जीएसवीएम मेडिकल कालेज कैम्पस में रैगिंग की बात पर शनिवार को फुलस्टॉप लगा दिया गया. जूनियर और सीनियर मेडिकल स्टूडेंट्स से बातचीत और हॉस्टल में रखे गए कम्प्लेन बॉक्स में कोई कम्प्लेन नहीं मिलने पर फाइनल रिपोर्ट बनाई गई. एंटी रैङ्क्षगग सेल ने फाइनल रिपोर्ट पर सहमति जताई. अब फाइनल रिपोर्ट को एंटी रैङ्क्षगग काउंसिल दिल्ली भेजा जाएगा. वहीं जीएसवीएम मेडिकल कालेज का नाम रैङ्क्षगग को लेकर धूमिल करने वालों की पहचान के लिए साइबर सेल की मदद लेने पर भी फैसला हुआ है.


कानपुर (ब्यूरो) शनिवार को हुई एंटी रैङ्क्षगग कमेटी की बैठक में प्रिंसिपल प्रो। संजय काला ने बताया कि एक वर्ष पहले शिकायत करने वाला और इस बार रैङ्क्षगग की शिकायत करने वाला एक ही व्यक्ति है। दोनों शिकायती पत्र लगभग एक समान है। जिसका उद्देश्य सिर्फ कालेज की छवि को खराब करना है। इसके साथ ही सभी मेडिकल स्टूडेंट्स से वॉयरल वीडियो के बारे में इंक्वॉयरी की गई। सुरक्षा गार्ड और स्टूडेंट्स ने ऐसा कुछ भी होने की बात से इन्कार किया है।

कम्प्लेन बॉक्स रहा खाली
छात्रावास में वार्डन की उपस्थिति में कम्प्लेन बाक्स खुलवाए गए जिसमें भी कोई कम्प्लेन नहीं मिली। जिससे रैङ्क्षगग की बात सामने आई हो। इस अवसर पर पैथोलाजी एचओडी डा। सुमनलता वर्मा, बाल रोग एचओडी डा। यशवंत राव, एनाटामी एचओडी डा। सुनीति पांडेय, प्रो। प्रमोद कुमार, प्रो। अरुण कुमार आर्या, प्रो। लुबना खान, डा। अमितेश यादव सहित एंटी रैङ्क्षगग कमेटी के मेम्बर्स मौजूद रहे।

Posted By: Inextlive