल्ट, ब्रेकडाउन और शटडाउन के कारण रोजाना कई एरियाज में बिजली संकट का सामना करना पड़ता है। कई आर फॉल्ट डिटेक्ट करने और मेंटिनेंस में लंबा वक्त लग जाता है। वहीं इंडस्ट्रियल एरिया में एक भी बार बिजल ट्रिप करने पर खासा नुकसान उठाना पड़ता है।

आरटीडास के जरिए निगहबानी
यूपीपीसीएल ने कुछ समय पहले केस्को के इन फीडर्स को रियल टाइम डेटा एक्विजीशन सिस्टम पोर्टल से जोड़ लिया था। जिससे कि हर एक फीडर की पल-पल की जानकारी उन्हें मिल सके। 24 घंटे में कौन सा फीडर कितनी बार बन्द हुआ और फिर कितनी देर बाद चालू हुआ। यानि हर एक फीडर की डेली आउटेज की टोटल संख्या के साथ टोटल ड्यूरेशन की जानकारी भी यूपीपीसीएल को हो रही है। हालांकि आरडीडास पोर्टल पर केस्को के कई फीडर की अभी रिपोर्ट नहीं आ रही है।

मेंटीनेंस के लिए दे चुका समय
यूपीपीसीएल ने फरवरी को मेंटीनेंस मंथ घोषित कर दिया था। जिससे गर्मी में बेहतर पॉवर सप्लाई की जा सके। इसी वजह से यूपीपीसीएल ने एक महीने का समय ट्रांसफार्मर, कंडक्टर, सबस्टेशन, पॉवर सप्लाई आदि के लिए मेंटीनेंस के लिए केस्को सहित अन्य डिस्कॉम को दिया था। हालांकि केस्को ने मेंटीनेंस वक्र्स कम्प्लीट करने में दो महीने से अधिक समय लगाया है।

अब पॉवर सप्लाई पर फोकस
मेंटीनेंस वक्र्स कम्प्लीट होने के बाद अब यूपीपीसीएल का पूरा फोकस पॉवर सप्लाई पर है। इससे पहले यूपीपीसीएल ने केस्को के पॉवर सप्लाई सिस्टम को बेहतर बनाने के लिए पिछले फाइनेंशियल ईयर में बिजनेस प्लान, एडीश्नल बिजनेस प्लान और अरबन डेवलपमेंट फंड को मिलाकर एक अरब से अधिक रुपए पॉवर सप्लाई सिस्टम सुधारने के लिए दिए थे। यही नहीं इससे पहले सेंट्रल गवर्नमेंट ने इंटीग्र्रेटेड पॉवर डेवलपमेंट सिस्टम और फिर रिवैम्प्ड स्कीम के अन्र्तगत केस्को को अरबों रुपए की ग्र्रांट दी।

कितनी बार फीडर बंद, कितनी बार चालू
इन्हीं वजह से यूपीपीसीएल ऑफिसर मान रहे हैं कि कानपुर में पॉवर सप्लाई बेहतर होनी है। कम से कम फाल्ट व ब्रेकडाउन हो, अगर हो भी किसी तरह की लापरवाही न बरती जाए। जल्दी से जल्दी फाल्ट व ब्रेकडाउन बनाकर पॉवर सप्लाई बहाल की जाए। इसी वजह से यूपीपीसीएल केस्को के सभी फीडर्स की पॉवर सप्लाई की डेली रिपोर्ट ले रहा है। जिसमें एक दिन में कितनी बार केस्को के 11 केवी फीडर बन्द हुए और फिर कितनी-कितनी देर बाद चालू हुए। आउटेज की संख्या व डयूरेशन के साथ ये रिपोर्ट केस्को को भेजी जा रही है। इसके साथ यूपीपीसीएल उनसे 5 मिनट से अधिक समय तक बन्द रहने वाले इंडस्ट्रियल व 15 मिनट से अधिक टाइम तक बन्द रेजीडेंशियल फीडर्स को लेकर जवाब-तलब कर रहा है।

Posted By: Inextlive